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'द नेमसेक', 'सलाम बॉम्बे' और 'मॉनसून वेडिंग' जैसी सफल सामाजिक फिल्मों को लेकर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहचान बनाने वाली फिल्म प्रोड्यूसर और डायरेक्टर मीरा नायर को लगता है कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ भेदभाव होता है. भारतीय मूल की अमेरिकी फिल्ममेकर मीरा नायर ने एक इंटरव्यू में नस्लवाद और लैंगिकवाद को लेकर फिल्म बनाने की अपनी शैली से लेकर भारतीय सिनेमा में सेंसरशिप जैेसे कई मुद्दों पर खुलकर बात की.
मीरा ने कहा कि वो यह जानकर बहुत रोमांचित थीं कि 'बरेली की बर्फी' सरीखी फिल्म को एक महिला ने बड़ी ही खूबसूरती से से लिखा और निर्देशित किया. लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि आमतौर पर जिस फिल्म जगत में पुरुषों का वर्चस्व हो, वहां महिलाओं के लिए अपना रास्ता बनाना कोई आसान काम नहीं है.
मीरा ने देश के विभिन्न हिस्सों में संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' के खिलाफ हुए विरोध की निंदा की और कहा कि भारतीय सिनेमा में सेंसरशिप एक कठोर स्तर पर पहुंच गई है.
हालांकि मीरा नायर का मानना है कि बातचीत कभी-कभार रचनात्मकता को बेहतर बनाती है. उन्होंने बताया कि यह हमारे जैसे एक महान देश में सीख देने का कोई नुस्खा नहीं है जहां कोई आदमी आपको आकर थप्पड़ मार देगा और जला देगा, मैं इसकी निंदा करती हूं.
(इनपुट: IANS)
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Published: 29 Jan 2018,12:49 PM IST