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कानपुर देहात: जिले की हर सीट पर BSP ने बिगाड़ दिया SP का गणित, तभी BJP बनी विनर

जिले की 4 विधानसभा सीटों पर कुल 62.40% मतदान हुआ. सबसे अधिक वोट अकबरपुर-रनिया सीट पर 64.87% डाले गए.

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उत्तर प्रदेश चुनाव
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<div class="paragraphs"><p>कानपुर देहात: जिले की 4 सीटों पर बीजेपी ने मारी बाजी,एसपी हर सीट पर रही रनर</p></div>
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कानपुर देहात: जिले की 4 सीटों पर बीजेपी ने मारी बाजी,एसपी हर सीट पर रही रनर

(फोटो- अल्टर्ड बाय क्विंट हिंदी)

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी ने राज्य में प्रचंड बहुमत हासिल कर लिया है. कानपुर देहात जिले में बीजेपी ने चारों सीटों पर अपना कब्जा जमाया है. बीजेपी का यह प्रदर्शन इसलिए भी उल्लेखनीय है कि कभी वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी इस जिले की भोगनीपुर विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे. साल 2007 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े महामहिम तीसरे स्थान पर रहे थे लेकिन अब दूसरी बार यहां पर बीजेपी ने अपना वर्चस्व कायम किया है.

कानपुर देहात जिले का मुख्य वजूद यहां काम करने वाली छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं. यहां उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के तीसरे चरण में 20 फरवरी को मतदान हुआ था.

जिले की 4 विधानसभा सीटों पर कुल 62.40% मतदान हुआ. सबसे अधिक वोट अकबरपुर-रनिया सीट पर 64.87% डाले गए. इसके बाद भोगनीपुर सीट पर 62.93%, रसूलाबाद सीट पर 61.13% और सिकंदरा सीट पर 60.64% वोट डाला गया.

साल 2017 के चुनाव में भी यहां की चारों सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी.

किस सीट पर क्या स्थिति रही?

भोगनीपुर

  • जीते- राकेश सचान (BJP)- 87,809

  • दूसरे- नरेंद्र पाल सिंह (SP)- 75,916

  • तीसरे- जुनैद खान (BSP)- 47,332

रसूलाबाद

  • जीते- पूनम शंखवार (BJP)- 91,783

  • दूसरे- कमलेश चंद्र दिवाकर (SP)- 70,271

  • तीसरे- सीमा सिंह (BSP)- 28,189

अकबरपुर-रनिया

  • जीती- प्रतिभा शुक्ला (BJP)- 92,827

  • दूसरे- राम प्रकाश कुशवाहा (SP)- 79,410

  • तीसरे- विनोद कुमार पाल (BSP)- 32,233

सिकंदरा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का गांव परौख कानपुर देहात की सिकंदरा सीट में आता है.

  • जीते- अजीत सिंह पाल (BJP)- 89,461

  • दूसरे- प्रभाकर पांडे (SP)- 57,894

  • तीसरे- लाल जी शुक्ला (BSP)- 36,033

कानपुर देहात में बीजेपी की जीत के प्रमुख कारण

सिकंदरा विधानसभा सीट औरैया जिले की सीमा को छूती है, यह क्षेत्र खनन के लिए प्रसिद्ध है. सिकंदरा सीट पर सबसे अधिक ब्राह्मण वोटर हैं, इसके बाद ओबीसी, एससी और मुस्लिम वोटर आते हैं. यहां से अजीत पाल बीजेपी से दोबारा विधायक बने क्योंकि यहां पर मुस्लिम और ओबीसी वोटर एसपी और बीएसपी में वितरित हो गया, जिससे बीजेपी को फायदा मिला.

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भोगनीपुर विधानसभा विधानसभा सीट कुर्मी बाहुल क्षेत्र है, इस सीट पर सबसे ज्यादा ओबीसी वोटर है. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ये सीट जीती थी. इन चुनावों में बीएसपी रनर पार्टी साबित हुई थी. विधानसभा चुनाव 2022 में कानपुर देहात में एसपी और बीजेपी की बीच कांटे टक्कर रही. इस सीट पर मुस्लिम, यादव और एससी वोटर सबसे ज़्यादा है. यहां पर जीत का मुख्य कारण बीजेपी के लिए रामबाण साबित हुआ जो कि पहले बीएसपी में जाया करते थे.

रसूलाबाद विधानसभा सीट का एक बड़ा हिस्सा कन्नौज लोकसभा क्षेत्र में आता है. कानपुर देहात की ये विधानसभा सीट ग्रामीण परिवेश की है.

इस सीट पर सबसे अधिक एससी वोटर हैं, इसके बाद ओबीसी और मुस्लिम और सामान्य वोटर हैं. यहां पर समाजवादी पार्टी ने जबरदस्त टक्कर दी लेकिन बाद में बीजेपी ने किला फतेह कर लिया.

एसपी की नैया डुबोने में बीएसपी की बड़ी भूमिका

यहां पर बीजेपी सभी सीटों पर जबरदस्त चुनाव लड़ी इसका मुख्य कारण रहा कि एसपी का गणित हर जगह बीएसपी ने बिगाड़ दिया, जिससे बीजेपी को किला फतेह करने में आसानी रही.

जिले का चुनावी मुद्दा

चुनाव में जमीनी स्तर पर अवैध खनन और टूटी सड़कों जैसे कई मुद्दे हावी हैं लेकिन जातिगत बंटवारे को भी नकारा नहीं जा सकता. 2017 में चारों सीटें बीजेपी के खाते में गई थीं.

कानपुर देहात चुनाव के नतीजों पर वरिष्ठ पत्रकार हेमंत उपाध्याय कहते हैं...

कानपुर देहात में आज भी समाजवादी पार्टी का प्रभाव ज्यादा है लेकिन यहां पर वोट किसी खास मुद्दे पर नहीं गया. बीजेपी के समर्थन मेंमें मोदी और योगी की बयार सी बह गई, जिससे यहां पर बीएसपी का कट्टर वोटर भी बीजेपी की ओर डायवर्ट हुआ और मुस्लिम एसपी की ओर गया, जिससे बीएसपी को दोगुना नुकसान हुआ और सपा हर सीट पर रनर रही.

इनपुट- विवेक मिश्रा

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