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बॉलीवुड के बड़े कॉमेडियन में शुमार कादर खान ने अपने करियर में 300 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है. एक दौर था, जब अमिताभ बच्चन की हर दूसरी फिल्म में कादर खान नजर आते थे. वो अभिनेता के साथ-साथ डायलॉग राइटर भी रहे हैं. उन्होंने 'हिम्मतवाला', 'कुली', 'कर्मा, 'सरफरोश' जैसी कई हिट फिल्मों के संवाद लिखे हैं.
कादर खान के माता-पिता अफगानिस्तान में रहते थे. उनके तीन भाइयों की मौत छोटी उम्र में ही हो गई थी. जब कादर खान का जन्म हुआ, तो उनकी मां ने अपने पति से कहा कि यहां कि आबोहवा ठीक नहीं है, इसलिए यहां से हिंदुस्तान चलते हैं. तब कादर खान को लेकर उनके माता-पिता मुंबई पहुंचे. उस दौर में उनके परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी, इसलिए मजबूरन उन्हें झुग्गियों में रहना पड़ा. बचपन में ही इनके माता-पिता के रिश्ते में दरार पड़ी और उनका तलाक हो गया.
तलाक के बाद कादर खान की मां को घरवालों के दबाव में दूसरी शादी करनी पड़ी. दूसरी शादी के बाद कादर खान को बचपन में ही इतने दर्द झेलने पड़े कि उसका अक्सर वो अपने इंटरव्यू में जिक्र किया करते थे. एक इंटरव्यू में कादर खान ने बताया था:
कादर खान अपनी मां को मुसीबतों से उबारने के लिए अपने दोस्तों के साथ मजदूरी भी करते थे, लेकिन जब उनकी मां को पता चला, तो उन्होंने कादर खान को अपनी कसम देते हुए सिर्फ पढ़ाई करने को कहा.
मां की बात मानकर कादर खान ने जब तक डिग्री नहीं पाई, तब तक पढ़ाई करते रहे. तंगहाली और बदहाली के बावजूद लिखने और बोलने का शौक बढ़ने लगा था. यही शौक उन्हें बॉलीवुड तक ले आया.
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