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गोवा विधानसभा चुनाव (Goa Assembly Election 2022) में कांटे की टक्कर की खबरों के बीच बीजेपी ने बाजी मार ली है. 40 सीटों वाली गोवा विधानसभा में बीजेपी 20 सीटों पर जीत दर्ज की है. हालांकि वह अकेले बहुमत से एक सीट पीछे है. वहीं कांग्रेस 11 सीटों के साथ पिछड़ गई है. पिछले 10 साल से राज्य की सत्ता में रही बीजेपी इस बार फिर वापसी कर रही है.
बता दें कि कांग्रेस और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GPF) गठबंधन में चुनाव लड़ा था वहीं ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली TMC ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) के साथ चुनाव लड़ने के लिए के हाथ मिलाया था. वहीं इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भी जोर लगाया था.
बीजेपी ने 20, कांग्रेस ने 11, आम आदमी पार्टी और महाराष्ट्रवादी गोमांतक ने 2-2, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और रिवोल्यूशनरी गोवा पार्टी ने 1-1 और निर्दलीय ने 3 सीटें जीती है.
कुल मिलाकर आम आदमी पार्टी ने गोवा में अपना खाता खोल लिया है. आम आदमी पार्टी (AAP) को पहली बार गोवा विधानसभा में एंट्री मिली है. लेकिन आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार अमित पालेकर चुनाव हार गए. वहीं इसके अलावा ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) गोवा चुनाव में अपना खाता भी नहीं खोल पाई है.
गोवा के 40 सीटों में से पिछली बार यानी 2017 में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 17 सीटें हासिल की थी, जबकि 13 सीटें बीजेपी ने जीती थी. इसके बावजूद बीजेपी ने सरकार बनाई थी. बीजेपी ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और गोवा फारवर्ड पार्टी और तीन निर्दलीय समर्थन से सरकार बनाई थी.
तब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री रहे मनोहर पर्रिकर को बीजेपी ने गोवा लौटने को कहा और क्षेत्रिय पार्टी के साथ मिलकर उन्होंने सरकार बनाई और वो सीएम बने. वहीं पर्रिकर के निधन के बाद गोवा में राजनीतिक हलचल देखने को मिली, लेकिन बीजेपी ने प्रमोद सावंत को सीएम बनाया और हलचल को शांत किया.
बता दें कि गोवा में 25 प्रतिशत ईसाई आबादी है और करीब 67 प्रतिशत हिंदू हैं.
बता दें कि गोवा में मनोहर पर्रिकर एक बड़े नेता के रूप में जाने जाते थे, कहा जाता है कि जनता का उनसे एक भावनात्मक जुड़ाव था. लेकिन उनके निधन के बाद बीजेपी ने उनके बेटे उत्पल पर्रिकर को टिकट देने से इनकार कर दिया. जिसे लेकर भी लोगों में नाराजगी थी. हालांकि ये नारजगी बीजेपी के खिलाफ काम नहीं कर सकी.
गोवा में कोरोना के दौरान करीब 3500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. उस वक्त ऑक्सीजन की कमी एक बड़ा मुद्दा बना था. लेकिन इस चुनाव में ये मुद्दा भी काम नहीं कर सका.
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Published: 10 Mar 2022,08:37 PM IST