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झारखंड चुनाव: देवघर में प्रत्याशियों की आस्था दांव पर

झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए 16 दिसंबर को चौथे चरण का मतदान होगा

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चुनाव
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झारखंड में 16 दिसंबर को चौथे चरण का मतदान
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झारखंड में 16 दिसंबर को चौथे चरण का मतदान
(फाइल फोटो: IANS)

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देश-दुनिया में 'बाबा नगरी' के रूप में प्रसिद्ध झारखंड का देवघर हिंदू धर्म के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है. झारखंड विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में देवघर विधानसभा क्षेत्र में 16 दिसंबर को मतदान होना है. इस सीट पर चुनावी रण का मुकाबला हमेशा दिलचस्प होता है.

अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित इस विधानसभा का क्षेत्र देवघर जिले के तीन प्रखंड देवघर सदर, देवीपुर और मोहनपुर तक फैला है, लेकिन इस विधानसभा का प्रतिनिधित्व आज तक देवघर सदर प्रखंड के रहने वाले लोगों ने किया है.

हालांकि प्रत्याशियों की विजय मोहनपुर प्रखंड के मतदाता तय करते हैं, क्योंकि यहां मतदाता अन्य प्रखंडों से ज्यादा हैं. इस सीट पर हुए पिछले विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो 2014 के चुनाव में बीजेपी नेता नारायण दास ने आरजेडी के सुरेश पासवान को हराकर इस सीट को पहली बार बीजेपी को दी थी. उस चुनाव में बीजेपी के नेता नारायण दास को जहां कुल 92,022 वोट मिले थे, वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद के सुरेश पासवान को 46,870 मत से संतोष करना पड़ा था.

अमित शाह पहुंचे देवघर

वर्ष 2009 के चुनाव में आरजेडी नेता सुरेश कुमार पासवान इस सीट पर दूसरी बार चुनाव जीतकर विधायक बने थे. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को देवघर पहुंचकर बाबा बैद्यनाथ धाम में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की और एक चुनावी सभा को संबोधित कर पूरा माहौल में और गर्माहट ला दी है.

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स्थानीय लोगों की बात करें तो यहां के लोग कई समस्याओं के समाधान को स्वीकार करते हैं, लेकिन अभी भी कई समस्याएं भी गिनाते हैं.

पांच वर्षों में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से देवघर के विकास के लिए जितनी योजनाएं लाई गई हैं, वह प्रशंसनीय हैं. विधायक के रूप में नारायण दास पांच वर्षो में सक्रिय रहे हैं, मगर और सक्रिय रह सकते थे. इसके अलावे कई और योजनाओं को लाने का प्रयास कर सकते थे.
पवन शर्मा, व्यवसायी

एक गृहिणी रश्मि शर्मा कहती हैं कि देवघर में पेयजल समस्या का समधान नहीं हो पाना आमजनों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. इसको लेकर प्रयास किए जाने चाहिए थे. स्थानीय के साथ प्रत्येक दिन यहां हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं, लेकिन वे भी यहां इस समस्या से प्रभावित होते हैं.

इस चुनाव में महागठबंधन की ओर से आरजेडी के सुरेश कुमार पासवान एकबार फिर चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. जबकि बीजेपी ने निवर्तमान विधायक नारायण दास पर ही दांव लगाया है. वर्ष 2014 के चुनाव में तीसरे स्थान पर रही झामुमो की प्रत्याशी निर्मला भारती इस बार झाविमो की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस से टिकट न मिलने से नाराज जिला परिषद उपाध्यक्ष संतोष पासवान आजसू से चुनावी रण में हैं.

यहां मुख्य मुकाबला आरजेडी और बीजेपी के बीच माना जा रहा है, मगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में अलगाव और महागठबंधन में सभी विपक्षी दलों को एकजुट नहीं रखने की वजह से चुनावी समीकरण नए सिरे से बनाने की जोर-आजमाइश हो रही है, जिससे चुनाव परिणाम में उलटफेर से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

बीजेपी प्रत्याशी और निवर्तमान विधायक नारायण दास कहते हैं कि पिछले पांच वर्षो में देवघर की पहचान राष्ट्रीय स्तर तक पहुंची है. उन्होंने कहा कि एम्स, एयरपोर्ट, पुनासी जलाशय जैसी बड़ी योजनाओं के साथ सड़क, पुल-पुलिया का जाल बिछाया गया. संस्कृत विश्वविद्यालय की स्वीकृति दिलाई गई है. श्रावणी मेला प्राधिकरण का गठन कराया गया. उन्होंने दावा किया कि इसके अलावे भी कई प्रकार की योजनाएं यहां सरजमीं पर उतारी गई हैं.

आरजेडी प्रत्याशी सुरेश पासवान ने कहते हैं, "पांच साल में विकास नहीं विनाश करने का काम हुआ. जो भी काम देवघर में नजर आ रहे हैं, सब पूर्व में कराए गए हैं."

(IANS )

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