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राजस्थान (Rajasthan) के तिजारा (Hate Speech in Tijara) में एक रैली में मुसलमानों और सिखों को निशाना बनाते हुए एक बीजेपी नेता ने हेट स्पीच दिए. इसको लेकर सिख निकायों और बीजेपी के बीच गतिरोध पैदा हो गया है. पूर्व बीजेपी उम्मीदवार संदीप दायमा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और तिजारा से बीजेपी के वर्तमान उम्मीदवार महंत बालकनाथ की मौजूदगी में नफरती भाषण दिया.
हेट स्पीच देनेवाले नेता ने माफी मांग ली है, लेकिन एसजीपीसी समेत सिख निकाय पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.
संदीप दायमा ने कहा... "अगर कांग्रेस उम्मीदवार इस निर्वाचन क्षेत्र से जीतता है, तो मस्जिदों और गुरुद्वारों की संख्या बढ़ जाएगी और यह यहां रहने वाले लोगों के लिए समस्या हो जाएगी. उन्होंने धमकी दी कि अगर उनकी पार्टी के सत्ता में आई तो इन्हें उखाड़ फेंका जाएगा."
दायमा के भाषण के बाद आदित्यनाथ ताली बजाते देखे गए.
सिख संस्थाओं के विरोध के बाद, दायमा ने माफी मांगते हुए कहा कि वे "मस्जिद और मदरसा" कहना चाहते थे और अंत में उन्होंने "मस्जिद और गुरुद्वारा" कहा.
सिखों की शीर्ष संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी दायमा की माफी पर कड़ी आपत्ति जताई है.
मुस्लिम धर्म के खिलाफ भी किए गए टिप्पणी पर SGPC के इस स्टैंड की मुस्लिम समुदाय ने खूब सराहना की.
एसजीपीसी ने पहले दायमा के साथ-साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से माफी की मांग की थी, जो इस हेट स्पीच के समय रैली में मौजूद थे. दायमा की टिप्पणी के खिलाफ तिजारा में भी सिख संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
तिजारा में अत्यधिक ध्रुवीकृत चुनावी कैंपेन देखा जा रहा है, विशेषकर बीजेपी की ओर से बालकनाथ को मैदान में उतारने से यहां का चुनाव में धार्मिक ध्रुवीकरण देखा जा रहा है. बालकनाथ पर हेट स्पीच देने का आरोप लग चुके हैं.
सितंबर में बालकनाथ ने कथित तौर पर उदयपुर में एक भाषण दिया था. जिसमें उन्होंने कहा कि संतान धर्म "विद्रोह फैलाने वाले लोगों" के सिर काट देगा.
कांग्रेस ने तिजारा में मुस्लिम उम्मीदवार इमरान खान को मैदान में उतारा है, जो पहले बीएसपी में थे. बता दें कि तिजारा में मुसलमानों की आबादी 37 प्रतिशत और सिखों की आबादी लगभग 3 प्रतिशत है.
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