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कन्नौज: IT RAID से बिगड़ी SP की इमेज,यहीं से इत्रनगरी में बिखरी योगी'राज' की महक

इत्र नगरी में भइया और भाभी के नाम से फेमस Akhilesh Yadav और Dimple Yadav का कोई जादू नहीं चल सका.

क्विंट हिंदी
उत्तर प्रदेश चुनाव
Published:
<div class="paragraphs"><p>Kannauj Election Result 2022:गिर गया SP का किला, अब तीनो सीटों पर BJP का कब्जा</p></div>
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Kannauj Election Result 2022:गिर गया SP का किला, अब तीनो सीटों पर BJP का कब्जा

(फोटो- क्विंट हिन्दी)

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समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के गढ़ इत्र नगरी कन्नौज (Kannauj) की तीनों सीट सदर, तिर्वा और छिबरामऊ पर बीजेपी ने अपना परचम लहराया है. सदर से असीम अरुण, तिर्वा से कैलाश राजपूत और छिबरामऊ से अर्चना पांडेय को जीत मिली है. इत्र नगरी में भइया और भाभी के नाम से फेमस सपाध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और उनकी पत्नी डिंपल (Dimple Yadav) का कोई जादू नहीं चल सका. हाल ही अखिलेश के करीबियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों और उन पर पड़े छापों के बाद यहां के भइया और भाभी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और उनकी पत्नी डिंपल यादव की छवि को क्षति पहुंची और योगी हीरो बने.

सबसे बड़ी जीत कन्नौज सीट से असीम अरुण की 6090 वोटों से हुई है. असीम अरुण को 120876 मत मिले. उन्होंने मौजूदा विधायक व सपा प्रत्याशी अनिल दोहरे को चुनावी अखाड़े में पटकनी दी, जो तीन बार से लगातार विधायक रहे हैं.

अनिल दोहरे को 114786 वोट मिले. तिर्वा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी कैलाश राजपूत 4608 मतों से चुनाव जीत गए. उन्हें 106089 वोट मिले. उन्होंने एसपी के इंजीनियर अनिल पाल को राजनीति के अखाड़े में हराया है. अनिल को 101481 मत मिले. अनिल पूर्व माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री विजय बहादुर पाल के पुत्र हैं.

छिबरामऊ में बीजेपी प्रत्याशी और खनन व आबकारी विभाग की पूर्व राज्यमंत्री अर्चना पांडेय ने एसपी के अरविंद सिंह यादव को 1111 वोटों से चुनाव हरा दिया. अर्चना पांडेय को 124773 मत मिले. वहीं अरविंद सिंह यादव को 123662 मत मिले. वर्ष 2017 में भी अर्चना पांडेय विधायक बनी थीं. उसके बाद ही उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया था.

सदर सुरक्षित सीट से कुल 998 पोस्टल बैलेट मत पड़े थे. इसमें सरकारी कर्मचारियों ने हिस्सा लिया था.

एसपी प्रत्याशी अनिल दोहरे को सबसे अधिक 593 वोट मिले. बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व आईपीएस असीम अरुण को 321 मत, कांग्रेस प्रत्याशी विनीता को चार वोट, बीएसपी प्रत्याशी समरजीत दोहरे को 72 वोट, एआईएमआईएम प्रत्याशी सुनील दिवाकर को छह और निर्दलीय उम्मीदवार मनोज को दो मत मिले. ईवीएम में पड़े वोटों की संख्या 270437 है. 998 पोस्टल बैलेट मतपत्रों को मिलाकर कुल वोट 271435 हो गए.

किस सीट पर क्या स्थिति

कन्नौज सदर

जीते- असीम अरुण (बीजेपी)- वोट 120876

हारे- अनिल दोहरे (सपा)- वोट 114786

छिबरामऊ सीट

जीते- अर्चना पांडेय(बीजेपी):- वोट 124773

हारे- अरविंद सिंह यादव(सपा):- वोट 123662

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तिर्वा सीट

जीते- कैलाश राजपूत:- वोट 106089

हारे- अनिल पाल:- वोट 101481

पूरे जिले में वोटिंग शेयर

बीजेपी को जिले में 3,51,738

एसपी को जिले में 3,39,929

बीजेपी की जीत के प्रमुख कारण

  • कन्नौज में तीनों विधानसभा सीट बीजेपी के पाले में गई है जिसका पहला और सबसे प्रमुख कारण नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ का चेहरा माना जा रहा है.

  • पिछली पंचवर्षीय बीजेपी की सरकार में कानून व्यवस्था से जनता खुश नजर आई.

  • बीजेपी की सरकार में दिया जाने वाले निशुल्क राशन ने बीजेपी के लिए रामबाण का काम किया जो सारे डैमेज को कंट्रोल कर ले गया.

  • चुनाव कहीं ना कहीं विकास के मुद्दे पर तो लड़ा ही जा रहा था लेकिन हिंदुत्व का मुद्दा भी इस दौरान देखने को मिला इसमें हिंदू युवाओं ने बढ़-चढ़कर बीजेपी का सपोर्ट किया

  • लोगों को उम्मीद थी कि यदि बीजेपी की फिर से सरकार बनती है तो अबकी बार नौकरियां भी निकलेंगी इसके लिए तीनों विधायकों को जिताना जरूरी है.

एक्सपर्ट की राय- नीरज श्रीवास्तव (वरिष्ठ पत्रकार))

कन्नौज में प्रतिष्ठित चैनल से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार नीरज श्रीवास्तव बताते हैं कि कन्नौज जिले में बीजेपी कार्यकर्ताओं की कार्यशैली और संगठन की मजबूती ने बीजेपी को जीत हासिल हुई है. वहीं राशन और हिंदुत्व का मुद्दा भी हावी रहा. युवाओं और महिलाओं को बीजेपी ने आकर्षित किया और वह आकर्षण जीत में बदल गया.

जीत का मुद्दा- कन्नौज जिले में बीजेपी की जीत के सबसे बड़े मुद्दे की बात करें तो वह फ्री राशन, कानून व्यवस्था और हिंदुत्व का रहा है.. नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के चेहरे ने इसमें बड़ा रोल निभाया और यही कारण है कि विपक्ष बीजेपी की नीति के आगे टिक ना सका और बीजेपी ने एक बार फिर से उत्तर प्रदेश से अपनी सरकार बना ली.

-इनपुट: प्रभम श्रीवास्तव

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