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मॉब लिंचिंग पर बोलीं दीपिका-सिर्फ बॉलीवुड से ही सवाल क्यों?

दीपिका ने कहा कि पब्लिक के सामने राय नहीं रखने का ये मतलब नहीं कि उनका ओपिनियन नहीं है

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दीपिका ने कहा कि पब्लिक के सामने राय नहीं रखने का ये मतलब नहीं कि उनका ओपिनियन नहीं है
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दीपिका ने कहा कि पब्लिक के सामने राय नहीं रखने का ये मतलब नहीं कि उनका ओपिनियन नहीं है
(फोटो: इंस्टाग्राम/दीपिका पादुकोण फैनक्लब)

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एक्टर दीपिका पादुकोण हमेशा से कई मुद्दों पर अपनी राय रखती आई हैं, लेकिन हाल ही में जब उनसे मॉब लिंचिंग पर सवाल किया गया, तो दीपिका सीधा-सीधा जवाब देने से बचती दिखीं. दीपिका ने कहा कि वो ऐसी शख्स हैं जो बदलाव के लिए काम करने में यकीन रखती हैं.

द प्रिंट के साथ इंटरव्यू में दीपिका से ऑडियंस में बैठे एक शख्स ने सवाल किया कि देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर अपर्णा सेन और श्याम बेनेगल समेत कई हस्तियों ने पीएम को लेटर लिखा था. उन्होंने दीपिका से पूछा कि एक बड़ी शख्सियत होने के बावजूद वो अब तक इस मामले पर चुप क्यों रहीं?

इस पर दीपिका ने कहा,

‘क्या आपको लगता है इससे कुछ बदलेगा? मैं ऐसी शख्स हूं जो बदलाव के प्रति काम करने में यकीन करती हूं. हम सभी का अपना नजरिया है. सिर्फ इसलिए कि मैं अपनी राय पब्लिक के सामने नहीं रख रही हूं, इसका ये मतलब नहीं है कि मेरा कोई ओपिनियन नहीं है.’

दीपिका ने कहा कि वो लोगों की आलोचना से नहीं डरती हैं, लेकिन उनसे हर मुद्दे पर बोलने की उम्मीद करना गलत है. एक्टर ने कहा, 'अगर मैं पब्लिक से कुछ कहने जा रही हूं, तो मैं ट्विटर पर रैंट करूंगी, अगर मैं इंटरव्यू देने जा रही हूं और मुझे कोई बदलाव नहीं दिख रहा है, तो ये मेरी एनर्जी की बर्बादी है. तो मैं इसे इसी तरह से करना पसंद करूंगी जिससे कुछ बदलाव आए. मैं उस जगह पर हूं जहां मैं अपनी जिंदगी के हर कोने में बदलाव देखना चाहती हूं.'

एक दूसरे शख्स ने दीपिका से सवाल किया कि क्या उन्हें ऐसा लगता है कि बॉलीवुड सितारों का हर मुद्दे पर ओपिनियन रखना जरूरी है. इस सवाल के जवाब में दीपिका ने कहा कि वो पब्लिक फोरम पर उनसे पूछे जा रहे सवालों को डिक्टेट नहीं कर सकतीं, लेकिन सिर्फ बॉलीवुड से जवाब की उम्मीद रखना गलत है.

‘बिजनेसमैन से ऐसे सवाल नहीं पूछे जाते, क्रिकेटर्स से ऐसे सवाल नहीं पूछे जाते. रतन टाटा जी से आरे कॉलोनी के बारे में सवाल पूछिए. मैं जानना चाहती हूं कि वो इसपर क्या सोचते हैं. हमें इन प्लेटफॉर्म पर सभी मुद्दों पर ओपिनियन देने को कहा जाता है, सरकार से लेकर #MeToo तक... आप क्रिकेटर्स से #MeToo के बारे में पूछिए. मैं ऐसा होता नहीं देख रही.’
दीपिका पादुकोण, एक्टर

दीपिका पादुकोण मेंटल हेल्थ के बारे में हमेशा से बोलती आई हैं. उन्होंने ‘द लिव लॉन्ग फाउंडेशन’ नाम से एक एनजीओ भी शुरू किया है. फिल्मों की बात करें तो दीपिका जल्द ही मेघना गुलजार की ‘छपाक’ और पति रणवीर के साथ कबीर खान की ‘83’ में नजर आएंगी.

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Published: 10 Oct 2019,06:50 PM IST

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