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परली सीट पर हारीं पंकजा मुंडे,चचेरे भाई ने बड़े अंतर से दी मात

पंकजा मुंडे की सीट पर  प्रचार करने के लिए पीएम मोदी और अमित शाह आए थे

क्विंट हिंदी
चुनाव
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धनंजय मुंडे पंकजा के चचेरे भाई भी हैं
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धनंजय मुंडे पंकजा के चचेरे भाई भी हैं
(फोटो: PTI)

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महाराष्ट्र की वीआईपी सीट परली से बीजेपी की पंकजा मुंडे को एनसीपी के कैंडिडेट और उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे ने हराया है. ये सीट इसलिए भी खास है क्योंकि इस सीट पर प्रचार करने के लिए खुद पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह आए थे. साथ ही इस सीट पर जीत दर्ज करने वाले धनंजय मुंडे महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी हैं.

धनंजय मुंडे को 1 लाख 22 हजार 114 वोट मिले हैं वहीं पंकजा मुंडे को 91 हजार 413 वोट मिले.

इस सीट पर पंकजा ने साल 2009 और 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. वहीं साल 2014 के विधानसभा चुनाव में पंकजा ने धनंजय मुंडे को हराया था.

खुशी और गम दोनों है: धनंजय मुंडे

परली सीट से जीत दर्ज करने के बाद धनंजय मुंडे ने कहा है कि इस जीत से वो खुश भी हैं और दुखी भी हैं. परली सीट पर भाई बहन के मैदान में होने की वजह से मुकाबला मजेदार हो गया था. धनंजय मुंडे ने जीत मिलने पर लोगों का धन्यवाद दिया. वहीं दूसरी ओर पंकजा ने कहा कि उन्हें हार की कोई आशंका नहीं थी. हार उनके लिए एक रहस्य की तरह है. हालांकि उन्होंने कहा कि वह जनादेश का सम्मान करेंगी.

चुनाव आयोग कि ओर से जारी किए आंकड़ों के मुताबिक धनंजय मुंडे को 1 लाख 22 हजार वोट मिले हैं वहीं पंकजा मुंडे को 91 हजार 413 वोट मिले हैं. इस मौके पर धनंजय भावुक हो गए और कहा,

‘’परली के लोगों ने मुझे अप्रत्याशित जीत दी है. मैं उनको धन्यवाद करता हूं. स्वर्गवासी अन्ना(अपने पिता को याद करते हुए) मुझे जीतता हुआ देखना चाहते थे. मैं उनको कैसे बताऊं कि उनका बेटा जीत गया है और वो भी परली में.’’

विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय ने कहा कि उन्होंने यह चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा था. बिना किसी का नाम लिए धनंजय ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी कि तरफ से 'ओछी राजनीति' की गई थी.

धनंजय ने ये भी कहा कि परली सीट पर पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और छत्रपति शिवाजी के वंशज उदयनराजे भोंसले ने उनके खिलाफ प्रचार भी किया था.

‘’मैं खुश हूं.लेकिन मैं दुखी भी हूं क्योंकि मेरे परिवार का एक सदस्य हारा है. मैं इसी परिवार का हिस्सा हूं...खून का रिश्ता कभी खत्म नहीं होता भले ही वो मुझे परिवार का हिस्सा मानें या न मानें.’’
धनंजय मुंडे

हार पर क्या बोलीं पंकजा?

इसी बीच अपनी हार पर प्रतिक्रिया देते हुए पंकजा ने कहा, ''मैं इस जनादेश को स्वीकार करती हूं. ये नतीजे रहस्यमयी हैं. बीते पांच सालों में किए गए विकास के कामों को देखते हुए, मैंने इन नतीजों की कल्पना नहीं की थी.''

पंकजा मुंडे, देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री थीं. अब वो कह रही हैं कि वो अपनी हार के कारणों पर विचार करेंगी. पंकजा ने कहा, ''मैंने जिनके लिए प्रचार किया वो सब जीत की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन मैं अपनी सीट नहीं जीत पाई.''

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