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इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने ममता के गढ़ बंगाल में 18 सीटें जीतकर सेंध लगा दी. लेकिन इसके कुछ ही दिन बाद पार्टी के विधायकों के टूटने की भी खबर सामने आई. टीएमसी के दो विधायकों और 60 पार्षदों ने बीजेपी का दामन थाम लिया. जिसे टीएमसी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. लेकिन टीएमसी ने इसे मामूली बात बताया है. पार्टी का कहना है कि विधायकों का बीजेपी में जाना कोई बड़ी बात नहीं है.
टीएमसी ने अब बीजेपी और अमित शाह को 2021 का चैलेंज दिया है. उत्तर 24 परगना के जिला अध्यक्ष और मंत्री ज्योतिप्रियो मलिक ने विश्वास जताया है कि पार्टी आने वाले विधानसभा चुनावों में जोरदार वापसी करेगी. उन्होंने कहा, पार्टी पहले भी इससे बड़े संकट देख चुकी है. लोकसभा चुनाव का असर विधानसभा चुनाव पर नहीं पड़ेगा. पार्टी विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के ठीक बाद टीएमसी की तरफ से यह बयान जारी हुआ है. हालांकि ममता बनर्जी ने इस मामले पर अभी कुछ भी नहीं कहा है.
टीएमसी से बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं पर बंगाल के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम ने जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा, "जब जहाज किसी तूफान से टकराता है तो सबसे पहले चूहे समुद्र में छलांग लगा देते हैं, बिना यह जाने कि उनका हश्र क्या होगा. यही इस समय हो रहा है. हमारा मानना है कि जो लोग बीजेपी में शामिल हो रहे हैं, उन्हें इसके लिए मजबूर किया गया है."
मंगलवार को दिल्ली में बीजेपी नेता और पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में 2 विधायक बीजेपी में शामिल हुए. दो पार्टी विधायकों के अलावा बीजेपी नेता मुकुल रॉय के बेटे सुभ्रांशु रॉय भी बीजेपी में शामिल हुए. जिन्हें टीएमसी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बाहर का रास्ता दिखा दिया था. विधायकों के अलावा 60 पार्षदों ने भी टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने का फैसला लिया. इस मौके पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि टीएमसी के अभी और कई नेता बीजेपी में शामिल होंगे.
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Published: 29 May 2019,09:18 AM IST