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उत्तराखंड कांग्रेस में मची हलचल को शांत करने के लिए अब आलाकमान ने कोशिशें शुरू कर दी हैं. बताया जा रहा है कि नाराज चल रहे हरीश रावत (Harish Rawat) के साथ शुक्रवार 24 दिसंबर को दिल्ली में एक बैठक होने जा रही है. जिसमें पार्टी की टॉप लीडरशिप शामिल हो सकती है. मुमकिन है कि इस बैठक के बाद रावत को मना लिया जाए.
बता दें कि कांग्रेस नेता और संभावित मुख्यमंत्री उम्मीदवार हरीश रावत ने 22 दिसंबर को ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी और राजनीति से संन्यास लेने के संकेत तक दे दिए थे. इसके बाद कांग्रेस पार्टी में काफी हलचल शुरू हो गई, क्योंकि हरीश रावत अकेले ऐसे चेहरे हैं, जिन्हें लेकर पार्टी चुनावी मैदान में उतरेगी.
कांग्रेस नेतृत्व के काफी करीबी माने जाने वाले हरीश रावत का अचानक ऐसे नाराज होना सबके लिए काफी हैरानी भरा था. लेकिन उन्होंने इशारों ही इशारों में वो सब बता दिया जो वो कहना चाह रहे थे. हरीश रावत ने ट्विटर पर लिखा था,
अब हरीश रावत ने ट्विटर पर ये लिखा कि सत्ता ने कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं. जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं. अब इसका सीधा मतलब ये निकाला गया कि हरीश रावत दिल्ली से नियुक्त किए गए पार्टी इंचार्ज देवेंद्र यादव पर हमला बोल रहे हैं. जो हरीश रावत की राय के विपरीत काम कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि चुनावी रणनीति और टिकट बंटवारे को लेकर हरीश रावत फ्री हैंड चाहते हैं, इसके लिए वो पार्टी पर पूरा दबाव बनाने की कोशिश भी कर रहे हैं. अब मुमकिन है कि दिल्ली में होने वाली बैठक के बाद हरीश रावत के तेवर बदले नजर आएं और वो एक बार फिर उत्तराखंड चुनाव प्रचार में पूरी ताकत के साथ जुटें.
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