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क्विंट के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में तापसी पन्नू ने हाल ही में उनके खिलाफ हुई इनकम टैक्स रेड पर खुलकर बात की. रेड पर पन्नू ने बताया कि उन्हें इसके बारे में कैसे पता चला था. तापसी ने कहा, "जब वो मेरे पास आए तब मुझे बताया गया कि मेरे मुंबई और दिल्ली स्थित घरों पर भी छापे पड़ रहे हैं."
क्या तापसी को रेड की आशंका थी?
“मुझे नहीं लगता कि रेड होने की आशंका थी, और खासकर मेरे परिवार को तो बिलकुल नहीं. उनके लिए ये बहुत हैरान करने वाला था और इसलिए वो ज्यादा परेशान थे. लेकिन मैं जानती हूं कि मैं अब पब्लिक की नजरों में हूं और इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. इसलिए आपको किसी भी समय किसी भी तरह की स्क्रूटिनी के लिए तैयार रहना पड़ेगा. ये इनकम टैक्स हो सकता है, NCB हो सकती है. पिछले कुछ समय या कुछ महीनों में मुझे समझ आ गया है कि कुछ भी हो सकता है. जब मैंने कुछ गलत नहीं किया तो मुझे डर क्यों लगना चाहिए. अगर कोई मानवीय भूल हुई है तो मैं सजा के तौर पर उसकी कीमत चुकाऊंगी. लेकिन मैं अपराधी नहीं हूं, मैंने आपराधिक रूप से कुछ भी अवैध नहीं किया है और इसलिए मैं नतीजों से नहीं डरती.”
क्या रेड राजनीति से प्रेरित थीं?
“जब मैंने अपना फोन और सोशल मीडिया देखा तो लोगों ने मुझे बताया कि ये सब न्यूज में चल रहा है, ये एक एंगल है (कि रेड राजनीति से प्रेरित हैं). फिर लोगों ने सोचा कि क्योंकि मैं अनुराग कश्यप के साथ शूट कर रही हूं तो उन्होंने अनुराग पर रेड डालने की सोची और उन्होंने सोचा कि ये भी साथ है तो लगे हाथ इस पर भी रेड कर दो, कुछ लोगों ने मुझे ये लॉजिक भी दिया. तो कुछ ऊटपटांग लॉजिक चल रहे हैं. अगर मैं अधिकारियों से पूछती भी तो मुझे नहीं लगता कि वो मुझे बताते क्योंकि उनका एक प्रोटोकॉल होता है. अगर मुझे पता चल भी जाता तो मैं उसके बारे में क्या कर लेती? क्या मैं उसे बदल पाती? नहीं. क्या मैं खुद को ऐसी चीज के लिए बदलना चाहती हूं जिसका पता नहीं है और न ही आशंका है? नहीं.”
“5 करोड़ कहां हैं?”
मीडिया के एक धड़े ने खबर चलाई कि तापसी के परिसरों से 5 करोड़ रुपये की कैश रसीदें जब्त की गई हैं. इस पर तापसी ने कहा, “इनकम टैक्स विभाग ने बयान में बताया था कि ये-ये मिला है और उन्होंने नाम नहीं बताया कि किसके पास से क्या मिला है क्योंकि ये उनका प्रोटोकॉल होता है. लेकिन एक लीडिंग एक्ट्रेस है और 22 नामों में से मेरा नाम सामने आया था, इसलिए मीडिया ने और कुछ पता करना ठीक नहीं समझा. मीडिया के एक धड़े ने आधी पत्रकारिता की. मैं बैठी सोच रही थी कि 5 करोड़ कहां हैं, मैं भी जानना चाहती हूं, मुझे जिंदगी में अभी किसी काम के लिए 5 करोड़ ऑफर नहीं हुए हैं. मैं उन रसीदों को फ्रेम करा कर अपने पास रखना चाहूंगी जिससे कि मैं बाकी से कह सकूं कि “सुनो मुझे इतने पैसे देने पड़ेंगे.”
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