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मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Elections Result) में 20 सालों से चला आ रहा बीजेपी का राज अब 5 सालों के लिए और बढ़ता दिख रहा है. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने प्रचंड जीत के साथ सत्ता में वापसी की ओर कदम बढ़ा दिया है और कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ रहा है. कांग्रस की सीटें बीजेपी की आधी सीटों से भी कम रह गईं.
2 बजे तक के रुझानों में बीजेपी ने 158 सीटों पर बढ़त बना ली है, जबकि कांग्रेस महज 70 सीटों पर आगे है.
बीजेपी के चुनाव जीतने के साथ अब सबसे बड़ा सवाल ये होगा कि प्रदेश का मुखिया किसे बनाया जाएगा. शिवराज सिंह चौहान निवर्तमान मुख्यमंत्री हैं, लेकिन क्या पार्टी उन पर फिर से भरोसा जताएगी, इसपर सब एकमत नहीं है. उनके अलावा भी कई ऐसे नेता हैं जो केंद्र में मंत्री होने के बावजूद विधायकी का चुनाव लड़ रहे थे. ऐसे में वे भी CM पद की दावेदारी ठोक सकते हैं.
ऐसे में आइए देखेते हैं कि मध्य प्रदेश में बीजेपी की जीत के बाद सीएम रेस में कौन-कौन से नाम हैं...
मध्यप्रदेश में सीएम की रेस में सबसे बड़ा नाम मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ही है. उनके नेतृत्व में बीजेपी ने एक बार फिर बहुमत हासिल किया है. हालांकि शुरुआती चुनाव प्रचार में बीजेपी ने शिवराज को प्रमुख चेहरा नहीं बनाया था, लेकिन जैसे-जैसे वोटिंग की तारीखें नजदीक आती गईं, शिवराज पोस्टर्स पर नजर आने लगे.
लाडली बहना योजना पहले ही उनके लिए पिच तैयार कर चुकी है. दूसरी तरफ, शिवराज ने ये भी संदेश दे दिया है कि बीजेपी की 18 साल की सत्ता के बावजूद उनके कार्यकाल में कोई एंटी इनकंबेंसी हावी नहीं हो पाई. हालांकि हाईकमान की नाराजगी उनके सीएम बनने की रेस में रोड़ा हो सकती है.
नरेंद्र सिंह तोमर केंद्र में कृषि मंत्री हैं, लेकिन अपनी पार्टी के लिए मुरैना जिले की दिमनी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी. हालांकि बाद में उनके बेटे का कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा वीडियो सामने आने के बाद वे कम एक्टिव दिखाई दिए.
हालांकि चुनाव प्रचार के दौरान क्विंट हिंदी ने नरेंद्र सिंह तोमर से सीम पद की रेस में शामिल होने को लेकर सवाल पूछा था. इसपर उन्होंने कहा, "मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं. मैं कभी भी सीएम पद की दौड़ में नहीं रहा हूं और अब भी दौड़ में नहीं हूं."
कैलाश विजयवर्गीय बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव हैं. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कह दिया था कि वे विधायक बनने नहीं आए हैं. जाहिर है कि उनकी इच्छा सीएम पद की भी होगी. उनके नेतृत्व में पार्टी पश्चिम बंगाल में काफी मजबूत हुई है.
विधानसभा चुनावों में उन्होंने इंदौर 1 सीट से चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की. उन्होंने वोटों की गिनती से एक दिन पहले कहा कि वो प्रदेश में 103 सीटों पर प्रचार करने गए हैं.
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री की रेस में एक नाम प्रहलाद पटेल का भी है. वे केंद्र सरकार में पर्यटन राज्य मंत्री हैं, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्होंने नरसिंहपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा. प्रहलाद पटेल इससे पहले विधानसभा का चुनाव नहीं लड़े हैं.
वे पहली बार 1989 में सिवनी से सांसद बने थे इसके बाद साल 2003 में वाजपेयी सरकार में कोयला राज्य मंत्री बने. फिलहाल वे दमोह लोकसभा सीट से सांसद हैं. प्रहलाद पटेल लोधी समुदाय से आते हैं और माना जाता है कि इस समुदाय में उनकी काफी मजबूत पकड़ है.
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