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दशकों से हम फिल्मी पर्दे पर हिरोइनों को शरमाते और नजाकत से पेश आते देखते आए हैं. आखें चुराना, तहजीब से लबरेज गुजरा जमाना बॉलीवुड का अंदाज बयां करता आया है. पर जनाब, जमाना बदल गया है. बोल्ड बिंदास और बेलगाम, आज की अदाकारा पर्दे पर हर किरदार निभाने को तैयार हैं.
अब शरमाना किसे है, यह आप ही तय कर लीजिए. हाल ही में करीना कपूर, सोनम कपूर, स्वरा भास्कर स्टारर फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’ का ट्रेलर लाॅन्च हुआ, जिसमें हिरोइनों की जुबान से गालियों की बौछार हो रही है.
यूं तो फिल्मी कहानियां आम जिंदगी के ताने-बाने के इर्द-गिर्द ही बुनी जाती हैं. कुछ वक्त पहले तक एंटरटेनमेंट में तौर-तरीकों और बारीक लकीरों का खास खयाल रखा जाता था. बदलते दौर में अब पर्दे पर सब कुछ दिखाई देने लगा है. एक्सपेरिमेंट नया है, ट्रेंड करता है.
गैंग्स ऑफ वासेपुर में ताबड़तोड़ गालियां देने के जौहर को नवाजुद्दीन सिद्दीकी और मनोज बाजपेई की रियलिस्टिक एक्टिंग का बेजोड़ नमूना माना गया. हिरोइनें भी भला कहां पीछे रहतीं. फिल्म ‘फुकरे’ में रिचा चड्ढा और ‘अनारकली ऑफ आरा’ में स्वरा भास्कर ने जी भरके गालियां दीं. बेबाक गालियां देते हुए किरदारों को दर्शकों ने हाथों-हाथ ले लिया. खचाखच भरे हुए थियेटरों में हल्के अंधेरे के बीच बिंदास डायलॉग पर मचता शोर साथ बैठे हर उम्र के मर्द ,औरत, दोस्त-रिश्तेदार, हर कोई पुरानी परंपरा के बंधन तोड़ने का ऐलान कर रहा है.
अब वीरे दी वेडिंग फिल्म का ट्रेलर दर्शकों के बीच तहलका मचा रहा है. यह कहानी लड़कियों की दोस्ती और शादी, रिश्ते, सेक्स, इमोशन, हर पहलू पर किरदारों की बेबाक और बिंदास लाइफस्टाइल को नए अंदाज में पेश कर रही है.
इम्तियाज अली की फिल्म ‘जब वी मेट’ में जब करीना कपूर को गाली देते हुए सुना, तो यकीन मानिए, जैसे गाली पर से लड़कों का कॉपीराइट छिन गया हो.
पिछली कहानियों में फर्क सिर्फ इतना कि दर्शक वही देखना चाहता है, जो असल में होता है. गालियां देने का चलन हमारे समाज में आम बात है. हमें सिखाया भी यह जाता है कि यह सही नहीं है, लेकिन मोहल्ले, सड़कों से चलकर ये सच्चाई अब रुपहले पर्दे पर आ चुकी है, जिसे दर्शक पसंद भी कर रहे हैं.
आइये नजर डालते हैं कुछ ऐसी फिल्मों पर, जिनमें महिलाओं के बोल्ड अंदाज को दर्शकों ने खूब सराहा.
एंटरटेनमेंट का कंप्लीट डोज ‘फुकरे रिटर्नस’ जैसी फिल्में ही हो सकता है, लेकिन फिल्म की मुख्य किरदार ऋचा चड्ढा जब ‘फुकरे बॉयज’ पर गालियों की बारिश करती हैं, तो अच्छे-अच्छे शरमा जाएं. बोल्डनेस से भरे ऋचा के किरदार को दर्शकों ने भी खूब सराहा.
"आजादी केवल मर्दों की होती है.'' ऐसे ही बोल्ड और धमाकेदार डायलॉग से शुरू होती है विद्या बालन की फिल्म ‘बेगम जान’, जिसमें विद्या एक ‘कोठा’ चलाने वाली तवायफ के किरदार में नजर आई हैं.
बेगम जान में मौजूद हर किरदार ने ये दिखाने की कोशिश की है कि अगर रोल सॉलिड ढंग से लिखा गया हो, तो उसे बेहतरीन ढंग से अंजाम दिया जा सकता है. तमाम गाली-गलौज, बोल्ड सीन के बावजूद बेगमजान दर्शकों की पहली पसंद बनी रही.
'तनु वेड्स मनु' और 'रांझना' और 'निल बटे सन्नाटा' में खुद को बेहतरीन कलाकार सबित कर चुकी स्वरा भास्कर ने अपनी दमदार ऐक्टिंग के दम पर फिल्म अनारकली ऑफ आरा को कहीं कमजोर नहीं पड़ने दिया. स्वरा की डायलॉग डिलीवरी इस फिल्म की यूएसपी साबित हुई.
बतौर डायरेक्टर अविनाश दास की यह डेब्यू फिल्म जरूर थी, लेकिन अविनाश ने कम बजट में बनी फिल्म के माध्यम से कई गंभीर मुद्दों पर भी दर्शकों का ध्यान खींचने की कोशिश की थी. बेशक फिल्म में कई डबल मीनिंग डायलॉग, गाली-गलौज हैं, लेकिन दर्शकों ने इस फिल्म में स्वरा भास्कर के किरदार को खूब पसंद किया.
जिंदगी पर इस तरह भड़ास निकालती कहानियां लोगों का मनोरंजन तो खूब कर रही हैं, लेकिन समाज को क्या संदेश देंगी, ये कहा नहीं जा सकता.
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