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राजस्थान (Rajasthan) में "माननीय" विधायकों की संपत्ति में पिछले पांच वर्षों में बेशुमार बढ़ोतरी हुई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की हालिया रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है. इसमें कांग्रेस के सबसे अधिक 99 और बीजेपी के 60 विधायक शामिल हैं. आइये आपको बताते हैं कि ADR की रिपोर्ट में क्या दावा किया गया है?
दरअसल, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और राजस्थान इलेक्शन वॉच ने राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में फिर से मैदान में उतरने वाले 173 विधायकों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया है. इसमें 173 विधायकों में से 161 यानी 93 प्रतिशत MLA की संपत्ति में 1 फीसदी से लेकर 19990 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी पाई गई है, जबकि 13 विधायकों यानी 7 प्रतिशत MLA की संपत्ति में एक फीसदी से लेकर 57 फीसदी तक की कमी पाई गई है.
2018 के चुनावों में औसत संपत्ति: 2018 में निर्दलीय सहित विभिन्न दलों द्वारा फिर से चुनाव लड़ रहे इन 173 विधायकों की औसत संपत्ति 7.10 करोड़ रुपये थी.
2023 चुनाव में औसत संपत्ति: 2023 में दोबारा चुनाव लड़ रहे इन 173 विधायकों की औसत संपत्ति 9.97 करोड़ रुपये की है.
5 वर्षों (2018-2023) में औसत संपत्ति वृद्धि: 2018 और 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनावों के बीच, फिर से चुनाव लड़ रहे इन 173 विधायकों की औसत संपत्ति वृद्धि 2.86 करोड़ रुपये है.
5 वर्षों (2018-2023) में प्रतिशत वृद्धि: फिर चुनाव लड़ रहे इन 173 विधायकों की संपत्ति में औसत प्रतिशत वृद्धि 40% है.
बीकानेर पूर्व निर्वाचन सीट से बीजेपी विधायक और प्रत्याशी सिद्धि कुमारी ने अपनी संपत्ति में 97.61 करोड़ रुपये की वृद्धि की घोषणा की है, यानी 2018 में जो उनकी संपत्त 4.66 करोड़ रुपये थी, वो अब बढ़कर 2023 में 102.27 करोड़ रुपये हो गई है.
अंता सीट से कांग्रेस विधायक और प्रत्याशी प्रमोद जैन की संपत्ति पांच साल में 29.17 करोड़ रुपये बढ़ गई, जो 2018 में 27.31 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में 56.49 करोड़ रुपये हो गई है.
गंगापुर सीट से कांग्रेस विधायक और प्रत्याशी रामकेश की संपत्ति 23.68 करोड़ रुपये बढ़ गई है, जो 2018 में 39.96 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में 63.64 करोड़ रुपये हो गई है.
नवलगढ़ सीट से कांग्रेस विधायक और प्रत्याशी डॉ. राजकुमार शर्मा की संपत्ति 18.62 करोड़ रुपये बढ़ गई, जो 2018 में 9.31 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में 18.71 करोड़ रुपये हो गई है.
चित्तौड़गढ़ सीट से बीजेपी विधायक और वर्तमान में निर्दलीय चुनाव लड़ रहे चंद्रभान सिंह चौहान की संपत्ति में पांच साल के अंदर 17.94 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है. उनकी संपत्ति 2018 में 9.51 करोड़ थी जो 2023 में बढ़कर 27.46 करोड़ रुपये हो गई है.
कांग्रेस: कांग्रेस के 99 विधायकों की संपत्ति में पिछले पांच वर्षों में करोड़ों रुपये की बढ़ोतरी हुई है. ADR रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस विधायकों की औसत संपत्ति में 33.41% की बढ़ोतरी हुई है. 2018 में इनकी औसत संपत्ति 8.41 करोड़ थी, जो 2023 में बढ़कर 11.22 करोड़ रुपये हो गई है.
बीजेपी: BJP के 60 विधायकों की औसत संपत्ति में पांच सालों में 50.63 फीसदी की वृद्धि हुई है. 2018 के 5.70 करोड़ रुपये के मुकाबले अब विधायकों की औसत संपत्ति बढ़कर 8.58 करोड़ रुपये हो गई है.
निर्दलीय: संपत्ति में वृद्धि के मामले में निर्दलीय भी पीछे नहीं हैं. 6 निर्दलीय विधायकों की संपत्ति में 86.89 फीसदी की वृद्धि हुई है. यानी 2018 में विधायकों की संपत्ति 5.63 करोड़ रुपये थी जो 2023 में बढ़कर 10.53 करोड़ रुपये हो गई है.
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी: RLP के तीन विधायकों की संपत्ति में 1.79 करोड़ रुपये यानी 184.12% की वृद्धि हुई है. 2018 में इनकी औसत संपत्ति 97.50 लाख रुपये थी, जो 2023 में बढ़कर 2.77 करोड़ रुपये हो गई है.
शिवसेना: शिवसेना के एक विधायक की औसत संपत्ति में 346% यानी 3.3 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है. 2018 में विधायक की औसत संपत्ति 95 लाख रुपये थी जो 2023 में बढ़कर 4.26 करोड़ रुपये थी.
आरएलडी: पिछले पांच वर्षों में RLD के एक विधायक की औसत संपत्ति में 1.34 करोड़ यानी 52.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 2018 में विधायक की संपत्ति 2.55 करोड़ थी जो 2023 में बढ़कर 3.89 करोड़ रुपये हो गई है.
राष्ट्रीय जनता सेना: RJS के भी एक विधायक ने पांच सालों में अपनी संपत्ति में कई करोड़ की वृद्धि की है. 2018 में विधायक की औसत संपत्ति 13.08 करोड़ थी, जो 2023 में बढ़कर 17.04 करोड़ रुपये हो गई. कुल मिलाकर विधायक की पांच साल में औसत संपत्ति 3.95 करोड़ रुपये यानी 30.22% बढ़ गई.
भारतीय आदिवासी पार्टी: BAP के एक विधायक की औसत संपत्ति में पांच सालों में 1.16 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है. 2018 में विधायक के पास 1.22 लाख रुपये की संपत्ति थी, जो 2023 में बढ़कर 1.17 करोड़ रुपये के करीब हो गई.
CPI (M): CPIM के एक विधायक भी पिछले पांच साल में मालामाल हो गये हैं. विधायक की औसत संपत्ति में 38.68 लाख रुपये यानी 217.94% की वृद्धि हुई है. 2018 के 17 लाख रुपये के मुकाबले 2023 में संपत्ति 56 लाख रुपये से ज्यादा हो गई है.
कुल मिलाकर 173 दोबारा चुनाव लड़ने वाले विधायकों की औसत संपत्ति में पांच वर्षों के अंदर 2.86 करोड़ यानी 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 2018 में विधायकों की संपत्ति 7.10 करोड़ थी जो 2023 में बढ़कर 9.97 करोड़ हो गई है.
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