Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Elections Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019West bengal election  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बंगाल की बाजीगर: व्हीलचेयर से रोका BJP का विजयरथ, ममता के 5 दांव

बंगाल की बाजीगर: व्हीलचेयर से रोका BJP का विजयरथ, ममता के 5 दांव

बीजेपी का पूरा जोर और एंटी इन्कंबैंसी का शोर, फिर कैसे मिली ममता को जीत घनघोर

संतोष कुमार
पश्चिम बंगाल चुनाव
Published:
<div class="paragraphs"><p>बीजेपी के पूरे जोर के बावजूद TMC 2016 से ज्यादा सीटें जीत रही है</p></div>
i

बीजेपी के पूरे जोर के बावजूद TMC 2016 से ज्यादा सीटें जीत रही है

(फोटो :क्विंट हिंदी/श्रुति माथुर)

advertisement

बंगाल का 'काला जादू' चल गया और फेल हो गए बीजेपी के सारे मंतर. चुनाव जीतने के जादूगर बंगाल में ममता बाजीगर के सामने कैसे नतमस्तक हो गए. ममता ने इस चुनाव में कुछ ऐसे दांव चले कि पासा ही पलट गया.

1.एंटी इन्कम्बेंसी का एडवांस इलाज

आर्थिक मंदी की मार, कोरोना का प्रहार और इन सबके बीच तीसरी बार सरकार बनाने की जंग. ममता के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही थी. किसी भी मौजूदा सरकार के लिए चुनाव में एंटी इंकम्बैंसी सबसे खराब फैक्टर होता है. कई राज्यों में तो ये परिपाटी है कि एक पार्टी एक बार सत्ता में रहती है दूसरी बार दूसरी पार्टी. लेकिन ममता ने तीसरी बार कुर्सी पा ली है. तो ममता ने ये जादू कैसे किया? ममता ने 28 सीटिंग एमएलए के टिकट काटे.

जिन लोगों के टिकट काटे गए उनमें कौन हैं, ये देखकर समझिए ममता का गेम प्लान. वित्तमंत्री अमित मित्रा, स्टेट टेक्निकल एजुकेशन मंत्री पुर्णेंदु बसु और पूर्व पावर मिनिस्टर मनीष गुप्ता. इनकी जगह कोलकाता म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के तीन पार्षदों को टिकट दिया गया. कुल मिलाकर पांच मंत्रियों के टिकट काटे. ऐसे ममता ने सरकार के खिलाफ गुस्से को कम किया.

पुराने नेताओं की जगह ममता ने जिनपर दांव लगाया उनमें खिलाड़ी, डॉक्टर, एक्टर और सिंगर थे. जिनके टिकट कटे वो खफा हुए तो ममता ने उन्हें दिलासा दिया कि उन्हें MLC बनाएंगी. साथ ये दलील दी कि जिनके टिकट कटे हैं वो इसलिए कटे हैं क्योंकि कुछ बीमार थे और कुछ बुजुर्ग. इससे बगावत की गुंजाइश को कुछ हद तक ममता ने कम किया. एंटी इन्कम्बैंसी का बाकी रहा सहा कसर बीजेपी ने दूर कर दिया क्योंकि बीजेपी ने वहां अपना संगठन टीएमसी के नेताओं कार्यकर्ताओं के बूते ही बनाया.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

2. ममता की महिला शक्ति

चुनाव में ममता का नारा था 'बांग्ला निजेर मेयेकेयी चाए' यानी बंगाल अपनी बेटी को ही चाहता है. ममला ने इस नीति को सिर्फ थ्योरी तक सीमित नहीं रखा. ममता ने 50 महिला उम्मीदवार मैदान में उतारे, जो पिछले चुनाव से 5 ज्यादा हैं. चुनाव नतीजों से साफ नजर आ रहा है कि महिला शक्ति ने ममता का साथ दिया है और बीजेपी की हार की बड़ी वजह बनी हैं.

3. सिर्फ मुसलमान पर नहीं ममता

कोलकाता में नेताजी की जयंती समारोह में जय श्री राम का नारा लगने से ममता खफा हुईं तो नंदीग्राम में चंडीपाठ भी किया और भी मिदनापुर में जाकर कलमा भी पढ़ा. कुल मिलाकर ममता ने धर्मनिरपेक्ष छवि को पेश किया.

इस बार ममता ने 42 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया. जो पिछले चुनाव से कम हैं. पिछली बार 57 मुस्लिम कैंडिडेट थे.

इस दांव से एक तरफ तो ममता ने बीजेपी के उस आरोप का जवाब दिया कि ममता मुस्लिम तुष्टीकरण करती हैं दूसरी तरफ उन्होंने हिंदू वोट के ध्रुवीकरण को भी रोका. ममता जब कम मुस्लिमों को मैदान में उतार रही थीं तो दरअसल वो ज्यादा हिंदुओं को भी टिकट दे रही थीं.

4. नंदीग्राम से संग्राम

नंदीग्राम से ममता भले ही हार गई हों लेकिन उनका अपनी परंपरागत सीट भवानीपोर को छोड़कर नंदीग्राम जाना एक बड़ा सियासी स्टेटमेंट था. ये ममता की उस छवि को और मजबूत बनाता था जिसमें ममता की एक मजबूत महिला नेता की छवि है. नंदीग्राम में ममता ने जो दांव खेला उसका फायदा पूरे बंगाल में हुआ. नंदीग्राम में जाकर लड़ने से ममता ने ये भी संदेश दिया को दलबदलुओं को लेकर उन्हें कोई चिंता नहीं है.

5. 'निर्मम' ममता

एक तरफ थी बीजेपी की पूरी सेना. दिल्ली की गद्दी छोड़ बीजपी के कर्ताधर्ता यहां लड़ने आए. कोई यूपी का सिपहसलार आया तो की मालवा की जमीन से ललकारने पहुंचा. इन सबके सामने अकेली ममता खड़ी हो गईं. पूरे चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने एक गेंद को डक नहीं किया. टिकी रहीं, लड़ती रहीं. हर सवाल का जवाब दिया. हर वार पर पलटवार किया. बीजेपी एक तीर चलाती तो ममता तरकश खाली कर देतीं. घायल हुईं या की गईं नहीं मालूम लेकिन अपनी व्हीलचेयर को ही उन्होंने बीजपी के विजय रथ के सामने खड़ा कर दिया. व्हीलचेयर पर प्रचार की वो तस्वीर एक ऐसी मजबूत महिला की तस्वीर पेश करती है, जो बंगाल की जनता को भा गई, खासकर महिलाओं को.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT