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पीएम मोदी एक बार फिर केंद्र की सत्ता में वापसी कर चुके हैं. नई मोदी सरकार के 57 मंत्रियों ने गुरुवार को शपथ ली. देशभर के बड़े राज्यों को मिलाकर कुछ छोटे राज्यों को भी केंद्र में जगह मिली. लेकिन कुछ ऐसे भी राज्य हैं जिन्हें उनके कद के मुताबिक केंद्र सरकार में जगह नहीं मिल पाई है. पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और झारखंड जैसे राज्यों को केंद्र में ज्यादा तवज्जो नहीं मिली.
पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंक दी. जिसके बाद लोकसभा सीटों की जीत का आंकड़ा 2 सीटों से 18 सीटों तक पहुंच गया. बीजेपी ने बंगाल में इसे अपना बड़ा कमबैक बताया. बंगाल में पार्टी का नारा 2021 का विधानसभा चुनाव जीतने का है. जिसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि बंगाल को इस बार केंद्र में ज्यादा तवज्जो मिल सकती है. लेकिन मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में यहां से बाबुल सुप्रियो और देबश्री चौधरी को मंत्री बनाया गया है. बाबुल सुप्रियो पहले भी मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा रह चुके हैं.
तमिलनाडु में बीजेपी और AIADMK के बीच लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन हुआ. जिसके बाद बीजेपी ने 5 सीटों पर चुनाव लड़ा. लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई. वहीं AIADMK एक सीट जीतने में कामयाब रही. जाहिर है ये एक ऐसा राज्य है जहां बीजेपी भविष्य में घुसना चाहेगी. इसीलिए उम्मीद की जा रही थी कि केंद्र में तमिलनाडु को भी जगह मिल सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
झारखंड की कुल 14 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 11 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस यहां सिर्फ 1 सीट पर ही सिमटकर रह गई. इस राज्य को भी ज्यादा प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया. झारखंड से दो सांसदों को मंत्री पद दिया गया है. अर्जुन मुंडा और मुख्तार अब्बास नकवी को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया.
नॉर्थ-ईस्ट के पांच राज्यों को केंद्र में मौका नहीं दिया गया है. त्रिपुरा, सिक्किम, नागालैंड, मणिपुर और मिजोरम को भी कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. जबकि असम और अरुणाचल प्रदेश को एक-एक मंत्री पद दिया गया है. नॉर्थ-ईस्ट से किरेन रिजिजू और रामेश्वर तेली को मंत्री बनाया गया है.
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Published: 31 May 2019,11:51 AM IST