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हिमाचल में लंबी राजनीतिक हलचल के बाद आखिरकार कांग्रेस ने मुख्यमंत्री तय कर दिया है. लिहाजा सुखविंदर सिंह सुक्खू राज्य के 14वें नए CM होंगे और मुकेश अग्निहोत्री डिप्टी CM बनाए गए है. लेकिन चुनाव से लेकर सुक्खू के CM बनने तक खुद को लेकर की गई उनकी बयानबाजी खूब चर्चा में रही.
वे चुनाव परिणाम से ठीक पहले तक कहते रहे कि मैं नहीं जीत रहा… लेकिन परिणाम आए तो जीत जबरदस्त हुई… इसके बाद जब कांग्रेस की तरफ से सीएम घोषणा की बारी आई तो कहते रहे कि ‘मुझे असली बात की कोई जानकारी नहीं है और ना ही मैं सीएम पद की रेस में हूं. मैं तो एक विधायक हूं और पार्टी का मामूली सा कार्यकर्ता’ लेकिन अंत में वही सीएम बने
सुखविंदर सिंह सुक्खू हमीरपुर जिला के नादौन से विधायक चुनकर आए हैं और इसी के साथ अब हिमाचल के मुख्यमंत्री भी बन गए हैं. हिमाचल विधानसभा चुनाव के परिणाम से लेकर सुखविंदर सिंह सुक्खू के सीएम बनने तक यह संग्राम बड़ा ही रोचक रहा.
8 दिसंबर को चुनाव परिणाम के बाद जब 9 दिसंबर को विधायक दल की बैठक एक घंटे तक चली. इस बैठक में सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रतिभा सिंह और मुकेश अग्निहोत्री समेत लगभग 6 नाम सीएम रेस के लिए चर्चा में थे, लेकिन तब किसी पर भी सहमति नहीं बन सकी.
चुनाव परिणाम के बाद शुक्रवार को होने वाली यह बैठक दोपहर 3 रखी गई थी लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत करीब 21 विधायक रात 7.30 तक भी पार्टी ऑफिस नहीं पहुंच सके. माना यह जा रहा था कि यह सभी विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू को अपना समर्थन दे रहे हैं इसलिए अभी तक मीटिंग से बाहर हैं और हो सकता है कि वह दिल्ली हाईकमान से सीएम की घोषणा करवाने की इच्छा लिए मीटिंग में शामिल नहीं होना चाहते हैं. लेकिन रात करीब 8 बजे तक यहां इक्का-दुक्का विधायक जुटना शुरू हुए.
3:00 का समय तय होने के बाद 8:00 बजे होने वाली इस बैठक की देरी से होने की वजह सीएम फेस के दो प्रमुख दावेदार प्रतिभा सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू थे. दोनों नेताओं के समर्थक कांग्रेस भवन के बाहर नारेबाजी करने लगे और नारेबाजी करते हुए ही अपने अपने नेता को सीएम बनाने की मांग करने लगे. इसी बीच जैसे ही भूपेश बघेल की गाड़ी यहां पहुंची, तो दोनों नेताओं के समर्थक नारेबाजी करते रहे. ऑब्जर्वर की गाड़ी तक को रोक दिया लेकिन सुक्खू अभी भी यहां से गायब थे. उनका फोन भी बंद आ रहा था. अंत में सुक्खू ने एंट्री मारी और पूरे सियासी ड्रामे के बीच सभी विधायकों ने फैसला लिया कि यह सीएम चुनने का फैसला अब हाईकमान ही लेगा और इसके लिए सिंगल लाइन का प्रस्ताव पास कर ऑब्जर्वर को दे दिया गया
बैठक हुई तो प्रतिभा सिंह के समर्थन में 18 विधायक आए और सुक्खू के समर्थन में 16 विधायक आए और उन्हे CM बनाने की पैरवी करने लगे. सुक्खू समर्थक विधायकों का कहना था कि सुक्खू चुनकर विधायक आए हुए हैं जबकी प्रतिभा सिंह विधायक नहीं चुनी गई हैं ने मंडी से सांसद हैं
प्रतिभा सिंह CM रेस में सबसे पहले नंबर पर थी उन्हें 18 विधायकों का समर्थन भी था. लेकिन फिर भी सुक्खू CM बने. दरअसल प्रतिभा के समर्थन में आए 18 विधायकों का कहना था कि CM कोई विधायक ही होना चाहिए और ऐसा इसलिए क्योंकि प्रतिभा सिंह वर्तमान में मंडी संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं और मुख्यमंत्री बनने के लिए उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ना पड़ेगा. और ऐसे में दो उपचुनाव करवाने पड़ते एक मंडी में सांसद के लिए और दूसरा प्रतिभा सिंह के मुख्यमंत्री बनने के लिए विधायक का.
दरअसल कांग्रेस के लिए मंडी सीट से सांसद के लिए उपचुनाव करवाना खतरे से काली नहीं है. क्योंकि मंडी की 10 में से BJP ने इस विधानसभा चुनाव में नौ सीटें जीती हैं. कांग्रेस को मंडी से करारी हार का सामना करना पड़ा है ऐसे में कांग्रेस अब कोई खतरा नहीं मोल लेना चाहती
इससे पहले आपको बता दें कि मुख्यमंत्री का चेहरा हाइकमान के तय करने का प्रस्ताव मुकेश अग्नोत्री ने रखा था और सुक्खू ने इसका समर्थन किया था जिसके मुताबिक ये तय किया था कि CM के लिए जो भी फैसला हाइकमान फैसला लेगा वो तय होगा. लिहाजा अब सुखविंद्र सिंह सुक्खू हिमाचल के 14 वें मुख्यमंत्री और मुकेश अग्निहोत्री उप मुख्यमंत्री होंगे
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