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मोदी सरकार 3.0 में बिहार से 8 मंत्री, नीतीश की पार्टी से 2, चिराग पासवान को भी जगह

LJP(R) के अध्यक्ष और हाजीपुर से सांसद चिराग पासवान पहली बार केंद्र सरकार में मंत्री बने हैं.

शादाब मोइज़ी & महीप राज
चुनाव
Published:
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मोदी सरकार 3.0 में बिहार से 8 मंत्री, नीतीश की पार्टी से 2, चिराग पासवान को भी जगह

फोटो- क्विंट हिंदी

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नई मोदी सरकार की नई कैबिनेट में बिहार को क्या मिला? किंगमेकर में से एक नीतीश कुमार की पार्टी को क्या मिला? इन सवालों के जवाब से पहले बता दें कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले चुके हैं. नरेंद्र मोदी के साथ 71 और लोगों ने मंत्री पद की शपथ ली है. चलिए अब आपको बताते हैं कि मोदी सरकार की नई कैबिनेट में बिहार से कितने चेहरों को मौका मिला है.

भले ही बिहार में एनडीए की सीट कम हुई हो लेकिन नई कैबिनेट में बिहार से 8 नेताओं को जगह मिली है. मोदी कैबिनेट में बिहार से दो चेहरे रिपीट हो रहे हैं. वहीं, 6 सांसदों ने पहली बार मंत्री पद की शपथ ली है.

किस पार्टी से कितने मंत्री?

2025 में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं, उससे पहले बीजेपी ने अपने 4 सांसदों को केंद्र सरकार में जगह दी है.

  • बीजेपी - 4

  • जेडीयू - 2

  • एलजेपी (आर) - 1

  • हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा - 1

बिहार से मंत्री बनने वालों की लिस्ट में बीजेपी के नित्यानंद राय, सतीश चंद्र दुबे, गिरिराज सिंह और राज भूषण निषाद हैं. वहीं जेडीयू से ललन सिंह और भारत रत्न से सम्मानित कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर, LJP(R) से चिराग पासवान, HAM के जीतनराम मांझी को जगह मिली है.

बता दें कि बीजेपी ने आरके सिंह और अश्विनी चौबे का पत्ता काट दिया है. पिछली सरकार में ये दोनों मंत्री थे. हालांकि अश्विनी चौबे को बीजेपी ने टिकट भी नहीं दिया था, वहीं आरके सिंह आरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव हार गए थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार से जिन सांसदों को केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी है आखिर उनका जातीय समीकरण और अपने क्षेत्र पर क्या पकड़ है, आइए एक नजर डालते हैं.

अगर जाति की बात करें तो बिहार के इन 8 मंत्रियों के जरिए जातीय समीकरण का पूरा ख्याल रखा गया है. नई कैबिनेट में बिहार से भूमिहार जाति से 2 मंत्री, गिरिराज सिंह और ललन सिंह हैं, वहीं यादव जाति से एक मंत्री नित्यानंद राय हैं. सतीशचंद्र दुबे ब्राह्मण हैं, अतिपिछड़ा समाज से 2 मंत्री- रामनाथ ठाकुर (नाई) और राज भूषण निषाद (मल्लाह), दलित समाज से 2 मंत्री- जीतन राम मांझी (मुसहर) और चिराग पासवान (पासवान).

JDU

सबसे पहले एनडीए की सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU ) के सांसदों जिन्होंने मंत्री पद की शपथ ली उनके बारे में जानते हैं.

जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुंगेर लोकसभा सीट से ललन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली.

ललन सिंह भूमिहार (सर्वण) जाति से ताल्लुक रखते हैं. बिहार की कुल आबादी का 2.87% 3,750,886 भूमिहार हैं. बिहार में साल 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं.

मुंगेर लोकसभा सीट से 2009 में ललन सिंह पहली बार सांसद बने और 2019 में दूसरी बार उन्होंने मुंगेर लोकसभा सीट से जीत हासिल कर लोकसभा सांसद के रूप में संसद पहुंचे. तीसरी बार 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने एनडीए और जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया और अपने निकटतम प्रतिद्वंदी इंडिया गठबंधन और आरजेडी की कैंडिडेट अनीता देवी को 80,870 वोटो से हराकर जीत हासिल की.

वहीं जनता दल यूनाइटेड कोटे से रामनाथ ठाकुर को भी मोदी सरकार में राज्य मंत्री बनाए गए हैं. उन्होंने पद और गोपनीयता की शपथ ली है.

रामनाथ ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं. वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते हैं. वर्तमान में रामनाथ ठाकुर जनता दल यूनाइटेड कोटे से राज्यसभा सांसद हैं.

रामनाथ ठाकुर नाई जाति से आते हैं जो अति पिछड़ा वर्ग के लोगों के बीच अच्छी खासी पकड़ रखते है. यही नहीं, उनका प्रभाव अन्य पिछड़ी जातियों पर भी है. बिहार में अति पिछड़ा वर्ग के करीब 2 फीसदी लोग हैं, जो किसी भी उम्मीदवार का खेल बना और बिगाड़ सकते हैं.

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जीतन राम मांझी को कैबिनेट में जगह

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) ने एनडीए गठबंधन में रहते हुए बिहार की एक सीट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी. गया सीट से चुनाव लड़कर जीते जीतन राम मांझी HAM पार्टी के सरंक्षक हैं. जीतन राम को मोदी कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है.

जीतन राम मांझी मुसहर जाती ( महादलित ) से आते हैं. मांझी बिहार के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं.

बिहार में बीजेपी के सांसद जो बनाए गए मंत्री

बिहार के बीजेपी सासंदों में गिरिराज सिंह को केंद्रीय मंत्री बनाया गया है. गिरिराज सिंह लगातार तीसरी मोदी कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ लिए हैं. इस बार गिरिराज सिंह अपने निकटतम प्रतिद्वंदी इंडिया एयलाइंस और सीपीआई की टिकट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे अवधेश राय को 82,602 वोटों से हराकर लोकसभा पहुंचे.

बिहार में बीजेपी की ओर से सांसद बनकर आए नित्यानंद राय को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में राज्यमंत्री बनाया गया है. पिछली सरकार में भी नित्यानंद राय को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का पद दिया गया था.

भारतीय जनता पार्टी से तीसरे मंत्री के रूप में डॉ. राज भूषण निषाद का नाम आता है. जिन्होंने मोदी कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली. राज भूषण निषाद मल्लाह जाति यानी अति पिछड़ा समाज से आते हैं.

राज भूषण निषाद पहले मुकेश सहनी की VIP पार्टी में थे लेकिन बाद में पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे और भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें टिकट दिया. राज भूषण निषाद का मंत्रिपरिषद में शामिल होना मुकेश सहनी के लिए झटका माना जा रहा है जो निषादों की राजनीति करते हैं.

वहीं भारतीय जनता पार्टी से बिहार के चौथे सांसद के रूप जिन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई गई उन में सतीश चंद्र दुबे का नाम भी शामिल है. सतीश चंद्र दुबे बीजेपी से राज्यसभा सांसद हैं. ‌

सतीश चंद्र दुबे उत्तर बिहार के मजबूत ब्राह्मण नेता मानें जाते हैं. सतीश चंद दुबे वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं. वाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र से सतीश चंद्र दुबे 2014 से लेकर 2019 तक लोकसभा के सांसद रह चुके हैं. 2019 में टिकट कटने के बाद बीजेपी आलाकमान ने उन्हें राज्यसभा में भेजा था. सांसद बनने से पहले सतीश चंद दुबे चनपटिया और नरकटियागंज से विधायक भी रह चुके हैं.

चिराग पासवान बने कैबिनेट मंत्री

बिहार में एनडीए की तीसरी सहयोगी पार्टी लोजपा रामविलास (LJP-R) के सांसद चिराग पासवान ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है. चिराग पासवान खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान कहते हैं.

चिराग पासवान पासवान जाति से आते हैं. बिहार में 6 प्रतिशत पासवान मतदाता हैं जिन्हें बिहार में महादलित का दर्जा और आरक्षण मिला है. एलजेपी के गठन के वक्त से ही ये जाति रामविलास के प्रति वफादार है.

चिराग पासवान ने 2014 लोकसभा चुनाव में बिहार राज्य की जमुई लोक सभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार सुधांशु शेखर भास्कर को करीब 85,000 मतों से हराया. वहीं दूसरी बार चिराग पासवान ने 2019 के लोकसभा चुनावों में जमुई सीट से जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार भूदेव चौधरी को हराते हुए दूसरी बार सांसद बने.

तीसरी बार उन्होंने अपने पिता रामविलास पासवान के गुजर जाने के बाद हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और अपने प्रतिद्वंदी इंडिया गठबंधन और आरजेडी के टिकट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे शिवचंद्र राम को 6,15,718 वोटों से पराजित कर जीत की हैट्रिक लगाई.

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