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हिसाब-किताब: MP, छत्तीसगढ़-राजस्थान के खजाने का हाल, कितने घाटे में BJP-कांग्रेस की सरकार?

Rajasthan सरकार ज्यादा घाटे में, ज्यादा घाटा मतलब कर्ज लेकर इस घाटे की पूर्ति की जाएगी जिससे कर्ज का बोझ बढ़ने की संभावना बढ़ेगी.

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Election), छ्त्तीसगढ़ (Chhattisgarh Election), राजस्थान (Rajasthan Election) में मौसम चुनावी है. चुनावी वादे, आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि चुनावी राज्यों की सरकारें कितने घाटे में काम कर रही हैं? सरकारें कितना राजस्व कमा रही हैं और कितना खर्च कर रही हैं? विकास के काम में कितना पैसा खर्च कर पा रही हैं?

'हिसाब-किताब' नाम से क्विंट हिंदी सीरीज चला रहा है, जिसमें चुनावी राज्यों- एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार की योजनाओं और पिछली सरकार के कामकाज का पूरा विश्लेषण किया जा रहा है.
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घाटे में चल रहे चुनावी राज्य, छत्तीसगढ़ के हालात फिलहाल ठीक

जिस घाटे की हम बात कर रहे हैं उसे टेक्निकल भाषा में फिस्कल डेफिसिट बोलते हैं. अगर राज्य कमाने से ज्यादा खर्च कर रही है तो इसका मतलब सरकार घाटे में है. हालांकि आर्थशास्त्रियों का ये भी मानना है कि खर्च ज्यादा होने से विकास भी ज्यादा होगा. कुछ हद तक घाटा हो तो ठीक है लेकिन घाटा बढ़ता जाए तो यह महंगाई को बुलावा देता है, रुपये को बाकी करेंसी के मुकाबले कमजोर करता है.

आपको बता दें कि राज्य अपनी जीडीपी यानी अर्थव्यवस्था के आकार का 3.5 फीसदी घाटा मेनटेन कर सकते हैं. जीडीपी या अर्थव्यवस्था यानी उस राज्य की कुल सामान और सेवाओं का टोटल, आसान भाषा में बोलें तो यह उस राज्य में एक निश्चित अवधि के दौरान उत्पादित हुई सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं की वैल्यू होता है.

आमतौर पर सरकार अपने घाटे को कर्ज लेकर भरती है.

कितने घाटे में है छत्तीसगढ़?

छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था 5.09 लाख करोड़ की है. 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार राज्य का फिस्कल डेफिसिट 3.2% है यानी 5.09 लाख करोड़ का 3.2% हिस्सा सरकार का घाटा है.

कितना कमाता है छत्तीसगढ़? 2023-24 में राज्य ने 1.06 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है, इसमें सरकार द्वारा लिया गया कर्ज शामिल नहीं है.

कितना खर्च किया? 2023-24 में राज्य ने 1.21 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

FRBM एक्ट के तहत सरकार को सख्त हिदायत दी जाती है कि वह अपना घाटा 3.5% के अंदर ही मैनेज करें. ये सीमा पहले 3% थी. समझने के लिए आप ये कह सकते हैं कि अगर किसी राज्य का घाटा 3.5% से ज्यादा है तो राज्य पर कर्ज का बोझ पड़ेगा और सरकार अपने घाटे को मैनेज करने में सफल नहीं है.

छत्तीसगढ़ अपनी कमाई का 42% हिस्सा सैलेरी, पेंशन, कर्ज पर ब्याज चुकाने जैसे खर्चों पर करता हैं. फिर बाकी पैसा विकास के कामों पर खर्च होता है.
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कितने घाटे में है मध्य प्रदेश?

मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था 13.87 लाख करोड़ की है. 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार राज्य का फिस्कल डेफिसिट 3.6% है यानी 13.87 लाख करोड़ का 3.6% हिस्सा सरकार का घाटा है, जो FRBM की सीमा से थोड़ा ज्यादा है.

कितना कमाता है मध्य प्रदेश? 2023-24 में राज्य ने 2.25 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है, इसमें सरकार द्वारा लिया गया कर्ज शामिल नहीं है.

कितना खर्च किया? 2023-24 में राज्य ने 2.81 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

मध्य प्रदेश अपनी कमाई का 46% हिस्सा सैलेरी, पेंशन, कर्ज पर ब्याज चुकाने जैसे खर्चों पर करता हैं. फिर बाकी पैसा विकास के कामों पर खर्च होता है.
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कितने घाटे में है राजस्थान?

राजस्थान की अर्थव्यवस्था 15.7 लाख करोड़ की है. 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार राज्य का फिस्कल डेफिसिट 4.3% है यानी 15.7 लाख करोड़ का 4.3% हिस्सा सरकार का घाटा है, जो FRBM की सीमा से ज्यादा है.

कितना कमाता है राजस्थान? 2023-24 में राज्य ने 2.34 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है, इसमें सरकार द्वारा लिया गया कर्ज शामिल नहीं है.

कितना खर्च किया? 2023-24 में राज्य ने 2.97 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

राजस्थान अपनी कमाई का 56% हिस्सा सैलेरी, पेंशन, कर्ज पर ब्याज चुकाने जैसे खर्चों पर करता हैं. फिर बाकी पैसा विकास के कामों पर खर्च होता है. ये कहा जा सकता है कि राजस्थान के पास विकास पर खर्च करने की क्षमता सीमित है.
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