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मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा के बीच करीब 2 दशक बाद हिंदी सिनेमा की वापसी हुई है. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर चुराचांदपुर में एक अस्थायी ओपन थियेटर में फिल्म 'उरी द सर्जिकल स्ट्राइक' को दिखाया गया. इसका आयोजन आदिवासी संस्था हमार स्टूडेंट्स एसोसिएशन (HSA) ने किया था.
स्क्रीनिंग का उद्देश्य सितंबर 2000 में 'रेवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट' द्वारा हिंदी फिल्मों पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त करना था. HSA ने अपने एक बयान में कहा -
बयान में आगे कहा गया है कि 'दो दशक से अधिक समय से हमारे शहर में एक भी फिल्म प्रदर्शित नहीं हुई है. मैतेई लोगों ने लंबे समय से हिंदी फिल्मों पर प्रतिबंध लगा रखा है.
मणिपुर में अलगाववादी संगठन 'रेवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट ने हिंदी फिल्मों की स्क्रीनिंग और चैनलों पर हिंदी फिल्मों के प्रसारण पर सितंबर 2000 से प्रतिबंध लगाया था.
रेवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट ने कथित तौर पर दलील दी थी कि हिंदी फिल्में मणिपुरी मूल्यों के खिलाफ होती हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2000 में मणिपुर में करीब 60 सिनेमाघर थे, वहीं संख्या घटकर अब 2 हो गई है.
मणिपुर की चैंपियन मुक्केबाज मैरी कॉम की खुद की बायोपिक भी उनके गृह राज्य में रिलीज नहीं हुई.
मणिपुर के सिनेमाघरों में आखिरी बार जो हिंदी फिल्म रिलीज हुई थी, वो शाहरुख खान की 'कुछ कुछ होता है' थी. यह 1998 की बात है. उसके बाद ये यहां कोई हिंदी फिल्म प्रदर्शित नहीं हुई.
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