मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Elections Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019नफरत की राजनीति के खिलाफ वोट: 200 लेखकों ने की अपील

नफरत की राजनीति के खिलाफ वोट: 200 लेखकों ने की अपील

देशभर के विभिन्न भाषाओं के 200 से अधिक लेखकों ने वोटरों से नफरत की राजनीति के खिलाफ मतदान करने की अपील की है.

क्विंट हिंदी
चुनाव
Published:
नफरत की राजनीति के खिलाफ वोट: 200 लेखकों ने की अपील
i
नफरत की राजनीति के खिलाफ वोट: 200 लेखकों ने की अपील
फोटो: Altered by The Quint 

advertisement

देश के कई भाषाओं के 200 से ज्यादा लेखकों ने लोगों से लोकसभा चुनाव में नफरत की राजनीति के खिलाफ वोट करने की अपील की है. इंडियन राइटर्स फोरम की ओर से जारी इस अपील में लेखकों ने लोगों से एक समान और विविध भारत के लिए वोट करने की बात कही है.

इंडियन कल्चरल फोरम ने 1 अप्रैल को अपने अपील में कहा:

“पिछले कुछ सालों में, हमने देखा है कि नागरिकों को उनके समुदाय, जाति, लिंग, या जिस क्षेत्र से वो आते हैं, के कारण उनके साथ मारपीट या भेदभाव किया जाता है. देश को बांटने के लिए नफरत की राजनीति का इस्तेमाल किया गया है.’’

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

‘हम अपनी विविधता को सुरक्षित रखना चाहते हैं

देशभर के 200 से अधिक लेखकों द्वारा साइन ये अपील 10 भाषाओं - हिंदी, गुजराती, उर्दू, कन्नड़, मलयालम, तमिल, बंगला, पंजाबी, तेलुगु और मराठी में की गई है.

इस अपील में शामिल कई लेखकों में गिरीश कर्नाड, नयनतारा सहगल, मुकुल केसवन, मृणाल पांडे, टीएम कृष्णा और अरुंधति रॉय ने हस्ताक्षर किए हैं.

लेखकों ने अपनी अपील में कहा है कि वे नहीं चाहते हैं कि तर्क करने वाले, लेखक और कार्यकर्ता को निशाना बनाया जाए, क्योंकि आने वाले चुनावों में देश खुद एक चौराहे पर खड़ा है.

अपील में कहा गया है कि हाल के इन सालों में लेखकों, कलाकारों, फिल्म निर्माताओं, संगीतकारों को लगातार डराया-धमकाया गया है. उन्हें सेंसर करने की कोशिश की गई है. जिसने भी सत्ता पक्ष पर सवाल उठाए हैं उनके खिलाफ झूठे और भ्रामक प्रचार किए गए हैं. साथ ही उन्हें निराधार और हास्यास्पद आरोपों में गिरफ्तार किया गया है.

अपने अपील में सभी लेखकों ने एक स्वर में महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा का पुरजोर विरोध किया है. इसके अलावा सभी लोगों नें रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा के लिए रिसोर्स और उपाय और सभी के लिए समान अवसर की भी मांग की है.और अंत में सबने कहा, "सबसे बढ़कर, हम अपनी विविधता को बचाना चाहते हैं और लोकतंत्र को फलने-फूलने देना चाहते हैं."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT