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मुंबई नॉर्थ सीट की खींचतान खत्म,बीजेपी को शिवसेना का समर्थन पक्का

मुंबई नॉर्थ सीट का झगड़ा खत्म, शिवसेना के सुनील राउत ने किया बीजेपी उम्मीदवार का समर्थन

रौनक कुकड़े
चुनाव
Published:
मुंबई नॉर्थ सीट पर शिवसेना के सुनील राउत ने बीजेपी के उम्मीदवार को समर्थन दे दिया है
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मुंबई नॉर्थ सीट पर शिवसेना के सुनील राउत ने बीजेपी के उम्मीदवार को समर्थन दे दिया है
(फोटोः Altered By quint)

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मुंबई नॉर्थ ईस्ट सीट से निर्दलीय उमीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरने की बात करने वाले शिवसेना विधायक सुनील राउत अब मान गए हैं. शुक्रवार को एक वीडियो जारी कर उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार मनोज कोटक को समर्थन देने का ऐलान कर दिया.

दरअसल दो दिन पहले सुनील राउत का एनसीपी उम्मीदवार संजय दिना पाटिल के साथ मंच साझा करने का वीडियो क्लिप वायरल हुआ था. इसके बाद यह कहा जा रहा था कि राउत नाराज हैं.

शिवसेना-बीजेपी गठबंधन के बावजूद सुनील राउत खुले दिल से गठबंधन का साथ नहीं दे रहे थे. इससे ये सवाल भी उठ रहा था कि गठबंधन के बावजूद शिवसेना और बीजेपी के दिल नहीं मिले हैं. लेकिन शुक्रवार को राउत ने बीजेपी उम्मीदवार का समर्थन कर इन अटकलों को खारिज कर दिया.
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सुनील राउत पहले कर रहे थे किरिट सौमैया की उम्मीदवारी का विरोध

शिवसेना इससे पहले बीजेपी नेता किरिट सोमैया की उम्मीदवारी को लेकर विरोध कर रही थी. सुनील राउत ने तो यहां तक धमकी दी थी कि अगर किरिट सोमैया को फिर मौका दिया जाता है तो वह निर्दलीय उम्मीदवार को तौर पर मुंबई नॉर्थ ईस्ट सीट से पर्चा भरेंगे. बीजेपी ने भी चुनावी गणित को ध्यान में रखते हुए किरिट सोमैया की जगह बीएमसी में बीजेपी के ग्रुप लीडर मनोज कोटक को मैदान में उतारा है .

सुनील राउत ने मनोज कोटक को दिया समर्थन

कौन हैं सुनील राउत और क्या है उनकी अहमियत?

मुंबई की भांडुप सीट से शिवसेना के विधायक हैं सुनील राउत. इसके अलावा सुनील राउत की दूसरी पहचान ये है कि वह शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत के छोटे भाई हैं. नॉर्थ ईस्ट लोकसभा सीट में भांडुप और विक्रोली दोनो इलाकों में मराठी वोट बड़ी संख्या में है. यहां शिवसेना का दबदबा है इस लिए शिवसेना का रोल यहां अहम हो जाता है. इस बात को इससे भी समझ सकते हैं कि एनसीपी के उम्मीदवार संजय दिना पाटिल मराठी उमीदवार हैं और मराठी होने का फायदा उन्हें मिल सकता है. इसलिए अगर शिवसेना का कार्यकर्ता यहां काम नहीं करता है इसका नुकसान बीजेपी को हो सकता है

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