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UP Chunav Gonda Results 2022: उत्तर प्रदेश की अवाम ने एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत देते हुए योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को यूपी की कुर्सी सौंप दी है. ऐसा ही माहौल गोंडा की सभी सीटों पर रहा जहां बीजेपी ने कमल खिलाया है.
आइये जानते हैं गोंडा जिले की एक-एक सीट के क्या रहे नतीजे और यहां से बीजेपी के आगे निकलने के मायने.
प्रतीक भूषण सिंह (BJP)- 96016
सूरज सिंह (SP)- 88961
मोहम्मद जकी (BSP)- 5725
रमा कश्यप (INC)- 2695
विनय कुमार (BJP)- 107109
नंदिता शुक्ला (SP)- 83605
शिवकुमार (BSP)- 10851
कुतुबुद्दीन खान डायमंड (INC)- 5492
बवन सिंह (BJP)- 112080
बैजनाथ (SP)- 93465
विनोद कुमार (BSP)- 18182
ताहिर वानो (INC)- 2718
अजय (BJP)- 107886
योगेश प्रताप सिंह (SP)- 72251
रंजीत (BSP)- 3753
त्रिलोकीनाथ तिवारी (INC)- 3750
प्रेम नारायण पांडेय (BJP) - 125206
रामभजन चौबे (SP) - 71590
लालजी (BSP) - 3749
त्वरिता सिंह (INC) - 2684
रमापति शास्त्री (BJP)- 105428
रमेश चंद्र (SP)- 62812
श्याम नारायण (BSP)- 6564
संतोष (INC)- 1198
प्रभात कुमार वर्मा (BJP)- 73377
संजय कुमार (SP)- 50138
राम प्रताप सिंह (INC)- 31496
निगार फातमा (BSP)- 10997
अगर साल 2017 के चुनाव नतीजों पर नजर डाली जाए तो उस बार भी जिले की सातों विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने अपना कब्जा जमाया था.
गोंडा की कर्नलगंज विधानसभा सीट पर 80 के दशक से दो ही घरानों का वर्चस्व रहा है, इसका मिथक अजय सिंह की जीत के साथ टूट गया. 1980 व 1985 में यहांं भंभुआ के उमेश्वर प्रताप सिंह कांग्रेस के टिकट से विधायक बने. उसके बाद 1989 में बरगदी कोट के कुंवर अजय प्रताप सिंह लल्ला भैया ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की.
साल 1991 में लल्ला भैया बीजेपी में शामिल हो गए और उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी उमेश्वर प्रताप सिंह को पराजित किया. उमेश्वर प्रताप सिंह की मृत्यु के बाद उनके बेटे योगेश प्रताप सिंह ने बीएसपी ज्वाइन किया और 2002 में योगेश प्रताप सिंह ने लल्ला को पहली बार हराया.
इसके बाद 2007 में लल्ला भैया कांग्रेस में शामिल हुए और इस सीट पर जीत दर्ज की. 2012 में योगेश प्रताप सिंह ने साइकल की सवारी की और लल्ला भैया को हरा दिया. 2017 में बीजेपी प्रत्याशी लल्ला भैया ने फिर से जीत दर्ज की.
पिछले 40 सालों से कर्नलगंज विधानसभा सीट पर इन्हीं दोनों घरानों का कब्जा रहा. लेकिन इस बार बीमारी के चलते बीजेपी ने लल्ला भैया का टिकट काटकर परसपुर ब्लॉक प्रमुख प्रियंका सिंह के पति अजय सिंह को टिकट दे दिया था. और यहां की कुर्सी बीजेपी प्रत्याशी अजय सिंह के हांथ आई और इसी के साथ दोनों राजघरानों का कब्जा खत्म हो गया.
गोंडा सदर सीट से केंद्रीय मंत्री ब्रजभूषण सिंह के बेटे प्रतीक भूषण बीजेपी से लड़ रहे थे. प्रतीक भूषण के चुनाव की कमान खुद ब्रजभूषण ने संभाली थी. उनके सामने एसपी प्रत्याशी सूरज सिंह थे, जो एसपी के बड़े नेता और मंत्री रहे विनोद सिंह उर्फ पंडित सिंह के भतीजे हैं. पंडित सिंह का कोरोना की दूसरी लहर में निधन हो गया था और सूरज सिंह के साथ इस बात को लेकर लोगों की सहानुभूति थी. पर यह सिम्पैथी नहीं चली और प्रतीक ने सूरज को हरा दिया.
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