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चुनावी मौसम में अब मुकाबला 'सराब' Vs 'नशा' का हो गया है. ये मुकाबला मेरठ रैली के दौरान पीएम मोदी की क्रिएटिविटी से शुरू हुआ. दरअसल, पीएम मोदी ने समाजवादी पार्टी- राष्ट्रीय लोक दल - बहुजन समाज पार्टी गठबंधन को सराब बता दिया. उन्होंने कहा कि, "सपा का 'स', रालोद का 'रा' और बसपा का 'ब' मतलब 'सराब'. ये सराब आपको बर्बाद कर देगा."
पीएम मोदी के इस बयान पर सियासी पलटवार का सिलसिला शुरू हो गया है.
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने एक पोस्टर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि हिंदुस्तान को 'नशा' मुक्त बनाना है. पोस्टर में पीएम नरेंद्र मोदी के 'न' और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के 'शा' को मिलाते हुए दोनों की जोड़ी को 'नशा' बताया गया है.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'सराब' और 'शराब' के बीच का अतंर समझाया है. अखिलेश ने ट्विटर पर लिखा, ‘आज टेली-प्रॉम्प्टर ने यह पोल खोल दी कि सराब और शराब का अंतर वह लोग नहीं जानते जो नफरत के नशे को बढ़ावा देते हैं. सराब को मृगतृष्णा भी कहते हैं और यह वह धुंधला सा सपना है जो बीजेपी 5 साल से दिखा रही है लेकिन जो कभी हासिल नहीं होता. अब जब नया चुनाव आ गया तो वह नया सराब दिखा रहे हैं.’
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी पीएम मोदी के बयान को लेकर उन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "क्या इस तरह की बातें प्रधानमंत्री को करनी चाहिए? आप तीन राजनीतिक पार्टियों को सराब कह रहे हैं? क्या इस तरह से कोई प्रधानमंत्री बात करता है? क्या लोग इसे स्वीकार करेंगे? प्रधानमंत्री अपने शब्द वापस लें और 130 करोड़ लोगों से माफी मांगें या फिर देश और उत्तर प्रदेश आपको कभी माफ नहीं करेगा."
बता दें, उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस-सपा-बसपा को 'कसाब' की संज्ञा दी थी. शाह का ये बयान भी काफी सुर्खियों में रहा था.
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