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एक्टर दीपिका पादुकोण हमेशा से कई मुद्दों पर अपनी राय रखती आई हैं, लेकिन हाल ही में जब उनसे मॉब लिंचिंग पर सवाल किया गया, तो दीपिका सीधा-सीधा जवाब देने से बचती दिखीं. दीपिका ने कहा कि वो ऐसी शख्स हैं जो बदलाव के लिए काम करने में यकीन रखती हैं.
द प्रिंट के साथ इंटरव्यू में दीपिका से ऑडियंस में बैठे एक शख्स ने सवाल किया कि देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर अपर्णा सेन और श्याम बेनेगल समेत कई हस्तियों ने पीएम को लेटर लिखा था. उन्होंने दीपिका से पूछा कि एक बड़ी शख्सियत होने के बावजूद वो अब तक इस मामले पर चुप क्यों रहीं?
इस पर दीपिका ने कहा,
दीपिका ने कहा कि वो लोगों की आलोचना से नहीं डरती हैं, लेकिन उनसे हर मुद्दे पर बोलने की उम्मीद करना गलत है. एक्टर ने कहा, 'अगर मैं पब्लिक से कुछ कहने जा रही हूं, तो मैं ट्विटर पर रैंट करूंगी, अगर मैं इंटरव्यू देने जा रही हूं और मुझे कोई बदलाव नहीं दिख रहा है, तो ये मेरी एनर्जी की बर्बादी है. तो मैं इसे इसी तरह से करना पसंद करूंगी जिससे कुछ बदलाव आए. मैं उस जगह पर हूं जहां मैं अपनी जिंदगी के हर कोने में बदलाव देखना चाहती हूं.'
एक दूसरे शख्स ने दीपिका से सवाल किया कि क्या उन्हें ऐसा लगता है कि बॉलीवुड सितारों का हर मुद्दे पर ओपिनियन रखना जरूरी है. इस सवाल के जवाब में दीपिका ने कहा कि वो पब्लिक फोरम पर उनसे पूछे जा रहे सवालों को डिक्टेट नहीं कर सकतीं, लेकिन सिर्फ बॉलीवुड से जवाब की उम्मीद रखना गलत है.
दीपिका पादुकोण मेंटल हेल्थ के बारे में हमेशा से बोलती आई हैं. उन्होंने ‘द लिव लॉन्ग फाउंडेशन’ नाम से एक एनजीओ भी शुरू किया है. फिल्मों की बात करें तो दीपिका जल्द ही मेघना गुलजार की ‘छपाक’ और पति रणवीर के साथ कबीर खान की ‘83’ में नजर आएंगी.
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