Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Elections Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Punjab election  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019पंजाब की सियासी पिच पर किस टीम से खेल रहे सिद्धू? अपनी ही सरकार को दी चेतावनी

पंजाब की सियासी पिच पर किस टीम से खेल रहे सिद्धू? अपनी ही सरकार को दी चेतावनी

नवजोत सिंह सिद्धू बढ़ा रहे पंजाब कांग्रेस की मुश्किलें, मिल रही AAP की तारीफ

मुकेश बौड़ाई
पंजाब चुनाव
Published:
<div class="paragraphs"><p>पंजाब कांग्रेस में घमासान, सिद्धू ने फेंकी गुगली</p></div>
i

पंजाब कांग्रेस में घमासान, सिद्धू ने फेंकी गुगली

(फोटो: PTI)

advertisement

पंजाब (Punjab) में नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) कांग्रेस के लिए वो चीज बन चुके हैं, जिसे ना उगल सकते हैं और ना ही निगला जा सकता है. कांग्रेस की लाख कोशिशों के बावजूद सिद्धू के तेवर कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. सिद्धू ने पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह को कुर्सी से उतारने में अहम भूमिका अदा की और अब चुनाव से ठीक पहले नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है.

पार्टी के सामने सिद्धू की एक और गुगली

अब पंजाब कांग्रेस के सामने नवजोत सिंह ने एक और गुगली डाल दी है. जिसमें उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल करने की चेतावनी दे डाली है. नवजोत सिंह सिद्धू ने एक सभा में कहा,

"अगर राज्य सरकार ने ड्रग्स के खतरे और बेअदबी को लेकर रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की तो मैं राज्य सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल करूंगा."

अब सिद्धू की इस नई और खतरनाक गुगली को कांग्रेस एक बार फिर डिफेंस करती है या फिर आक्रामक तरीके से इसे खेलती है... ये देखना दिलचस्प होगा. क्योंकि अगर पंजाब कांग्रेस का यही खेल चलता रहा तो चुनावों में पार्टी क्लीन बोल्ड हो सकती है.

यहां ये नहीं भूलना चाहिए कि सिद्धू पार्टी के कोई नेता नहीं, बल्कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर बैठे हैं. यानी जिस शख्स को कांग्रेस ने संगठन की पूरी जिम्मेदारी सौंपी है, वही सबके सामने सरकार के कपड़े उतारने पर तुला है. ऐसी स्थिति में फिलहाल पूरी पंजाब कांग्रेस सिद्धू केंद्रित हो चुकी है.

क्या AAP के लिए पिच तैयार कर रहे हैं सिद्धू?

सिद्धू के तीखे तेवर खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं. जिन मुद्दों को विपक्षी दलों को उठाना चाहिए उन्हें वो खुद प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उछाल रहे हैं. इसी बीच आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उनकी जमकर तारीफ भी कर दी है. केजरीवाल ने कहा कि सिद्धू जनता से जुड़े मुद्दों को उठाते हैं. लेकिन कांग्रेस उनका दमन करने पर तुली है. सिद्धू अपने सिद्धातों पर टिके हैं, जो काफी अच्छा है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू जब नाराज चल रहे थे तो उनके आम आदमी पार्टी में शामिल होने की अटलकें लगाई गई थीं. अब सिद्धू के तेवर और केजरीवाल की तारीफ के बाद कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि वो AAP के लिए पिच तैयार कर रहे हैं. साथ ही कांग्रेस की तरफ से अगर थोड़ी सी भी सख्ती बरती गई तो सिद्धू उसी AAP की पिच पर खेलते हुए भी नजर आ सकते हैं.

कई मौकों पर हुई कांग्रेस की किरकिरी

ये पहली बार नहीं है जब नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस की किरकिरी करवा रहे हों. इससे पहले भी कई मौकों पर उन्होंने सरकार की खूब आलोचना की. जब कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री थे तो सिद्धू ने उनके खिलाफ खुली जंग छेड़ दी थी. पार्टी ने आखिरकार सिद्धू का साथ दिया और कैप्टन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. सिद्धू मुख्यमंत्री का ताज पहनने के लिए बेताब थे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. पार्टी ने दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया.

नए सीएम के चुने जाने के करीब दो हफ्ते बाद ही सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा, "एक आदमी के चरित्र का पतन समझौता कर लेने से होता है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे से कभी समझौता नहीं कर सकता." इसके बाद पार्टी ने उन्हें फिर मनाने की कोशिश की और जिन अधिकारियों की नियुक्ति पर उन्हें आपत्ति थी उन्हें हटा दिया गया.

मामला शांत होता नजर आ रहा था, लेकिन सिद्धू शांत नहीं हुए. उन्होंने एक बार फिर ड्रग्स और बेअदबी का मामला उछाला और सीएम चन्नी पर निशाना साधा. इसके बाद चन्नी की तरफ से भी उन्हें जवाब दिया गया और कहा कि वो गरीब जरूर हैं, लेकिन कमजोर नहीं हैं. इसके बाद से ही दोनों के बीच तनातनी चल रही है.

कांग्रेस के लिए आगे कुआं, पीछे खाई वाली स्थिति

फिलहाल कांग्रेस के लिए सिद्धू से निपटना एक बड़ी चुनौती बन चुकी है. क्योंकि अगर पार्टी अब उनके खिलाफ एक्शन लेती है तो इसे बड़ी बेवकूफी माना जाएगा. जिस नेता के लिए पार्टी ने पुराने साथी कैप्टन अमरिंदर सिंह को दरकिनार कर दिया, उसके खिलाफ एक्शन पार्टी को नुकसान पहुंचाएगा. साथ ही सिद्धू अगर पार्टी छोड़ते हैं तो वो अकेले नहीं जाएंगे. चुनाव से पहले पार्टी इतना बड़ा नुकसान झेलने को तैयार नहीं होगी. वहीं दूसरी तरफ पार्टी में रहते हुए सिद्धू लगातार सरकार की इमेज पर दाग लगा रहे हैं, उससे भी कांग्रेस को नुकसान हो रहा है. कुल मिलाकर फिलहाल पंजाब कांग्रेस के लिए सिद्धू ने आगे कुआं पीछे खाई वाली स्थिति बना दी है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT