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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अमेठी में बूथ कैप्चरिंग के आरोप को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है. स्मृति ईरानी ने पांचवे चरण के चुनाव के दौरान एक वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया था कि कांग्रेस जबरदस्ती लोगों से वोट करवा रही है. अब चुनाव आयोग ने कहा है कि स्मृति ईरानी ने जो वीडियो ट्विटर पर शेयर किया वो आधारहीन और फर्जी है.
स्मृति ईरानी ने अमेठी में वोटिंग के दौरान सीधे राहुल गांधी पर ही बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगा दिया था. उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया. इस वीडियो में एक बुजुर्ग महिला बता रही हैं कि वो कमल पर वोट जालना चाहती थीं, लेकिन जबरदस्ती मेरी उंगली कांग्रेस के चुनाव चिन्ह हाथ पर लगा दी गई. इसी वीडियो के आधार पर ईरानी ने कांग्रेस और राहुल गांधी को निशाने पर लिया था. उन्होंने अपने इस ट्वीट में चुनाव आयोग को भी एक्शन लेने को कहा.
चुनाव आयोग ने स्मृति ईरानी के इस वीडियो पर रिएक्शन देते हुए कहा है कि ये आरोप आधारहीन हैं. यूपी के चीफ इलेक्शन ऑफिसर वेंकटेश्वर लू ने कहा -
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर एक और फर्जी वीडियो का आरोप लग रहा है. स्मृति ईरानी ने अमेठी के एक अस्पताल में मरीज की मौत को लेकर वीडियो पोस्ट किया. इस वीडियो में एक शख्स ये कह रहा है कि वो एक बीमार रिश्तेदार को लेकर अमेठी के संजय गांधी हॉस्पिटल गया, जहां उसे इलाज नहीं मिला. उसने बताया कि उससे कहा गया, 'ये योगी-मोदी का अस्पताल नहीं है यहां आयुष्मान कार्ड नहीं चलेगा.’ लेकिन अब इस वीडियो को भी फर्जी बताया जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक मरीज को आयुष्मान कार्ड न होने के बावजूद भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके एक दिन बाद उसकी मौत हो गई.
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Published: 07 May 2019,01:32 PM IST