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आयुष्मान खुराना की आने वाली फिल्म ‘आर्टिकल 15’ को लेकर विवाद मचा हुआ है. जाति पर बात करने वाली इस फिल्म का कुछ ब्राह्मण समूह विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि फिल्म के जरिए ब्राह्मणों के खिलाफ गलत बातें फैलाई जा रही हैं.
आयुष्मान खुराना ने पीटीआई से बात करते हुए विरोध करने वाले समूहों से कहा कि वे अपना वक्त खराब कर रहे हैं. उन्हें सही-गलत के लिए फिल्म देखनी चाहिए. फिल्म को सेंसर बोर्ड एप्रूव कर चुका है.
आयुष्मान खुराना ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि वे हमेशा से सामाजिक तौर पर प्रांसगिक फिल्मों का हिस्सा बनन चाहते थे. अंधाधुन और बधाई हो जैसी फिल्मों के हिट होने के बाद उन्हें आर्टिकल 15 जैसी फिल्म को करने का कांफिडेंस आया.
जाति व्यवस्था पर टिप्पणी करते हुए आयुष्मान खुराना ने कहा,'एक व्यक्ति के तौर पर जातिगत भेदभाव ने मुझे हमेशा अपनी ओर खींचा है. गांव में आज भी यह भेदभाव किया जाता है. दूसरी जातियों में शादी को लेकर ऑनर किलिंग तक हो जाती हैं. हमने फिल्म जितना हो सकती थी, उतनी वास्तविकता दिखाने की कोशिश की है.'
खुराना ने इस फिल्म में एक पुलिस वाले की भूमिका निभाई है जो एक महिला के रेप और हत्या की जांच करता है.
आयुष्मान खुराना ने बताया कि जाति व्यवस्था पर बेहतर समझ बनाने के लिए उन्होंने ओमप्रकाश वाल्मीकि की 'जूठन' पढ़ी.
आयुष्मान ने आगे बताया, ‘इसके अलावा मैंने दिल्ली और यूपी में कई सीनियर पुलिस ऑफिसर से मुलाकात की. मैंने पुलिस की प्रक्रिया को समझने की कोशिश की. इसके अलावा एक डॉक्यूमेंट्री इंडिया अनटच्ड: स्टोरीज ऑफ अ पीपल अपार्ट देखी. यह सब मेरे लिए आंखे खोल देने वाला था.’
फिल्म में आयुष्मान खुराना के अलावा सयानी गुप्ता, कुमुद मिश्रा, मनोज पहवा और मोहम्मद जीशान अयूब ने काम किया है.
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