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क्या PM मोदी का ‘हिंदू’ वाला बयान आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है?

पीएम मोदी और सीएम योगी के ‘विवादित’ भाषणों को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ने उठाए सवाल 

आदिला माट्रा
सोशल दंगल
Updated:
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी दोनों ने ही अपने भाषणों के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन किया है
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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी दोनों ने ही अपने भाषणों के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन किया है
(फोटो: द क्विंट)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने भाषणों को लेकर एक बार फिर से विवादों में घिर गए हैं. दोनों ने ही कुछ ऐसा कहा है जो आचार संहिता का उल्लंघन करता है.

ऐसा पहली बार नहीं है, जब बीजेपी पर आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगा है, इससे पहले बीजेपी ने भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की फोटो को चुनावी पोस्टर पर लगाकर, और ‘मिशन शक्ति’ का ऐलान कर चुनाव आयोग की गाइडलाइंस का मजाक उड़ाया था.

हाल ही में पीएम मोदी ने एक ऐसा बयान दिया जो आचार संहिता का उल्लंघन करता है. सोमवार, 1 अप्रैल को महाराष्ट्र के वर्धा में चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद को जन्म दिया...और शांतिप्रिय हिंदुओं को आतंकवादी बना दिया...क्या हिंदू आतंकवाद की कोई एक भी घटना है? इस अपमान के लिए लोग कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेंगे.’’

इसी दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गाजियाबाद में एक रैली के दौरान भारतीय सेना को 'मोदीजी की सेना' कहा था. इस पर चुनाव आयोग के अधिकारियों ने जिला निर्वाचन आयुक्त से रिपोर्ट तलब की.

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने पर पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस वहीं जाएगी, जहां अल्पसंख्यक, बहुसंख्यक हों, क्योंकि कांग्रेस हिंदुओं से डरती है.

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चुनाव आयोग के गाइडलाइंस

सीनियर पत्रकार श्रीनिवासन जैन ने ट्वीट कर कहा कि पीएम मोदी के जो बयान हैं वो साफ तौर पर लोगों को जाति/धर्म के आधार पर बांटने वाले हैं.

ट्विटर पर ही लोगों ने ये भी लिखा कि नेताओं को ऐसे मुद्दे नहीं छेड़ने चाहिए जो पहले से ही लोगों के बीच जाति और संप्रदाय के आधार पर भेदभाव फैलाते हों.

एक ट्विटर यूजर ने कहा कि ये भाषण सिर्फ आचार संहिता का उल्लंघन ही नहीं करते बल्कि नेताओं के 'हथकंडों' को भी उजागर करते हैं.

हिंदू-मुस्लिम नैरेटिव

सीनियर पत्रकार अभिसार शर्मा ने लिखा, ‘‘देश के वोटर को भ्रमित करने और अपनी जवाबदेही शिफ्ट करने के लिये मोदीजी हिन्दू मुस्लिम करेंगे , मगर तुम सुशासन के वादे पर टिके रहना.’’

बीजेपी के आईटी सेल में वॉलेंटियर के तौर पर काम कर चुकी साध्वी खोसला ने साल 2016 में बीजेपी का दामन छोड़ दिया था. उन्होंने लिखा, ‘बीजेपी का 2019 के लिए नैरेटिव राष्ट्रवाद के साथ हिंदू-मुस्लिम का तड़का है.’

‘हिंदू आतंकवादी नहीं हैं’

ट्विटर पर लोगों ने पीएम मोदी के एक भी हिंदू आतंकवादी नहीं है वाली बात को नकार दिया.

सीनियर पत्रकार मनीष छिब्बर ने लिखा कि कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद को जन्म नहीं दिया. बल्कि महाराष्ट्र एटीएस ने साल 2018 में बीजेपी सरकार के रहते कई हिंदुओं के खिलाफ आतंकी धाराओं के तहत चार्जशीट फाइल की थी.

अंग्रेजी अखबार द टेलिग्राफ के मुताबिक पीएम मोदी ने वर्धा की रैली मे 13 बार ‘हिंदू’ शब्द का इस्तेमाल किया था. पहले चरण के प्रचार के दौरान बीजेपी की ओर से कई बार आचार संहिता का उल्लंघन किया जा चुका है. अब देखना होगा कि आने वाले चरणों के चुनाव प्रचार में क्या होता है?

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Published: 03 Apr 2019,08:11 PM IST

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