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Karnataka Election: पिछले 5 विधानसभा चुनावों के नतीजे क्या रहें? क्लिक करके देखो

Karnataka Elections: क्या आप जानते हैं 1999 से 2018 तक हर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे बड़ा वोट शेयर मिला?

क्विंट हिंदी
कर्नाटक चुनाव
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<div class="paragraphs"><p>Karnataka Elections 2023</p></div>
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Karnataka Elections 2023

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 (Karnataka Assembly Elections 2023): क्या आप जानते हैं कि कांग्रेस 1999 से 2018 तक कर्नाटक में हुए हर विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा वोट शेयर पाने वाली पार्टी रही है?

यानी उन विधानसभा चुनावों में भी, जिसमें बीजेपी राज्य में सबसे अधिक सीटों वाली पार्टी के रूप में उभरी, भगवा पार्टी का वोट शेयर कांग्रेस की तुलना में कम था.

जब हम कर्नाटक विधानसभा चुनाव के अंतिम परिणामों का इंतजार कर रहे हैं, यहां पिछले ढाई दशकों में राज्य की जनता ने कैसे वोट डाला है, इसके दिलचस्प आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं.

1999 से 2018 तक कर्नाटक विधानसभा कैसी दिखती थी?

नीचे दिए गए इंटरएक्टिव में, किसी खास साल पर क्लिक करके देखें कि उस वर्ष कर्नाटक चुनाव के बाद विधानसभा कैसी दिखती थी. और उस विशेष चुनाव में प्रत्येक पार्टी के जीतें सीटों की संख्या देखने के लिए सीटों पर टैप करें.

(इंटरैक्टिव नीचे डिस्प्ले होगा. यदि यह अभी तक आपकी स्क्रीन पर लोड नहीं हुआ है, तो कृपया कुछ सेकंड प्रतीक्षा करें)

सरकार बनाने के लिए नंबर वन की दौड़

विभिन्न कर्नाटक चुनावों में राज्य की सबसे बड़ी पार्टियों ने एक-दूसरे की तुलना में कैसा प्रदर्शन किया, इस पर करीब से नजर डालने के लिए नीचे दिए इंटरैक्टिव को देखें.

(इंटरैक्टिव नीचे डिस्प्ले होगा. यदि यह अभी तक आपकी स्क्रीन पर लोड नहीं हुआ है, तो कृपया कुछ सेकंड प्रतीक्षा करें)

  • कांग्रेस: ​​​​यदि हम 1999 के बाद से सभी कर्नाटक विधानसभा चुनावों पर एक नजर डालें, तो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 1999 में ही सबसे बड़ी जीत (132) मिली. हाल ही में, पार्टी की सीटें 2013 में 122 सीटों से गिरकर 2018 में 80 सीटों पर आ गईं.

  • बीजेपी: भारतीय जनता पार्टी की संख्या 1999 में 44 से बढ़कर 2004 में 79, 2008 में 110 हो गई. लेकिन भगवा पार्टी को 2013 में एक झटका लगा, और वह 40 सीटों के आंकड़े पर वापस आ गयी. पार्टी ने 2018 में वापसी की और 104 सीटों के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बन गई.

  • जेडी (एस): जनता दल (सेक्युलर) 2008 में 28 सीटों से बढ़कर 2013 में 40 हो गई. 2018 में, उनकी संख्या कम हो गई, लेकिन केवल थोड़ी ही. उसे 37 सीटों कर जीत मिली. हालांकि, 2018 में किसी भी पार्टी के बहुमत के निशान तक नहीं पहुंचने के कारण, जेडी (एस) चुनाव के बाद किंगमेकर बनी.

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वोट शेयर में उठापटक

यहां देखें कि पिछले कुछ वर्षों में कर्नाटक विधानसभा चुनावों में बीजेपी, कांग्रेस, जेडी (एस) और अन्य के वोट शेयर प्रतिशत में कैसे बदलाव आया है.

(इंटरैक्टिव नीचे डिस्प्ले होगा. यदि यह अभी तक आपकी स्क्रीन पर लोड नहीं हुआ है, तो कृपया कुछ सेकंड प्रतीक्षा करें)

जैसा कि आप ऊपर दिए इंटरएक्टिव में देख सकते हैं, मजे की बात है कि, 1999 से 2018 तक, कांग्रेस कर्नाटक में हर विधानसभा चुनाव में सबसे बड़े वोट शेयर वाली पार्टी रही है. यहां तक ​​​​कि उन मौकों पर भी जब बीजेपी को सबसे सीटें बनीं.

(इंटरैक्टिव नीचे डिस्प्ले होगा. यदि यह अभी तक आपकी स्क्रीन पर लोड नहीं हुआ है, तो कृपया कुछ सेकंड प्रतीक्षा करें)

लेकिन इन दलों ने कर्नाटक में लोकसभा चुनाव परिणामों में कैसा प्रदर्शन किया है?

पिछले ढाई दशकों में राज्य में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजे ऐसे रहे हैं.

2019 में, बीजेपी ने कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से 25 पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस और JD(S) को एक-एक सीट मिली. 2014 में बीजेपी ने 17 सीटें जीती थीं और कांग्रेस ने 9 सीटें जीती थीं.

2023 के विधानसभा चुनाव के नतीजे पिछले चुनावों से कितने अलग होंगे? अब सभी की निगाहें 13 मई को आने वाले अंतिम संख्या पर हैं!

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