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Madhya Pradesh Election Result 2023 लाइव अपडेट: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम कमलनाथ से लेकर नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद सिंह पटेल समेत मध्य प्रदेश के कई बड़े दिग्गजों की किस्मत का आज फैसला सामने आएगा.
एमपी का कौन सा नेता आगे चल रहा है और कौन अपनी साख गंवाता दिख रहा है, यहां आपको पल-पल की जानकारी मिलेगी. एमपी चुनाव के सभी हॉट सीटों का रिजल्ट नीचे देखिए..
एमपी चुनाव 2023 को मिलाकर सीएम शिवराज छठी बार बुधनी से चुनाव लड़ा. ये उनका गृह क्षेत्र है. पहली बार 1990 में शिवराज सिंह चौहान ने यहीं से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी. शिवराज के नाम सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड है. वहीं, इस बार कांग्रेस ने विक्रम मस्तल शर्मा पर भरोसा जताते हुए उन्हें सीएम शिवराज के सामने खड़ा किया.
कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में अपने गढ़ क्षेत्र छिंदवाड़ा सीट से चुनाव लड़ा. उनके सामने बीजेपी के विवेक बंटी साहू ने ताल ठोकी. बता दें कि नौ लोकसभा चुनावों में कमलनाथ ने जीत हासिल की और उसके बाद 2018 और 2020 के बीच एमपी के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा दी.
बीजेपी आलाकमान ने जिन दिग्गज चेहरों को मैदान में उतारा, उनमें एक नाम केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का भी है. तोमर को दिमनी से बीजेपी के उम्मीदवार बनाया गया. कांग्रेस ने केंद्रीय कृषि मंत्री के सामने रवींद्र सिंह तोमर यहां से उतारा. इसलिए दिमनी में तोमर VS तोमर की लड़ाई रही.
एमपी विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस प्रत्याशी अजय सिंह उर्फ राहुल भैया ने अपनी पारंपरिक सीट चुरहट से चुनाव लड़ा. अजय सिंह एमपी के पूर्व सीएम अर्जुन सिंह के बेटे हैं. उनके सामने बीजेपी के शरदेंदु तिवारी ने ताल ठोकी
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को बीजेपी ने इस बार चुनावी मैदान में उतारा. पांच बार के सांसद पटेल ने नरसिंहपुर से चुनाव लड़ा. इस सीट पर पिछले दो विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की है. पटेल के सामने कांग्रेस ने इस सीट से लाखन सिंह पटेल को उम्मीदवार को उतारा.
सिहावल से कांग्रेस ने इस बार कमलेश्वर पटेल को टिकट दिया. पटेल ने पिछले दो विधानसभाओं में जीत हासिल की है. सिहावल में पटेल के खिलाफ बीजेपी के विश्वामित्र पाठक ने चुनाव लड़ा.
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय वर्तमान में इंदौर 1 से मौजूदा कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला के खिलाफ चुनाव लड़ा.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने राघोगढ़ से चुनाव लड़ा. जयवर्धन कमलनाथ सरकार के दौरान शहरी विकास और आवास मंत्रालय का जिम्मा संभाल चुके हैं. वह राघोगढ़ के वर्तमान विधायक हैं और उनके सामने बीजेपी के हिरेंद्र सिंह बंटी बन्ना चुनावी मैदान में रहे.
एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा दतिया से छह बार विधानसभा सदस्य हैं. बीजेपी ने इस बार भी उन पर भरोसा जताया. इस बार के विधानसभा चुनाव (2023) में कांग्रेस ने आरएसएस के पूर्व पदाधिकारी अवधेश नायक को टिकट दिया था लेकिन बाद में इस सीट से राजेंद्र भारती को उतारा गया.
कांग्रेस ने चाचौड़ा से लक्ष्मण सिंह पर भरोसा जताया, जो पूर्व सांसद और तीन बार विधायक रहे हैं. बीजेपी ने इस सीट से अपनी पूर्व विधायक ममता मीणा का टिकट काट कर प्रियंका मीना को मैदान में उतारा.
फग्गन सिंह कुलस्ते केंद्रीय मंत्री हैं. वे आदिवासी हैं, इसलिए बीजेपी ने निवास से इसबार उनपर दांव लगाया. फग्गन सिंह कुलस्ते ने पहली बार 1990 में निवास से ही चुनाव लड़ा था और जीतकर एमपी विधानसभा पहुंचे थे. एमपी विधानसभा चुनाव 2023 में कुलस्ते ने निवास के चुनावी मैदान में कांग्रेस के चैन सिंह वरकडे से मुकाबला किया.
जीतू पटवारी, कमलनाथ सरकार में उच्च शिक्षा, खेल और युवा मामलों का जिम्मा संभाल चुके हैं. इस बार पटवारी राऊ निर्वाचन क्षेत्र से चुनावी ताल ठोकी. उनके सामने बीजेपी की मधु वर्मा रहीं.
गोपाल भार्गव मध्य प्रदेश के दिग्गज कैबिनेट मंत्री हैं. वह 1985 से रहली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए लगातार निर्वाचित होते रहे हैं. रहली बीजेपी का गढ़ है. इस चुनाव में भार्गव के खिलाफ कांग्रेस की ज्योति पटेल ने चुनाव लड़ा.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा वर्तमान में एमपी विधानसभा के सोनकच्छ का प्रतिनिधित्व करते हैं. इससे पहले उन्होंने देवास लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. बीजेपी की तरफ से इस सीट पर राजेश सोनकर ने सज्जन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा.
केंद्रीय कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की करीबी सहयोगी इमरती देवी 2020 में कांग्रेस से अलग होने के बाद बीजेपी में शामिल हो गई थीं. उन्होंने पहले कमल नाथ के मंत्रिमंडल में और फिर शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में महिला एवं बाल विकास मंत्री के रूप में काम किया. इस चुनाव में वह एक बार फिर डबरा से चुनावी मैदान में हैं और दूसरी तरफ कांग्रेस ने यहां से सुरेश राजे को चुनाव लड़ाया.
कांग्रेस नेता फूल सिंह बरैया ने भांडेर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा. इस सीट पर बीजेपी के घनश्याम पिरोनिया ने उनका मुकाबला किया.
कांग्रेस के गोविंद सिंह मध्य प्रदेश राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं. सिंह ने लहार विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के रसाल सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा. यहां डॉ. गोविंद सिंह 1990 से 2013 तक लगातार सातवीं बार विधायक हैं. इससे पहले राज्य सरकार में वह कैबिनेट मंत्री थे.
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