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दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया है. वहीं भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ 8 सीटें ही मिल सकीं हैं. बीजेपी को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को हराना काफी मुश्किल भरा रहा. विश्वास नगर, रोहिणी, गांधी नगर, घोंडा, करावल नगर, लक्ष्मी नगर, रोहतास नगर, बदरपुर ये वो आठ विधानसभा सीटें हैं, जहां से बीजेपी उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे हैं.
67 साल के ओम प्रकाश शर्मा दिल्ली में बीजेपी के उन्हीं 3 विधायकों में से एक हैं, जिन्होंने 2015 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी. ओम प्रकाश के पिता म्युनिसिपल कॉरपोरेशन दिल्ली में कर्मचारी रहे हैं. शर्मा सत्यवती कॉलेज से ग्रेजुएट हैं. इसी कॉलेज में वो कॉलेज प्रेसिंडेंट थे. दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ में उन्होंने अरुण जेटली के साथ काम किया है. 2013 और 2015 की तरह उन्होंने इस बार भी विश्वास नगर सीट से चुनाव लड़ा. इलेक्शन मैनीफेस्टो में वो अपना व्यवसाय कारोबार बताते हैं.
विजेंद्र गुप्ता 2015 में दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं. विजेंद्र गुप्ता दिल्ली के दिग्गज नेताओं में से एक हैं. विजेंद्र गुप्ता छात्र नेता रहे हैं और दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं. रोहिणी सीट से लंबे वक्ट तक काउंसलर रहे हैं. वो एमसीडी की स्टेंडिंग कमेटी के मेंबर भी रहे हैं. विजेंद्र गुप्ता दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं. इसी दौरान दिल्ली बीजेपी ने निगम के चुनाव जीते थे और माना जा रहा था कि वो 2013 में पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार रह सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 2015 में आप की लहर के बावजूद वो अपनी सीट बचा पाने में कामयाब रहे और बतौर विपक्षी नेता विधानसभा सदन में पार्टी का झंडा बुलंद करते रहे.
48 साल के अजय महावर ने दिल्ली में घोंडा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और करीब 28 हजार से ज्यादा वोटों से जीत गए. 2015 में श्रीदत्त शर्मा इस सीट से जीते थे. चुनावी मेनीफेस्टो में अजय महावर ने अपना व्यवसाय कारोबार बताया है.
62 साल के मोहन सिंह बिष्ट दिल्ली की करावल नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और उन्होंने करीब 8 हजार वोटों से जीत दर्ज की है. इलेक्शन कमीशन में दायर एफिडेविड में उन्होंने अपना पेशा समाजसेवा बताया है. मोहन सिंह बिष्ट ने 12वीं क्लास तक पढ़ाई की है. उनके खिलाफ एक भी आपराधिक मुकदमा नहीं हैं. 2015 में करावल नगर से कपिल मिश्रा ने दर्ज की थी तब कपिल मिश्रा आम आदमी पार्टी के नेता थे.
लक्ष्मी नगर विधानसभा सीट से बीजेपी के अभय वर्मा मामूली अंतर जीत दर्ज की है. अभय वर्मा आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार नितिन त्यागी से करीब 1 हजार वोटों से जीत गए हैं. इस सीट पर कांटे की टक्कर हुई. अभय वर्मा दिल्ली बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. साथ ही बीजेपी के दिल्ली में पूर्वांचल मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं. इलेक्शन कमीशन में दायर एफिडेविड के मुताबिक उनकी उम्र 47 साल हैं और उन्होंने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है. उनके खिलाफ 3 क्रिमिनल केस भी दर्ज है.
दिल्ली की रोहतास नगर सीट से बीजेपी के जितेंद्र महाजन जीते. जितेंद्र महाजन करीब 13 हजार वोटों से जीते. आम आदमी पार्टी की सरिता सिंह इस सीट से हार गई हैं. जितेंद्र महाजन ने इलेक्शन कमीशन को दिए एफिडेविड में खुद के पेशे को सामाजिक कार्यकर्ता बताया है. 50 साल के जितेंद्र महाजन ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई है.
दिल्ली के बदरपुर सीट से रामवीर सिंह बिधूड़ी विनर बने. इस सीट पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार राम सिंह नेताजी को रामवीर सिंह ने करीब 4 हजार वोटों से हराया है. दोनों के बीच कांटे की टक्कर रही. 67 साल के रामवीर सिंह महाजन पेशे से कारोबारी और सामाजिक कार्यकर्ता हैं. रामवीर सिंह की दिल्ली के गुज्जर बहुल इलाके फरीदाबाद बॉर्डर में अच्छी पकड़ है. बिधूड़ी पहले कांग्रेस, एनसीपी में रह चुके हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 90 के दशक में जनता दल से की थी. 2013 के विधानसभा चुनाव में बिधूड़ी ने बीजेपी से चुनाव लड़ा और जीत गए. हांलाकि वो 2015 चुनाव में आप के नारायण दत्त शर्मा से हार गए थे.
जिन 8 सीटों को बीजेपी जीत दर्ज की है उनमें गांधी नगर भी एक सीट है. गांधीनगर सीट से बीजेपी के अनिल कुमार बाजपेयी करीब 26 हजार वोटों जीते. वहीं इस सीट से आम आदमी पार्टी के नेता नवीन चौधरी हार गए हैं. गांधी नगर सीट ईस्ट दिल्ली नगर निगम में आती है. पेशे से अनिल कुमार बाजपेयी पॉलिटिकल एक्टिविस्ट हैं. इलेक्शन कमीशन को दिए एफिडेविड में उन्होंने बताया है कि उनके खिलाफ एक आपराधिक मुकदमा है.
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