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कुशीनगर हादसा: कुएं से निकले...स्वास्थ्य विभाग की ‘खाई’ में गिरे

ग्रामीण हादसे के बाद अपने गांव में एक सरकारी अस्पताल की मांग कर रहे हैं.

पीयूष राय
उत्तर प्रदेश चुनाव
Published:
<div class="paragraphs"><p>कुशीनगर हादसा: कुएं से निकले हेल्थ विभाग की ‘खाई’ में गिरे</p></div>
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कुशीनगर हादसा: कुएं से निकले हेल्थ विभाग की ‘खाई’ में गिरे

फोटो: पीयूष राय

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रिपोर्टर/प्रोड्यूसर: पीयूष राय

वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में 16 फरवरी की रात एक हादसा हुआ और शादी के दौरान की खुशियां अचानक मातम में तब्दील हो गईं. नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के नौरंगिया गांव में एक कुएं में गिरने से कई बच्चियों और महिलाओं समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी.

क्विंट अपनी चुनावी यात्रा के दौरान इस गांव में पहुंचा है. यहां लोगों ने बताया कि कैसे उस हादसे के बाद स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण बच्चियों की जान चली गई. यहां के ग्रामीण हादसे के बाद अपने गांव में एक सरकारी अस्पताल (PHC) की मांग कर रहे हैं. ऐसा नहीं होने पर ग्रामीण मतदान का बायकाट भी कर सकते हैं. कुशीनगर में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों (UP Election 2022) के छठे चरण में 3 मार्च को मतदान होना है.

16 फरवरी की रात

16 फरवरी को शादी के दौरान जब कुएं का स्लैब ढहा तो नेबुआ नौरंगिया गांव में एक हादसे के बाद यकायक मातम पसर गया था.

“शादी की रस्में हो चुकी थी. कुछ लोग नाच रहे थे. यही देखने के लिए महिलाएं कुएं पर चढ़ी थी. इसी दौरान स्लैब टूटा और कुछ लोग कुएं के अन्दर चले गए”
सतेन्द्र कुमार मिश्र, ग्रामीण
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“एंबुलेंस और स्वास्थ्य सुविधाएं होती तो बच जाती कई जानें”

ग्रामीणों से बात करने पर पता चला कि गांव में सबकी जुबान पर एक ही बात है. अगर एंबुलेंस समय पर आती और स्वास्थ्य अधिकारीयों ने साथ दिया होता तो कुछ लोगों की जान बच सकती थी.

“हमारे गांव के नाम पर जो हॉस्पिटल है वो गांव से 4 किमी दूर है. रात में डेढ़ दो घंटे तक एंबुलेंस को कॉल किया गया. लेकिन बात नहीं हुई तो लड़के मोटरसाइकिल से गए और सूचना दी. उनके मुताबिक एंबुलेंसकर्मियों ने शराब पी रखी थी और उनका व्यवहार ठीक नहीं था.”
शैलेश यादव

अस्पताल नहीं तो वोट नहीं

कुशीनगर में विधानसभा चुनावों के छठे चरण में मतदान होना है. ऐसे में यहां ग्रामीणों ने मांग रखी है कि उनके गांव में एक सरकारी अस्पताल बने तभी वे वोट करने जाएंगे.

“अगर हॉस्पिटल हमारे गांव में होता तो इतनी जानें नहीं गई होती. हम आपके चैनल के माध्यम से कहना चाहते हैं कि हमारे गांव में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होना चाहिए... हमारे गांव के लोग अब इस बात पर उतारू हैं कि जबतक गांव में स्वास्थ्य केंद्र नहीं पास हो जाता तब तक हम मतदान करने नहीं जाएंगे.”
शैलेश यादव और विपिन कुमार

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