advertisement
उत्तराखंड (Uttarakhand Election Results) में बीजेपी पिछले सभी ट्रेंड को धता बताते हुए फिर से एक बार सरकार बनाती दिख रही है. हालांकि खुद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी (Pushkar Dhami) अपनी खटीमा सीट पर पीछे चल रहे हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत भी लालकुआं सीट पर बुरी तरह हार रहे हैं जबकि AAP के सीएम फेस कर्नल अजय कोठियाल गंगोत्री सीट पर तीसरे नंबर पर पिछड़ रहे हैं.
उत्तराखंड की जनता राज्य बनने के बाद से ही लगभग हर बार अपने सीएम को हराती रही है.
2000 में उत्तराखंड गठन के बाद बीजेपी ने अंतरिम सरकार बनाई और उस सरकार में अंत में आकर सीएम बने भगत सिंह कोश्यारी जो 2002 में चुनाव जीत गए और उत्तराखंड में पहली और आखिरी बार हुआ. हालांकि वो पूर्ण रूप से सीएम नहीं थे क्योंकि वो अंतरिम सरकार थी.
2002 में बीजेपी चुनाव हार गई और कांग्रेस सत्ता में आई, एनडी तिवारी उत्तराखंड के सीएम बने लेकिन उन्होंने 2007 में चुनाव नहीं लड़ा.
2007 में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन बहुमत से एक सीट पीछे रह गई. लेकिन बीजेपी ने सरकार बनाई और बीसी खंडूरी सीएम बने, 2 साल बाद 2009 में बीजेपी ने रमेश पोखरियाल निशंक को सीएम बना दिया. इसके बाद चुनाव से ठीक 6 महीने पहले बीजेपी ने फिर से बीसी खंडूरी को सीएम बनाया. 2012 में जब चुनाव हुए तो बीसी खंडूरी अपनी कोटद्वार सीट भी नहीं बचा सके और कांग्रेस ने सत्ता में वापसी कर ली.
2012 में निर्दलीयों के समर्थन से कांग्रेस ने सरकार बनाई और विजय बहुगुणा सीएम बने. लेकिन 2013 में उत्तराखंड में प्रलयकारी बाढ़ आई और आलोचना के बाद जनवरी 2014 में विजय बहुगुणा ने इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस ने उनकी जगह हरीश रावत को सीएम बनाया. और 2017 के जब चुनाव हुए तो हरीश रावत सूबे के मुख्यमंत्री थे. उन्होंने कुमाऊं रीजन की किच्छा और हरिद्वार ग्रामीण दो सीटों से चुनाव लड़ा और दोनों जगह से हार गए. कांग्रेस को भी इस चुनाव में बुरी हार का सामना करना पड़ा और बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी.
2017 में बीजेपी के पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा से जीत दर्ज की, कांग्रेस के भूवन चंद कापड़ी दूसरे नंबर पर रहे. 2017 में पुष्कर सिंह धामी को 29,539 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 26,830 वोट मिले थे. इस सीट पर 2017 में बीएसपी उम्मीदवार को भी 17,804 वोट मिले थे.
2012 के विधानसभा चुनाव में खटीमा विधानसभा से बीजेपी के पुष्कर सिंह धामी ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस के देवेंद्र चंद दूसरे नंबर पर रहे थे. उस वक्त धामी के खाते में 20,586 वोट थे और हारने वाले कांग्रेस के देवेंद्र चंद को 15,192 वोट मिले थे. मतलब 2012 में हार-जीत का अंतर 5394 वोटों का था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)