advertisement
अजय देवगन एक ऐसे फुटबाल कोच की कहानी ‘मैदान’ पर्दे पर लाने जा रहे हैं, जिसे भारत में फुटबॉल का गोल्डन पीरियड लाने का श्रेय जाता है नाम है. सैय्यद अब्दुल रहीम...
साल 1909 में हैदराबाद में जन्में सैय्यद को फुटबॉल का शिल्पकार कहा जाता है. भारतीय फुटबॉल को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में उनका बहुत बड़ा हाथ है. साल 1940 में हैदराबाद सिटी पुलिस में टीम का उन्हें कोच बनाया गया इसके बाद 1950 में उन्हें फुटबॉल टीम के वो हेड कोच बनाए गए. सैय्यद के कोच बनते ही भारत की फुटबाल टीम ने इतिहास रचन शुरू कर दिया.
1951 के एशियन गेम्स में भारत ने गोल्ड अपने नाम किया. 1956 के मेलबर्न ओलिम्पिक फुटबॉल टूर्नामेंट का सेमीफाइनल शायद ही कोई भूल पाए, इस खेल में खिलाड़ियों के परफॉर्मेंस से दुनिया भर को चौंका दिया था. और इसे इतिहास में भारत के सबसे अच्छे प्रदर्शन में सुनहरे अक्षरों में दर्ज कर दिया.
आज की तारीख में गुमनामी के अंधेरों में धुंधला हुआ ये नाम सैय्यद अब्दुल रहीम ने भारतीय टीम को उस ऊंचाई पर पहुंचा दिया था कि उसे ‘एशिया का ब्राजील’ नाम से जाना जाने लगा था.
यह भी पढ़ें: ‘मैदान’ का पोस्टर रिलीज, अब खिलाड़ी बनेंगे अजय देवगन
एक हार सैय्यद और उनकी टीम पर बहुत भारी पड़ी, साल 1952 में हेलिंस्की ओलंपिक्स में मैदान में उतरी भारतीय टीम को करारी हार का सामना करना पड़ा. ये वो आखिरी मैच था जब सैय्यद की टीम नंगे पैर मैदान में उतरी थी. इस हार ने सैय्यद को झकझोर कर रख दिया था और जीत की कहानी लिखने दृढ़ संकल्प लिया था. और उनके अपने कार्यकाल में टीम को हार का सामना नहीं करने दिया. 11 जून 1963 में वो कैंसर के सामने हार गए और इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
मैदान में अजय देवगन पहली बार 60 साल की उम्र में भी दिखाई देंगे. यह फिल्म अगले साल 2020 में सिनेमाघरों में रिलीज होगी. इस फिल्म में अजय के साथ साउथ एक्ट्रेस कीर्ति सुरेश नजर आएंगी. ये कीर्ति की पहली बॉलीवुड फिल्म होगी. इसे अमित रविंद्रनाथ शर्मा डायरेक्ट करेंगे, जो पहले बधाई हो जैसी सुपरहिट फिल्म दे चुके हैं.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)