advertisement
कादर खान के निधन से पूरा देश सदमे में है. 81 साल के कादर खान का कनाडा के अस्पताल में सोमवार शाम 6 बजे निधन हो गया था. बुधवार देर रात (भारतीय समयानुसार) कादर खान का अंतिम संस्कार किया गया. सबसे पहले उनके पार्थिव शरीर को दोपहर में मस्जिद ले जाया गया उसके बाद उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया.
कादर खान पिछले कई सालों से बीमार चल रहे थे. हालत गंभीर होने पर उन्हें कुछ ही दिन पहले अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. अपनी बीमारी की वजह कादर खान सालों से रुपहले पर्दे से दूर थे. उनके निधन पर बॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियों ने शोक जताया है लेकिन हैरान करने वाली बात ये कोई भी बॉलीवुड सितारा उनके अंतिम संस्कार पर नहीं पहुंचा.
कादर खान को आखिरी बार 2015 में आई फिल्म 'दिमाग का दही' में देखा गया था. कादर खान के बेटे सरफराज ने पीटीआई से हुई बातचीत में उनके निधन की जानकारी दी. उनका अंतिम संस्कार कनाडा बुधवार को कनाडा में होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बॉलीवुड अभिनेता कादर खान के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया था.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कादर खान के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया था.
कादर खान का जन्म 22 अक्टूबर, 1937 को काबुल में हुआ था. उन्होंने 1973 में ‘दाग’ फिल्म से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. इस फिल्म में राजेश खन्ना लीड रोल में थे. इससे पहले वह रणधीर कपूर और जया बच्चन की फिल्म ‘जवानी-दिवानी’ के लिए संवाद लिख चुके थे.
बॉलीवुड के बड़े कॉमेडियन में शुमार कादर खान ने अपने करियर में 300 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है. एक दौर था, जब अमिताभ बच्चन की हर दूसरी फिल्म में कादर खान नजर आते थे. वो अभिनेता के साथ-साथ डायलॉग राइटर भी रहे हैं.
ऐक्टर कादर खान ने मनमोहन देसाई के साथ मिलकर ‘गंगा जमुना सरस्वती, ‘कुली’, 'सुहाग', ‘धर्म वीर’, ‘देश प्रेमी’,‘अमर अकबर एंथनी’ और मेहरा के साथ ‘ज्वालामुखी’, ‘शराबी’, ‘लावारिस’ और ‘मुकद्दर का सिकंदर’ जैसी फिल्में लिखी. उन्होंने ‘हिम्मतवाला’, ‘कुली’, ‘कर्मा, ‘सरफरोश’ जैसी कई हिट फिल्मों के संवाद लिखे हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)