advertisement
अयोध्या (Ayodhya) में भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण हुआ, कई जगह इसे लेकर बहुत खुशी भी रही. पीएम मोदी (PM Modi) ने सीधे तौर पर राम मंदिर के नाम पर वोट भी मांगे लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बहुमत नहीं मिला. इससे भी बड़ी बात ये बन गई कि बीजेपी अयोध्या की फैजाबाद लोकसभा सीट हार गई. हराने वाले समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अवधेश प्रसाद (Awadhesh Prasad) हैं. जो पहली बार सांसद बने. चलिए जानते हैं कौन हैं अवधेश प्रसाद?
एसपी के विधायक अवधेश प्रसाद इकलौते ऐसे उम्मीदवार हैं जो दलित हैं लेकिन उन्होंने अनारक्षित सीट जीती है. पहली बार विधायक से सांसद बने अवधेश ने बीजेपी के लल्लू सिंह को 54,567 वोटों के अंतर से हरा दिया. वहीं लल्लू सिंह इसी सीट से बीजेपी के दो बार के सांसद थे.
लखनऊ विश्वविद्यालय से कानून में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने वाले प्रसाद ने 21 साल की उम्र में सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया. वह पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व वाले भारतीय क्रांति दल में शामिल हो हुए, जिन्हें वह अपना "पॉलिटिकल फादर" मानते हैं.
उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव 1974 में अयोध्या जिले के सोहावल से लड़ा था.
1981 में प्रसाद लोक दल और जनता पार्टी दोनों के महासचिव थे. जब अमेठी में चुनाव हो गए थे उसके बाद वे वोटों की गिनती के लिए अमेठी में रुके हुए थे. तब राजीव गांधी अमेठी से पहला चुनाव लोक दल के शरद यादव के खिलाफ जीते थे. वोटों की गिनती की वजह से वे अपने पिता के अंतिम संस्कार में नहीं जा पाए थे. प्रसाद को चरण सिंह से सख्त निर्देश थे कि वे मतगणना कक्ष नहीं छोड़ेंगे.
तब EVM नहीं था और उन्हें सात दिनों तक वोटों की गिनती में लगना पड़ा. प्रसाद अपने पिता के निधन की खबर सुनने के बाद भी मतगणना केंद्र पर ही रहे.
जैसे ही जनता पार्टी बिखर गई, 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना हुई तभी अवधेश प्रसाद मुलायम सिंह के साथ चले गए. प्रसाद को पार्टी का राष्ट्रीय सचिव और इसके केंद्रीय संसदीय बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया. बाद में, उन्हें एसपी के राष्ट्रीय महासचिव का पद भी दिया गया, इसी पद पर वे अभी तक बने हुए हैं.
हालांकि इससे पहले भी 1996 में अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र से वे लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन तब हार गए थे. ये सीट तत्कालीन फैजाबाद जिले में हुआ करती थी.
अब एक सांसद के रूप में, अवधेश प्रसाद की पार्टी में और पार्टी के बाहर कद में और वृद्धि होने की उम्मीद है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined