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आमिर खान (Aamir Khan), फिल्म रिलीज और विवाद! मानों पिछले कुछ सालों से एक ट्रेंड चल रहा है. आमिर की फिल्म की रिलीज से पहले कोई-न-कोई विवाद होना तय है. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों में हुए विवाद इस ओर इशारा कर रहे हैं. मिस्टर परफेक्शनिस्ट का विवादों से गहरा नाता रहा है. लाल सिंह चड्ढा बायकॉट भी उसी ट्रेंड का एक हिस्सा है. ये मामला आज का नहीं है, बल्कि कई साल पुराना है. जिसे लेकर एक बार फिर आमिर दक्षिणपंथियों के निशाने पर हैं.
आमिर खान की नई फिल्म लाल सिंह चड्ढा (Laal Singh Chaddha) विवादों में घिरी है. देश के कई हिस्सों में फिल्म का विरोध हो रहा है. सोशल मीडिया पर भी 'लाल सिंह चड्ढा बायकॉट' ट्रेंड कर रहा है. आमिर की नई फिल्म के विरोध का विवाद पुराना है. साल 2015 में आमिर ने असहिष्णुता का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि, "उनकी पत्नी को भारत में रहने में डर लगता है." उनके इस बयान की देशभर में उस समय जबरदस्त आलोचना हुई थी. बॉलीवुड एक्टर्स से लेकर कई हिंदूवादी संगठनों ने आमिर खान के बयान को गलत बताया था.
आमिर के इसी बयान को मुद्दा बनाकर एक बार फिर उनकी फिल्म का विरोध किया जा रहा है. अपनी फिल्म के बहिष्कार की खबरों के बीच आमिर ने हाल ही में सफाई देते हुए कहा कि,
आमिर के असहिष्णुता वाले बयान को लेकर फिल्म दंगल का भी विरोध हुआ था. दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने अभिनेता के घर के बाहर प्रदर्शन किया था और फिल्म के बहिष्कार की आवाज बुलंद की थी. हालांकि, फिल्म पर इस तरह के विरोध-प्रदर्शन का कोई असर नहीं हुआ और फिल्म ने दुनियाभर में 2000 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस किया था.
आमिर खान ने साल 2020 में तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन (Recep Tayyip Erdogan) की पत्नी एमीन अर्दोआन (Emine Erdogan) से मुलाकात की थी. इन दोनों की मुलाकात देश में कुछ लोगों को रास नहीं आई. इसको लेकर भी आमिर को आलोचना का सामना करना पड़ा था. बीजेपी नेताओं ने आमिर पर करारा हमला किया था.
दरअसल, तुर्की के राष्ट्रपति अक्सर भारत विरोधी बयान के लिए सुर्खियों में रहते हैं. कश्मीर मुद्दे पर भी वो कई बार सवाल उठा चुके हैं. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का तुर्की ने विरोध किया था. उस वक्त तुर्की के रुख पर भारत ने सख्त ऐतराज जताया था.
साल 2014 में रिलीज हुई पीके को लेकर भी देशभर में बवाल मच चुका है. विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने आमिर खान पर फिल्म के जरिए हिंदूओं की भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया था. कई शहरों में इस फिल्म के प्रदर्शन का विरोध किया गया था. हालांकि, फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई की थी. और उस साल की सबसे बड़ी हिट साबित हुई थी.
साल 2006 में आई आमिर की फिल्म रंग दे बसंती और फना को भी काफी विरोध का सामना करना पड़ा था. इस फिल्म को प्रोटेस्ट के चलते गुजरात में बैन कर दिया गया था. दरअसल उस समय नर्मदा बचाओ आंदोलन चल रहा था. आमिर खान भी आंदोलन के समर्थन में मेधा पाटेकर के साथ धरने पर बैठे थे. जिस कारण फिल्म को विरोध का सामना करना पड़ा. विरोध प्रदर्शन के बावजूद दोनों फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई की थी.
साल 2005 में रिलीज हुई फिल्म मंगल पांडे भी विवादों में घिरी थी. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उस वक्त फिल्म पर झूठ दिखाने और मंगल पांडे के चरित्र हनन का आरोप लगाते हुए प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. वहीं समाजवादी पार्टी के नेता उदय प्रताप सिंह ने राज्यसभा में पांडे के 'गलत चित्रण' के लिए फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.
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