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Mainpuri Bypoll Result: आजमगढ़ और रामपुर लोक सभा उपचुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद आखिरकार समाजवादी पार्टी स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव का गढ़ बचाने में कामयाब रही है. समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी डिंपल यादव (Dimple Yadav) ने यहां पर लाख वोट से अधिक की बढ़त बनाई हुई है. उनकी यह जीत अपने ससुर को श्रद्धांजलि होगी. इस जीत से पार्टी का मनोबल जरूर बढ़ेगा क्योंकि हाल ही में हुए चुनाव में लगातार मिल रही हार से पार्टी आलोचनाओं का शिकार हो रही थी.
जिस अखिलेश यादव ने पिछले चुनाव में प्रचार नहीं किया वह मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में घर-घर जाकर वोट मांगते देखे थे, जिसका फायदा पार्टी को नतीजों में दिख रहा है. समाजवादी पार्टी की इस रिकॉर्ड तोड़ जीत में सबसे मजबूत कड़ी हैं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव, जो सारे अनुमानों को दरकिनार करते हुए अपने परिवार के साथ इस चुनाव में खड़े रहें.
मैनपुरी में हुए उप चुनाव में कांग्रेस और BSP ने कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था. राजनीतिक जानकारों की माने तो कांग्रेस समाजवादी पार्टी को कवर फायर दे रही थी, तो BSP बीजेपी को खुला मैदान दे रही थी. हालांकि ये चुनाव बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच में सीधे-सीधे टक्कर में लड़ा जा रहा था.
मुलायम सिंह यादव के निधन से पहले चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव में लगातार दूरियां बढ़ती चली जा रही थी. समाजवादी पार्टी के परिवार में एक बैठक हुई और चाचा भतीजे साथ साथ आ गए. चाचा शिवपाल यादव ने बहू डिंपल के लिए प्रचार किया नतीजा ये निकला जसवंत नगर विधानसभा में डिंपल को भारी भरकम विजय प्राप्त हुई.
बीजेपी की तरफ से मैनपुरी लोकसभा के प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव के साथ में ही राजनीति के दांव पेच सीखे थे. उन्हीं रघुराज सिंह शाक्य को मुलायम सिंह यादव के परिवार के सामने बीजेपी ने इस बार चुनाव लड़ाया था. जसवंत नगर विधानसभा के गांव धौलपुर खेड़ा के रहने वाले बीजेपी प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य अपने गांव की खुद का बूथ भी नहीं बचा पाए और 187 वोटों से अपने बूथ से ही चुनाव हार गए.
मैनपुरी लोकसभा में लगभग 1027537 और 802644 महिला मतदाता हैं. जिसमें यादव जाति बाहुल्य अवस्था में है और दूसरे नंबर पर शाक्य समाज आता है.
यादव- 4.40 लाख
शाक्य - 2.25 लाख
क्षत्रिय - 2 लाख
जाटव - 1.25 लाख
ब्राह्मण - 1 लाख
मुस्लिम - 80 हजार
कठेरिया - 70 हजार
पाल - 70 हजार
कश्यप - 70 हजार
दिवाकर - 50 हजार
(जातिगत आंकड़े राजनैतिक दलों के अनुसार है)
बताया जाता है बीजेपी लगातार मैनपुरी लोकसभा से शाक्य समाज के प्रत्याशी पर ही दांव लगाती है. क्योंकि मैनपुरी का ये बड़ा जातिगत वोट बैंक है,जिसको शायद ये अपने हाथ छिटकने नहीं देना चाहती है.
मैनपुरी के वरिष्ठ पत्रकार राकेश त्यागी ने बताया समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी में काम कराया है और समाजवादी पार्टी इस बार मैनपुरी में बीजेपी के नक्शे कदम पर चुनाव लड़ी है. घर घर जा कर समाजवादी पार्टी के नेता वोट मांग रहे थे और मुलायम सिंह यादव को वोट के रूप में श्रद्धांजलि देने की बात कर रहे थे. डिंपल यादव को सहानुभूति वोट भी मिला है. वैसे भी बीजेपी के पास मैनपुरी में विकास कार्य गिनाने के लिए कुछ था ही नहीं,केवल गुंडागर्दी रोकने पर ही वोट मांग रहे थे.
पत्रकार राकेश त्यागी ने बताया राघुराज सिंह शाक्य इटावा की जसवंत नगर विधानसभा के ग्राम धौलपुर खेड़ा के रहने वाले है, यहां पर ये खुद ही हार गए जिसका कारण यह भी है कि रघुराज सिंह शाक्य के पिता स्वयं समाजवादी पार्टी के लिए वोट मांग रहे थे. रघुराज सिंह शाक्य विधायक और सांसद समाजवादी पार्टी के टिकट पर भी बने थे. कथित तौर पर मुलायम सिंह यादव के परिवार का एहसान चुकाने के लिए वो ये काम कर रहे थे.
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