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राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Elections) में कांग्रेस (Congress) ने उम्मीदवारों की चौथी और पांचवीं लिस्ट जारी कर दी है, जिसमें क्रमशः 56 और 5 उम्मीदवारों के नाम हैं. पार्टी ने पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ को बाली सीट से टिकट दिया है, वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ को उदयपुर सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है. एनालिसिस के जरिए समझते हैं कि 56+5 उम्मीदवारों के जरिए कांग्रेस ने क्या साधने की कोशिश की है.
सबसे पहले जान लीजिए कि इस लिस्ट को मिलाकर कांग्रेस ने राजस्थान में कुल 156 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं. पहली लिस्ट में 33, दूसरी लिस्ट में 43, तीसरी लिस्ट में 19, चौथी लिस्ट में 56 और पांचवीं लिस्ट में 5 नामों का ऐलान किया गया है. अभी 44 उम्मीदवारों के नाम घोषित होने हैं.
अब एनालिसिस पर आते हैं.
पहला फैक्टर है कि चौथी लिस्ट में भी शांति धारीवाल-राठौड़ का नाम नहीं
कांग्रेस की चौथी लिस्ट का इंतजार इसलिए भी किया जा रहा था क्योंकि उम्मीद थी कि इस लिस्ट में शांति धारीवाल, आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ और महेश जोशी का नाम होगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस लिस्ट में भी ये तीनों नाम नहीं हैं. ये वही नाम हैं, जिन्होंने पिछले साल सितंबर में कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ बगावत की थी. तब इन नेताओं ने कहा था कि वो आलाकमान के आदेश नहीं मानेंगे.
दूसरा फैक्टर है, जहां 20 साल से नहीं जीती कांग्रेस, वहां से गौरव वल्लभ को टिकट
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और टीवी डिबेट के चर्चित चेहरे गौरव वल्लभ को उदयपुर शहर से टिकट दिया गया है. यहां से साल 2018 में बीजेपी के गुलाब चंद कटारिया की जीत हुई थी. इससे पहले साल 2013, 2008 और 2003 में भी कटारिया की ही जीत हुई थी. हां, साल 1998 में उदयपुर सीट से कांग्रेस के त्रिलोक पूर्बिया जीते थे. यानी 25 साल पहले. यानी 20 साल से इस सीट से बीजेपी ही जीतती आ रही है.
तीसरा फैक्टर है, वसुंधरा के करीबी विकास चौधरी को टिकट मिला
कांग्रेस ने वसुंधरा के करीबी रहे विकास चौधरी को किशनगढ़ से टिकट दिया गया है. इस सीट से साल 2018 में कांग्रेस ने नंदराम को उम्मीदवार बनाया था. लेकिन अबकी बार विकास चौधरी को मैदान में उतारा गया है.
इन्होंने साल 2018 में बीजेपी के टिकट पर किशनगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. लेकिन इस बार के चुनाव में बीजेपी ने जब पहली लिस्ट जारी की तो उसमें विकास चौधरी की जगह अजमेर लोकसभा सीट से सांसद भागीरथ चौधरी को उम्मीदवार बनाया. हाल ही में झुंझुनू में एक रैली के दौरान प्रियंका गांधी की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. अब कांग्रेस ने उन्हें किशनगढ़ से उम्मीदवार बना दिया.
चौथा फैक्टर है, बेटे को नहीं, दीपेंद्र सिंह शेखावत को टिकट मिला
राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत को सीकर जिले की श्रीमाधोपुर सीट से टिकट दिया गया है. वह इस सीट से 5 बार विधायक रह चुके हैं. लेकिन उन्होंने इस बार चुनाव लड़ने से मना किया था. ऐसे में उनके बेटे बालेंदु सिंह को मजबूत दावेदार माना जा रहा था. लेकिन पार्टी ने बेटे की बजाय दीपेंद्र सिंह शेखावत पर ही भरोसा जताया. दीपेंद्र सिंह को सचिन पायलट का करीबी माना जाता है.
पांचवां फैक्टर, 7 विधायकों का टिकट कटा
कांग्रेस ने बसेड़ी से खिलाड़ी लाल बैरवा, राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ से जौहरी लाल मीणा, कठूमर से बाबूलाल बैरवा और तिजारा से संदीप यादव सहित कुल 7 विधायकों का टिकट काट दिया है. जैसे कि नदबई से विधायक जोगेंद्र अवाना को भी टिकट दिया गया है. वह बीएसपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. इसके अलावा विकास चौधरी, BSP छोड़ कांग्रेस में आए इमरान खान और पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ को भी टिकट दिया गया है. मानवेंद्र सिंह को भी चौथी लिस्ट में जगह मिली है. उन्हें सिवाना सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. मानवेंद्र सिंह बीजेपी के संस्थापक सदस्य और कद्दावर नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह जसोल के बेटे हैं.
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