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राजस्थान (Rajasthan Election) 25 नवंबर को वोट डालने वाला है. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आरोप लगाया कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए टैक्स के कारण राजस्थान में पेट्रोल की कीमत देश में सबसे ज्यादा है, उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 35,975 करोड़ रुपये का टैक्स वसूल किया है. क्या वाकई यह सच है?
हम आपको बताएंगे कि राजस्थान बाकी राज्यों की तुलना में पेट्रोल-डीजल पर कितना टैक्स आप लोगों से वसूलता है, चलिए हिसाब किताब करते हैं.
इन चुनावों के दौरान हमने कहीं नहीं सुना कि पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई कटौती आई हो. पेट्रोल-डीजल ऐसा सेक्टर जो केंद्र और राज्य सरकार दोनों के हाथ में होता है.
दरअसल केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पिछले दो सालों में, राजस्थान सरकार ने नवंबर 2021-2022 और 2022-2023 तक पेट्रोल और डीजल पर 35,975 करोड़ रुपये का टैक्स जमा किया है. अकेले राजस्थान ने 18 अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में 2000 करोड़ रुपये ज्यादा टैक्स जुटाया है.
पेट्रोलियिम और नैचरल गैस मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान पेट्रोल पर 31.04% का वैट वसूलता है साथ ही रोड डेवलपमेंट के नाम पर 1500 रुपये प्रति किलो लीटर का सेस भी वसूलता है. वहीं डीजल पर 19.30% का वैट वसूलता है और 1750 रुपये प्रति किलो लीटर का सेस वसूलता है. अब ये कुछ हद तक बाकी राज्यों की तुलना में वाकई ज्यादा है.
हालांकि तेलंगाना पेट्रोल पर 35.20% का वैट और डीजल पर 27% वैट वसूलता है लेकिन राजस्थान की तरह अलग से सेस चार्ज नहीं करता है.
महराष्ट्र के मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई और औरंगाबाद में पेट्रोल पर 26% वैट और 5.12 रुपये प्रति लीटर एडिशनल टैक्स वसूला जाता है और डीजल पर 24% वैट वसूला जाता है.
मध्य प्रदेश पेट्रोल पर 29% वैट प्लस 2.5 रुपये प्रति लीटर वैट और 1% सेस वसूलता है. वहीं डीजल पर 19% वैट प्लस 1.5 रुपये प्रति लीटर वैट और 1% सेस वसूलता है.
छत्तीसगढ़ पेट्रोल पर 24% वैट और 2 रुपये प्रति लीटर वैट वसूलता है, डीजल पर 23% वैट और 1 रुपये प्रति लीटर वैट वसूलता है.
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