Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Entertainment Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Bollywood Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बॉलीवुड इन चाइना: राज कपूर से लेकर आमिर तक... चीन में हैं हिट

बॉलीवुड इन चाइना: राज कपूर से लेकर आमिर तक... चीन में हैं हिट

‘अंधाधुन’ ने चीन में 13 दिन के अंदर ही 200 करोड़ के ऊपर कमा लिए. चीनी, बॉलीवुड फिल्में देखना क्यों पसंद करते हैं? 

दीपशिखा
बॉलीवुड
Updated:
सीक्रेट सुपरस्टार, बजरंगी भाईजान और दंगल के चीनी पोस्टर
i
सीक्रेट सुपरस्टार, बजरंगी भाईजान और दंगल के चीनी पोस्टर
फोटो: ट्विटर 

advertisement

बॉलीवुड की फिल्मों को चीन में एक नया बाजार मिल गया है. दूसरे देशों के मुकाबले हिंदी फिल्मों की चीन में न सिर्फ कमाई ज्यादा हो रही है, बल्कि उनके प्रचार के लिए ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ रही है. पिछले साल आई आयुष्मान खुराना, तब्बू और राधिका आप्टे की फिल्म ‘अंधाधुन’ हाल ही में चीन में ‘पियानो प्लेयर’ नाम से रिलीज हुई और रिलीज होने के बाद इस फिल्म ने अबतक 300 करोड़ से अधिक की कमाई कर ली है. इससे पहले बॉलीवुड की कई फिल्मों ने चीन में अच्छी कमाई की है. जिसमें सबसे आगे हैं आमिर खान. उनकी फिल्मों ने भी चीनी बॉक्स ऑफिस पर कई बड़े रिकॉर्ड बनाए हैं.

आयुष्मान खुराना के साथ फिल्म में  राधिका आप्टे और तब्बू भी हैं(फोटो: Facebook)

1951 में पहली बार चीन पहुंचा था बॉलीवुड

चीन में बॉलीवुड की फिल्मों के रिलीज होने की शुरुआत 1951 में राज कपूर की क्लासिक फिल्म 'आवारा' से हुई थी. तब चीन एक सोवियत देश हुआ करता था और राज कपूर की फिल्में सोशलिज्म पर आधारित होती थीं. 'आवारा' में राज कपूर आम आदमी के रोल में नजर आये थे जिस वजह से चीन के लोग अपने आपको उस मूवी से रिलेट कर पाए थे. इस तरह वो चीन में आम आदमी और गरीब आदमी के हीरो बन गए. राज कपूर की फिल्म न केवल चीन में बल्कि USSR में भी बहुत चली. राजकपूर की फिल्म 'मेरा नाम जोकर' तो भारत-रूस दोस्ती की मिसाल के रूप में देखा जाता है.

राज कपूर एरा के बाद सीधे आया आमिर खान एरा

1951 के 60 साल बाद आमिर खान की '3 इडियट्स' चीन में रिलीज़ होने वाली दूसरी फिल्म थी. '3 इडियट्स' फिल्म का मैसेज यह था कि बच्चों को काबिल बनने पर ध्यान देना चाहिए, तब ही कामयाबी उनके पीछे भागेगी. चीन के एक मीडिया प्रोफेशनल सुवम पाल का कहना है कि चीन के लोग आमिर की इस फिल्म में दिए मैसेज से बहुत प्रभावित हुए थे क्योंकि चीन में भी बच्चों पर जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम की वजह से पढ़ाई का प्रेशर बहुत है.

‘3 इडियट्स’ में आमिर के साथ थे माधवन और शर्मन जोशीक्विंट हिंदी
चीन में वन एग्जाम वन कंट्री मॉडल फॉलो किया जाता है. इस एग्जाम का नाम है गावकाव और इसमें आये रैंक पर बेस्ड बच्चे अपनी स्ट्रीम चुन सकते हैं. भारत के कोटा की तरह चीन में भी बच्चों पर पेरेंट्स प्रेशर ज्यादा होता है. इंडिया के मिडिल क्लास की तरह चीन का मिडिल क्लास भी अपने बच्चों से कुछ ज्यादा ही उम्मीदें रखता है.
सुवम पाल

आमिर खान की फिल्म 'दंगल' साल 2017 में चीन में रिलीज हुई थी और उससे पहले 2015 में 'PK' भी चीन में रिलीज हो चुकी थी.

‘दंगल’ चीन के लोगों को इसलिए भा गयी क्योंकि चीन के ग्रामीण क्षेत्र आज भी इंडिया के ग्रामीण क्षेत्रों की ही तरह सोच रखते हैं. वहां की औरतें भी अपने अधिकार के लिए लड़ रही हैं.

दंगल फिल्म में आमिर खान (फोटोः दंगल)

आमिर खान की ‘PK’ धर्म और अंधविश्वास पर बनी थी और ये फिल्म भी चीन के लोगों को इसलिए पसंद आई क्योंकि चीन भी किसी एक धर्म को फॉलो नहीं करता.

आमिर की सीक्रेट सुपरस्टार भी चीन में बहुत पसंद की गयी. सुवम पाल का कहना है कि चीनियों को ऐसी स्टोरीज बहुत अच्छी लगतीं हैं. और सीक्रेट सुपरस्टार पसंद आने का दूसरा एक कारण ये भी था कि वो कहानी एक टैलेंट शो पर बेस्ड थी और चीन में अक्सर कोई ना कोई टैलेंट शो होते ही रहता है. तो एक बार फिर वहां के लोग बॉलीवुड फिल्म से अपने आपको जुड़ा हुआ महसूस कर पाए.

सीक्रेट सुपरस्टार का पोस्टर(फोटो: Aamir Khan Productions)

चीनी ऑडियंस बॉलीवुड फिल्म्स के कॉन्टेंट की तरफ खिची चली आती है

आमिर खान चीन में एक बहुत बड़े स्टार हैं और उनकी स्टारडम ने चीन में बॉलीवुड की फिल्मों के लिए दरवाजे खोले. साथ ही, चीन में हिंदी फिल्मों को पसंद करने का जो सबसे बड़ा कारण बना- वो है इंडियन फिल्मों का कॉन्टेंट.

हू श्याओवेन, युन्नान एकेडमी ऑफ सोशल साइंस में एक सहायक प्रोफेसर हैं और उनको '3 इडियट्स', ‘PK’ और ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ काफी पसंद आयी. उन्हें लगता है कि ह्यूमन इंट्रेस्ट की कहानियां चीनी दर्शकों को पसंद आती हैं.

बॉलीवुड की फिल्में सामाजिक समस्याओं को दर्शातीं हैं जो चीन के पास भी हैं, यही कारण है कि चीनी लोग उन फिल्मों से एक तरह का जुड़ाव महसूस कर पाते हैं. और इन फिल्मों में ज्यादा इफेक्ट्स का यूज नहीं होता है. ये सिर्फ एक कहानी बताती हैं, सरल और स्पष्ट. इन फिल्मों से लोगों को लगता है कि फिल्म निर्माता बहुत ईमानदार है, कुछ हॉलीवुड फिल्मों की तरह नहीं, जो फास्ट फूड की तरह होती हैं.
हू शियाओवेन

मूवीज इंडो-चीन डिप्लोमेसी का हिस्सा है

दोनों देशों के बीच अभी भी कुछ मुद्दे ऐसे हैं, जो ज्वलंत हैं, लेकिन कुछ मुद्दों के जरिये आपस में शांति बनाये रखने की कोशिश जारी है. भारत ने चीन के साथ संबंध बनाना शुरू कर दिया है. दोनों देश व्यापार में अच्छा सहयोग कर रहे हैं और इस वजह से भारत और चीन के बीच व्यापार के क्षेत्र में वृद्धि भी हुई है.

चीन में इंडियन एंबेसी लोगों को महीने में एक बार बॉलीवुड मूवी देखने के लिए इन्वाइट करती है. इस तरह से चीन में इंडियन एंबेसी अब तक वहां के लोगों को 'इंग्लिश विंगलिश', 'बधाई हो' और 'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' जैसी फिल्में दिखा चुकी है.

बधाई हो में आयुष्मान खुराना, सान्या मल्हो्त्रा और गिरिराज रावफोटो:Instagram 

चीन के पास भारत की तुलना में अधिक स्क्रीन्स हैं

चीनी बाजार में हिंदी फिल्मों के कारोबार पर ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श का मानना

है कि चीन की बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में स्क्रीन की महत्वपूर्ण भूमिका है.

चीन के पास भारत की तुलना में ज्यादा स्क्रीन्स हैं और शोज भी ज्यादा होते हैं. बॉलीवुड की फिल्में वहां स्थानीय भाषा में रिलीज होती है, जिससे चीन के लोगों को बहुत फायदा होता है
तरण आदर्श 

बॉलीवुड की फिल्में बीजींग के कोने-कोने में दिखाई जाती हैं. कहने का मतलब ये कि चीन में हर रोज हिंदी फिल्मों का एक शो तो होता ही है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 17 Apr 2019,03:32 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT