महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों में बीजेपी को दावे के मुताबिक कामयाबी नहीं मिली. इसका राज्य और राष्ट्रीय राजनीति के लिहाज से क्या मतलब है? इस बारे में क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव से खास बातचीत की. योगेंद्र यादव के मुताबिक महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए चेतावनी हैं.
हरियाणा में बीजेपी 40 के आसपास सीटों पर सिमटती नजर आ रही है. 90 सीटों की विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 46 सीटें चाहिए. पिछले विधानसभा चुनावों में उसे 47 सीटें मिली थीं. कांग्रेस को राज्य में 30 से ज्यादा सीटें मिली हैं.और किंगमेकर की भूमिका में हैं जेजेपी के दुष्यंत चौटाला.
जनादेश सबसे ऊपर
योगेंद्र यादव के मुताबिक इस चुनाव ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि लोकतंत्र में जनादेश सबसे ऊपर है. नतीजे बता रहे हैं कि आज भी पब्लिक अपना फैसला आजादी से लेती है और वो किसी माहौल, किसी हवा के दबाव में नहीं आती है. देश में अर्थव्यवस्था की हालत खराब है. नौकरियां जा रही हैं. ऐसे में लोगों का गुस्सा नजर आ रहा है.
जनता-जनार्दन ने अपना सर उठाया है. जनता ने बताया कि आपके पास केंद्र में सरकार हो सकती है, पैसा हो सकता है, सारी मीडिया आपके जेब में हो सकती है लेकिन अंतत: लोकतंत्र में जब जनता सर उठाती है तो वो सबको गिरा सकती है.योगेंद्र यादव, अध्यक्ष, स्वराज इंडिया
महाराष्ट्र में हालांकि बीजेपी-शिवसेना अपनी सरकार बना लेंगी, लेकिन बीजेपी का जनाधार खिसका है. पिछले चुनाव में बीजेपी को 122 सीटें मिली थीं. लेकिन इस बार वो 100 के आसपास सिमटती नजर आ रही है. शिवसेना ने जरूर अपनी जमीन बचा रखी है.
योगेंद्र यादव ने कहा कि चुनाव नतीजे इस बात के सबूत हैं कि बीजेपी अजेय नहीं है और विपक्ष ने अगर दोनों राज्यों में और जोर लगाया होता तो बीजेपी की हालत आज शायद और खराब होती. तो ये चुनाव विपक्ष के लिए भी सबक है.
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