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Telangana Election Result 2023: तेलंगाना में पिछले 9 साल से सत्ता पर काबिज KCR सरकार को तेलंगाना के लोगों ने गुडबॉय कह दिया है. 119 विधानसभा वाले प्रदेश में कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ आगे बढ़ रही है. रेवंता रेड्डी के नेतृत्व में चुनाव लड़ी कांग्रेस दूसरी पार्टी होगी जो तेलंगाना की सत्ता पर काबिज होगी. लेकिन, सवाल है कि आखिर तेलंगाना का 'ताज' किसके सर होगा. क्योंकि, तेलंगाना में कांग्रेस में ऐसे कई उम्मीदवार हैं, जो मुख्यमंत्री की रेस में आगे चल रहे हैं. आइए एक-एक कर जानते हैं.
तेलंगाना कांग्रेस में सीएम की रेस में कई चेहरे दावेदार हैं. इनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी, सांसद कैप्टन एन उत्तमकुमार रेड्डी और कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी और मल्लू भट्टी विक्रमार्क जैसे नाम शामिल हैं. इसके अलावा मोहम्मद अजहरुद्दीन भी विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी का नाम सबसे ऊपर माना जा रहा है.
तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले जब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे तो उनके समर्थन में ‘सीएम-सीएम’ कहकर नारे लगाए गए. रेवंत रेड्डी ही वो शख्स हैं जो तेलंगाना विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस का चेहरा बने रहे. चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी नजर आते थे तो उनके साथ रेवंत रेड्डी जरूर दिखते थे.
साल 2017 में वो कांग्रेस में शामिल हो गए. हालांकि कांग्रेस में जाना उनके लिए अच्छा नहीं रहा क्योंकि 2018 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में वो टीआरएस उम्मीदवार से हार गए. केसीआर ने चुनाव से एक साल पहले विधानसभा भंग करके पहले ही चुनाव करवा दिया था.
विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस ने उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में मलकाजगिरि से टिकट दिया जिसमें उन्होंने सिर्फ 10,919 वोटों से जीत दर्ज की. साल 2021 में कांग्रेस ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष चुना.
अविभाजित आंध्र प्रदेश के महबूबनगर जिले में साल 1969 में पैदा हुए अनुमुला रेवंत रेड्डी ने राजनीति की शुरुआत अपने छात्र जीवन से ही कर दी थी. उस्मानिया विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन करने वाले रेड्डी उस समय एबीवीपी से जुड़े हुए थे. बाद में वो चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी में शामिल हो गए. टीडीपी के उम्मीदवार के तौर पर उन्होंने साल 2009 में आंध्र प्रदेश की कोडांगल विधानसभा सीट से चुनाव जीता था. साल 2014 में वो तेलंगाना विधानसभा में टीडीपी के सदन के नेता चुने गए.
साल 2018 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने उत्तम रेड्डी के नेतृत्व में ही लड़ा था. रेड्डी 2015 से 2021 तक तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे. वे अविभाजित आंध्र प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के दौरान आवास मंत्री के तौर पर काम कर चुके हैं. रेड्डी तीन बार विधानसभा के सदस्य रहे हैं. पहली बार 1999 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर कोदाद विधानसभा सीट से सफलता मिली और वे विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए.
2004 के विधानसभा चुनाव में भी वे कोदाद सीट से चुनाव जीतकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे. 2009 में वे तीसरी बार हुजुरनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने में सफल रहे. साल 2023 के चुनाव में वो तेलंगाना की हुजूरनगर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. उनके पास एक लंबा प्रशासनिक अनुभव है. ऐसे में माना जा रहा है कि सीएम रेस में उनका नाम भी सबसे आगे है.
इनके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी ने भी सीएम की रेस में अपनी ताल ठोकी है. कुछ दिन पहले ही उनका एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में उन्होंने दावा किया था कि अगर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत होती है तो सोनिया गांधी उन्हें मुख्यमंत्री का पद देंगी.
पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजहरुद्दीन का नाम भी सीएम की रेस आगे है, लेकिन पहले पायदान पर रेवंता रेड्डी का नाम ही आग चल रहा है.
हालांकि, जब रेवंता रेड्डी से ये पूछा गया कि 2013 में तेलंगाना के गठन के बाद से राज्य में केसीआर के अलावा कोई मुख्यमंत्री नहीं बना है. अगर कांग्रेस जीतती है तो क्या रेवंत रेड्डी मुख्यमंत्री बनेंगे? इस सवाल पर रेड्डी पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस तेलंगाना में 80 से ज्यादा सीटें जीतेगी और सीएम के लिए 80 से ज्यादा उम्मीदवार होंगे.
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