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एमसीडी चुनाव के नतीजे (MCD Election result 2022) आ गए हैं और आम आदमी पार्टी (AAP Victory) ने क्लियर जीत हासिल की है. लेकिन चुनाव के वक्त से ही कुछ सीटें ऐसी थी जिन पर सबकी निगाहें थी. जैसे सीएए एनआरसी विरोध प्रदर्शन के हॉस्पॉट रहे शाहीन बाग में कौन जीता? दिल्ली दंगों से जो इलाके प्रभावित थे वहां किसकी जीत हुई? इसके अलावा अमानतुल्लाह खान, ताहिर हुसैन और कपिल मिश्रा के इलाकों में कौन जीता है.
दिल्ली दंगो से प्रभावित मुस्लिम बहुल सीलमपुर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार हज्जन शकीला अफजाल जीती हैं और दूसरे नंबर पर कांग्रेस उम्मीदवार रही हैं जबकि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने यहां अपना नाम वापस ले लिया था और शकीला आफजाल को समर्थन दे दिया था.
सीलमपुर में ही चौहान बागर वार्ड भी आता है यहां से कांग्रेस की शगुफ्ता चौधरी जीता हैं और दूसरे नंबर आम आदमी पार्टी रही है.
मुस्तफाबाद वार्ड नंबर 243 से कांग्रेस की सबीला बेगम जीती हैं, और दूसरे नंबर पर AIMIM की सरवरी बेगम रही हैं. जबकि वार्ड नंबर 245 बृजपुरी से भी कांग्रेस की नाजिया खातून ने जीत दर्ज की है.
वार्ड नंबर 231 घोंडा से बीजेपी की प्रीति गुप्ता ने जीत दर्ज की है. और आम आदमी पार्टी की विद्यावती दूसरे नंबर पर रही हैं. इसी वार्ड के बीजेपी के कपिल मिश्रा भी वोटर हैं जिन पर दिल्ली दंगों के दौरान कई आरोप लगे थे.
मौजपुर वार्ड नंबर 228 से बीजेपी के अनिल कुमार शर्मा जीते हैं. जबकि कांग्रेस के विनोद कुमार शर्मा दूसरे नंबर पर रहे हैं.
यमुना विहार वार्ड नंबर 232 से बीजेपी के प्रमोद गुप्ता जीते हैं और आम आदमी पार्टी की विनीता दूसरे नंबर पर रही हैं.
कर्दमपुरी वार्ड नंबर 236 से बीजेपी के मुकेश कुमार बंसल जीते हैं. जबकि आम आदमी पार्टी के मुकेश यादव दूसरे नंबर पर रहे हैं.
करवाल नगर ईस्ट वार्ड नंबर 241 से बीजेपी की शिमला देवी ने जीत दर्ज की है और आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आशा बंसल दूसरे नंबर पर रही हैं.
दयालपुर वार्ड नंबर 242 से बीजेपी के पुनीत शर्मा जीते हैं और दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के कमल गौड़ रहे हैं.
ओखला के शाहीन बाग और सीलमपुर, वेलकम, शास्त्री पार्क जैसे इलाकों में सीएए विरोधी प्रदर्शन काफी बड़ी संख्या में हुए थे. इन इलाकों में से सीलमपुर में तो हम पहले ही बता चुके हैं कि वहां निर्दलीय हज्जन शकीला जीती हैं.
वेलकम कॉलोनी वार्ड नंबर 224 से बीजेपी के रितेश सुजी जीते हैं और आम आदमी पार्टी के सुदेश चौधरी दूसरे नंबर पर रहे हैं.
शास्त्री पार्क वार्ड 213 से कांग्रेस के समीर अहमद जीते हैं, जबकि दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के अदित्य चौधरी रहे हैं.
अब बात अगर ओखला की करें तो इस विधानसभा में पांच वार्ड आते हैं, यहीं से आम आदमी पार्टी के मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले अमानतुल्लाह खान विधायक हैं.
मदनपुर खादर ईस्ट (वार्ड-185)
आम आदमी पार्टी के प्रवीण कुमार जीते हैं और दूसरे नंबर पर बीजेपी के लेखराज रहे हैं.
मदनपुर खादर वेस्ट (वार्ड-186)
बीजेपी के ब्रह्म सिंह जीते हैं और आम आदमी पार्टी के हरिंदर सिंह दूसरे नंबर पर रहे हैं.
सरिता विहार (वार्ड-187)
बीजेपी की नीतू ने जीत दर्ज की है और दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी की मुस्कान रही हैं.
अबुल फजल एनक्लेव (वार्ड-188)
कांग्रेस की अरीबा खान जीती और AAP के वाजिद खान दूसरे नंबर पर
जाकिर नगर (वार्ड-189)
कांग्रेस की नाजिया दानिश जीती और आम आदमी पार्टी की सलमा खान दूसरे नंबर पर रहीं.
दिल्ली दंगे के वक्त एक और नाम काफी गूंजा था ताहिर हुसैन, इन्हें AAP ने पार्टी से निकाल दिया था. वो फिलहाल जेल में हैं. ताहिर हुसैन आम आदमी पार्टी के पार्षद हुआ करते थे. जिनका वार्ड 244 नेहरू विहार लगता है. यहां से बीजेपी के अरुण भाटी जीते हैं और कांग्रेस के अलीम दूसरे नंबर पर रहे हैं. जबकि आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही है.
जिन इलाकों में सीएए विरोधी प्रदर्शन हुए और फिर दंगो से जो इलाके प्रभावित हुए वहां आम आदमी पार्टी की हार के पीछे कई कारण हैं लेकिन सबसे बड़ा कारण दिल्ली दंगो के दौरान आम आदमी पार्टी की खामोशी और सीएए प्रोटेस्ट से दूरी बनाए रखना मुख्य कारण नजर आते हैं. ताहिर हुसैन को पार्टी से निकालना भी उन्हें भारी पड़ा और शाहीन बाग, सीलमपुर और वेलकम जैसे इलाकों में भी मुस्लिम मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी से दूरी बनाए रखी.
ये नतीजे दर्शाते हैं कि जो पिच हाल फिलहाल आम आदमी पार्टी ने पकड़ है वो चाहे गुजरात में नोटों पर गणेश जी की मूर्ति हो या बिलकिस बानो जैसे मुद्दों से दूरी बनाए रखना. आम आदमी पार्टी के लिए नतीजों पर इसका असर पड़ा है. दिल्ली के मुस्लिम मतदाता तो दिल्ली दंगा और सीएए विरोधी प्रदर्शनों को लेकर भी आम आदमी पार्टी से नाराज दिखे हैं.
हालांकि पुरानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की है, लेकिन वहां शोएब इकबाल आम आदमी पार्टी का हिस्सा हैं जो किसी भी पार्टी में रहकर जीतते रहे हैं. इसलिए माना ये जा रहा है कि वहां उनकी अपनी लीडरशिप का भी कमाल है.
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