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वीडियो एडिटर: वरुण शर्मा
वीडियो प्रोड्यूसर: मौसमी सिंह
लोकसभा चुनाव में कई दिग्गज नेता एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरे हैं. ऐसा ही एक नाम रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का भी है. जिनकी पूर्वांचल में हुकूमत चलती है. लेकिन इस बार राजा भैया की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है. उन्होंने अपनी नई पार्टी बनाकर यूपी की दो सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया है. यूपी के प्रतापगढ़ और कौशांबी से उनकी पार्टी जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के उम्मीदवार मैदान में हैं.
क्विंट के साथ खास बातचीत में राजा भैया ने दावा किया है कि वो इन दोनों सीटों पर जीत रहे हैं. उन्होंने कहा-
राजा भैया ने कहा कि जनता के बीच रहना ही उनकी सफलता का राज है. पूर्वांचल में उनके रुतबे को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, 'बात रुतबे की नहीं है. 1993 से राजनीति शुरू की विधानसभा चुनाव लड़े और कुंडा की जनता ने रिकॉर्ड मतों से जिताया. तब से लेकर अब तक निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 6 चुनाव जीत चुके हैं. जनता के बीच रहना और काम करना यही हमारी सफलता का राज है.'
राजा भैया ने अपनी अलग पार्टी बनाने के फैसले पर बात करते हुए कहा, ' 30 नवंबर को राजनीति के 25 साल पूरे हुए, तो ऑनलाइन ओपिनियन पोल लिया गया और कार्यकर्ताओं से पूछा गया कि अब आगे क्या करना चाहिए. क्या निर्दलीय ही आगे बढ़ना चाहिए या फिर पार्टी बनानी चाहिए तो 80 प्रतिशत लोगों ने कहा कि पार्टी बनाना चाहिए.
राजा भैया ने अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला, तो मुलायम सिंह का बचाव करते दिखे. उन्होंने कहा, नेताजी का एक बहुत बड़ा व्यक्तित्व हैं. लेकिन अब उनके पर कतरकर बैठा दिया गया है. 2012 में 238 सीटें जीतकर थाली में परोस दी गई थीं. अखिलेश यादव ने चुनाव में कहा था कि नेताजी जी मुख्यमंत्री होंगे. अब उन 238 सीटों को उन्होंने 47 पर पहुंचा दिया. बहुत से वरिष्ठ सहयोगी जो नेताजी के साथ थे, आज कटकर अलग हो रहे हैं. राजा भैया ने कहा कि उनका मायावती से राजनीतिक विरोध है पर कोई दुश्मनी नहीं है.
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Published: 04 May 2019,04:03 PM IST