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आम आदमी पार्टी के नव निर्वाचित विधायकों ने बुधवार को अरविंद केजरीवाल को विधायक दल का नेता चुना. अरविंद केजरीवाल ने सिविल लाइंस में अपने आधिकारिक आवास पर विधायकों से मुलाकात की और इस दौरान उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया.
2015 में दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग 7 फरवरी को हुई थी और 10 फरवरी को मतदान की गणना हुई थी. इस साल AAP ने सभी पार्टियों को पीछे छोड़ते हुए 70 में से 67 सीटें हासिल की थीं. वहीं, बीजेपी को केवल 3 सीटें मिली थीं और पहली बार कांग्रेस खाता खोलने में भी नाकाम रही थी. अरविंद केजरीवाल ने 14 फरवरी को रामलीला मैदान में दूसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
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वोट शेयर के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता लगता है कि आम आदमी पार्टी ने अपने वोटर से पकड़ ढीली नहीं की है. बीजेपी का वोट शेयर लगभग 6 फीसदी बढ़ा है. मगर रोचक तथ्य ये है कि बीजेपी ने आम आदमी पार्टी से वोट नहीं झटके हैं, बल्कि उसने कांग्रेस का वोट काटा है. क्योंकि जहां बीजेपी को 6 फीसदी ज्यादा वोट मिले हैं, वहीं कांग्रेस के वोट शेयर में लगभग 5 फीसदी की कमी आई है.
एक बात और ये है कि वोट शेयर को देखें तो समझ में आता है कि दिल्ली में वाकई में सिर्फ दो पार्टियों के बीच मुकाबला था. अगर आप बीजेपी और आम आदमी पार्टी के वोट परसेंटेज को मिला दें तो ये करीब 92 परसेंट आता है. कांग्रेस और बाकी पार्टियां महज 8 परसेंट वोटों में सिमट गईं.
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