Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Entertainment Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Celebs Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019इरफान की पत्नी सुतपा का दिल छू लेने वाला पोस्ट-मैंने कुछ नहीं खोया

इरफान की पत्नी सुतपा का दिल छू लेने वाला पोस्ट-मैंने कुछ नहीं खोया

मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में 29 अप्रैल को इरफान खान ने आखिरी सांसें लीं

क्विंट हिंदी
सितारे
Updated:
मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में 29 अप्रैल को इरफान खान ने आखिरी सांसें लीं
i
मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में 29 अप्रैल को इरफान खान ने आखिरी सांसें लीं
(फोटो: फेसबुक, इंस्टाग्राम)

advertisement

इरफान खान ने 29 अप्रैल को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में आखिरी सांसें लीं. उनकी रुखसती से पूरी फिल्म इंडस्ट्री से लेकर दुनियाभर में उनके फैंस गम में हैं. इरफान लंबे समय से बीमार चल रहे थे और इस आखिरी समय में उनका परिवार उनके साथ साथ था. इरफान की पत्नी, सुतपा सिकदर, जिन्हें वो अपनी मजबूती बताते थे, ने पति को याद करते हुए उनके फैंस और चाहने वालों के लिए एक मैसेज लिखा है. पति को श्रद्धांजलि देते हुए सुतपा ने लिखा, “मैंने कुछ खोया नहीं... मैंने हर तरह से पाया है.

इरफान खान के परिवार का मैसेज:

“मैं इसे परिवार के बयान के रूप में कैसे लिखूं जब पूरी दुनिया को ऐसा लग रहा है कि उन्होंने कोई अपना खो दिया? मैं अकेला कैसे महसूस करूं जब इस घड़ी में लाखों लोग हमारे साथ दुख मना रहे हैं? मैं सबको ये बताना चाहती हूं कि हमने कुछ खोया नहीं है, हमने पाया है. हमने वो चीजें पायी हैं जो उन्होंने हमें सिखाईं, और अब हमें इसे लागू करना चाहिए. फिर भी मैं उन चीजों के बारे में बताना चाहूंगी, जिनके बारे में लोग नहीं जानते हैं.

ये हमारे लिए अविश्वसनीय है, लेकिन मैं इसे इरफान के शब्दों में कहूं, तो 'ये मैजिकल है'. चाहे वो यहां हैं या नहीं, और यही उन्हें सबसे ज्यादा पसंद था, उन्होंने कभी एक रियलिटी से प्यार नहीं किया. मुझे उनसे बस एक ही शिकायत है; उन्होंने मुझे जिंदगीभर के लिए बिगाड़ दिया.

परफेक्शन के लिए उनके प्रयास ने मुझे कभी भी साधारण के लिए सेटल नहीं होने दिया. वो एक लय में सबकुछ देखते थे, शोर-शराबे और अराजकता में भी. तो मैंने उसी लय पर चलना सीख लिया. मजेदार बात ये है कि हमारी जिंदगी एक्टिंग में मास्टरक्लास थी. तो जब हमारी जिंदगी में इस 'बिन बुलाए मेहमान' की ड्रमैटिक एंट्री हुई, तब तक मैंने शोर-शराबे में हारमनी देखना सीख लिया था. डॉक्टरों की रिपोर्ट स्क्रिप्ट की तरह थी, जिसे मैं चाहती थी कि परफेक्ट हो, इसलिए मैंने किसी डिटेल को मिस नहीं किया, जो उन्हें अपनी परफॉर्मेंस के लिए चाहिए थी.

इस सफर में हम कई शानदार लोगों से मिले और ये लिस्ट लंबी है, लेकिन मैं कुछ लोगों के बारे में बताना चाहूंगी, हमारे ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ नितेश रोहतगी (मैक्स अस्पताल साकेत), जिन्होंने शुरुआत में हमारा हाथ थामा. डॉ डैन क्रेल (यूके), डॉ शीद्रवी (यूके), इस अंधेरे समय में मेरी रौशनी डॉ सेवंती लिमाय (कोकिलाबेन अस्पताल). ये समझाना मुश्किल है कि ये सफर कितना शानदार, खूबसूरत, दर्दनाक और एक्साइटिंग रहा है. मुझे ढाई सालों का ये एक अंतराल लगता है, हमारे 35 सालों के साथ से अलग, जिसकी अपनी शुरुआत, मध्य और अंत रहा, और इरफान इसमें ऑर्केस्ट्रा कंडक्टर की भूमिका में रहे. हमारी शादी नहीं थी, ये एक यूनियन था.

मैं अपने परिवार को एक नाव में देखती हूं, अपने दोनों बेटों, बाबिल और अयान के साथ, आगे बढ़ते हुए... इरफान उन्हें रास्ता दिखा रहे हैं, "वहां नहीं, यहां से मुड़ो", लेकिन क्योंकि जिंदगी सिनेमा नहीं है और इसमें कोई रीटेक नहीं होते, मैं चाहती हूं कि अपने पिता के मार्गदर्शन से तूफान में भी मेरे बच्चे इस नाव में सुरक्षित पार पा लें. मैंने अपने बच्चों से पूछा, अगर वो अपने पिता से सीखे हुए एक सबक को जोड़ सकते हैं, जो उनके लिए अहम रहा हो.

बाबिल: “अनिश्चितता के सामने सरेंडर करना और ब्रह्मांड में अपने विश्वास पर भरोसा रखना सीखें.”

अयान: “अपने दिमाग को कंट्रोल करना सीखें और इसे आपको कंट्रोल न करने दें.”

अब जब हम उनके पसंदीदा, रात की रानी के पेड़ को वहां लगा रहे हैं, जहां इस शानदार सफर के बाद उन्हें रखा गया है, हमारी आंखों से आंसू बह निकले हैं. थोड़ा वक्त लगेगा, लेकिन फूल खिलेंगे और इसकी खुश्बू फैलेगी और आने वाले सालों में उन सभी तक पहुंचेगी, जिन्हें मैं फैंस नहीं कहूंगी, बल्कि परिवार कहूंगी.”

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 01 May 2020,03:01 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT