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महाराष्ट्र में दलित नेता प्रकाश अंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) और असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) का गठबंधन लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गंठबंधन को किस हद तक चुनौती पेश कर रहा है?
महाराष्ट्र में पहली बार दलितों (वीबीए) और मुस्लिमों (एमआईएम) के प्रतिनिधि होने का दावा करने वाले दलों के बीच गठबंधन हुआ है जिसने राज्य में लोकसभा की सभी 48 सीट पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है.
भारतीय संविधान के रचयिता बी.आर.अंबेडकर के पौत्र प्रकाश अंबेडकर की पार्टी राज्य की 47 और एमआईएम एक सीट पर चुनाव लड़ रही है. इस गठबंधन के कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के गठबंधन पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी नजर रहेगी.
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को राज्य की 41 सीट पर जीत मिली थी. इसके बाद दोनों दलों के बीच कई मुद्दों पर तनातनी रही लेकिन आखिरकार दोनों दलों के बीच एक बार फिर गठबंधन हो गया.
सोलापुर जैसे कुछ क्षेत्रों में बीजेपी-शिवसेना और कांग्रेस-एनसीपी, दोनों ही गठबंधन वीबीए को एक बड़ी चुनौती के रूप में ले रहे हैं. सोलापुर में कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को और बीजेपी ने महास्वामी जैसिद्धेश्वर शिवाचार्य को उम्मीदवार बनाया है.
शायद वीबीए की चुनौती में सेंध लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी तक राज्य में आधा दर्जन रैलियां कर चुके हैं. उनके निशाने पर कांग्रेस-एनसीपी रही हैं और कोशिश इनके मतदाताओं को अपने पाले में कर वीबीए से होने वाले संभावित नुकसान की भरपाई करने की है.
कांग्रेस-एनसीपी के नेता निजी बातचीत में वीबीए को बीजेपी की बी टीम बता रहे हैं. उनका कहना है कि वीबीए को भगवा सहयोगियों ने उनके (कांग्रेस-एनसीपी के) दलित-मुस्लिम जनाधार को हड़पने के लिए खड़ा किया है.
अंबेडकर इस बात को सिरे से खारिज कर रहे हैं. उनका कहना है कि राज्य में कांग्रेस-एनसीपी कमजोर हो चुकी हैं. उनके निशाने पर बीजेपी-शिवसेना हैं. वीबीए की तरफ से पेश इस चुनौती के कारण मुख्यधारा की प्रमुख पार्टियां दलितों और मुस्लिमों के प्रति अपने रुख में बदलाव ला सकती हैं.
अभी तक प्रमुख दलित-मुस्लिम संगठन और समूह अन्य राजनैतिक दलों के साथ जाते रहे हैं लेकिन अब ऐसा नहीं है. वीबीए के रूप में दलितों-मुस्लिमों के पास एक विकल्प है जिसकी तरफ आदिवासी, धांगर, कोली और वंचित समाज के अन्य तबके भी देख रहे हैं.
वीबीए ने फरवरी में मुंबई में अंबेडकर और ओवैसी की विशाल रैली का आयोजन कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था.
अंबेडकर (64) तीन बार सांसद रह चुके हैं जिसमें राज्यसभा का एक कार्यकाल शामिल है. वह इस बार सोलापुर और अकोला से चुनाव लड़ रहे हैं. 47 सीटों पर वीएबी मैदान में है जबकि औरंगाबाद संसदीय सीट पर एमआईएम के विधायक इम्तियाज जलील उम्मीदवार हैं.
बीएसपी-समाजवादी पार्टी (एसपी) ने भी महाराष्ट्र में दलित और मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं. ऐसे में राजनैतिक पंडित बीजेपी-शिवसेना और कांग्रेस-एनसीपी, दोनों के लिए मुकाबला कड़ा मान रहे हैं. हालांकि, इससे पहले बीएसपी का हाथी महाराष्ट्र में लोगों को अपनी तरफ कभी खींच नहीं सका और एसपी की साइकिल भी मुंबई के ही कुछ इलाकों में थोड़ा-बहुत चलती दिखी है.
(इनपुटः IANS से)
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Published: 15 Apr 2019,08:34 PM IST