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शूटर दादियों के रोल में यंग एक्ट्रेसेस को देख नीना और सोनी खफा

फिल्म ‘सांड की आंख’ की कास्टिंग को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है.

अबीरा धर
सितारे
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(फोटो: altered by Quint Hindi)
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(फोटो: altered by Quint Hindi)

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आजकल तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर की आने वाली फिल्म 'सांड की आंख' चर्चा में है. फिल्म में बुजुर्ग शूटर का किरदार निभाने को लेकर इन दोनों के काम की तारीफ हो रही है. लेकिन इन सबके बीच फिल्म की कास्टिंग को लेकर एक नई बहस भी छिड़ गई है. वरिष्ठ अभिनेत्री सोनी राजदान और नीना गुप्ता का मानना है कि किसी बुजुर्ग का किरदार निभाने के लिए कम उम्र के एक्टर को कास्ट करना सही नहीं है. नकली झुर्रियों वाले मेकअप से स्क्रीन पर किरदार वास्तविकता से दूर हो जाते हैं, और उनमें बनावटीपन झलकता है.

शूटर चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर के किरदार में भूमि पेडनेकर और तापसी पन्नू के कास्टिंग के बारे में बात करते हुए द क्विंट से हुई बातचीत में सोनी राजदान ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मुझे इन दोनों एक्टर्स से प्यार है, लेकिन ऐसा क्यों किया जाता है? मुझे लगता है कि बॉक्स ऑफिस सबके लिए बराबर है, लेकिन फिर 60 साल के बुजुर्गों पर फिल्म क्यों बनाई जाती है, अगर आप असली उम्रदराज एक्टर को कास्ट नहीं कर सकते?”

“इसका कोई अर्थ नहीं निकलता. मुझे लगता है कि यह प्रामाणिकता के बारे में है. क्या ये तरीका 30 साल के युवाओं के साथ काम करता है? एक पॉइंट के बाद ये नासमझी है. मुझे स्क्रिप्ट की जानकारी नहीं है और ये मेरे लिए नहीं है. मैं सिर्फ यह कह रही हूं कि बॉलीवुड में स्टीरियोटाइप को तोड़ने की बातें बकवास है. अगर ऐसा है तो हम जहां थे आखिर में वहीं वापस आ गए हैं. सिर्फ एक फिल्म - ‘बधाई हो’ - का मतलब यह नहीं है कि एक स्टीरियोटाइप टूटा है”   

उन्होंने कहा, 'निश्चित रूप से मुझे पता है कि अनुपम को जब कम उम्र के थे, तब 'सारांश' में उन्होंने 60 साल के व्यक्ति का किरदार निभाया था, और इसी से उनका करियर बना. इसलिए फिल्म बनाते समय निर्देशक को सीमित करना सही नहीं है. वह कहती हैं कि इन दिनों रोल्स हासिल करने को लेकर उम्रदराज अभिनेता बेहद सीमित हैं.

नीना गुप्ता ने भी बॉलीवुड से अपील की है कि वे उन अहम भूमिकाओं में वरिष्ठ कलाकारों को कास्ट करें, जो उनके लायक है. नीना ने एक ट्विटर यूजर के एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया जताई है, जिसमें कहा गया था कि काश नीना, शबाना आजमी या जया बच्चन को फिल्म 'सांड की आंख' के लिए कास्ट करने पर विचार किया जाता, बजाय उनके, जो असल जिंदगी में उनके किरदार की उम्र के आधे थे. नीना ने भावुकता के साथ सहमति जताते हुए ट्वीट किया, “हां, मैं भी इस बारे में सोच रही थी. हमरी उम्र के रोल तो कम से कम हमसे करा लो भाई.”

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द क्विंट से बात करते हुए नीना ने कहा, "यह एक बिजनेस है - उन्हें प्रोजेक्ट के लिए उन्हें लेना होगा जो उनके लिए अच्छे हैं. शायद वे (उम्रदराज एक्टर्स) मार्किट में नहीं बिकते हैं.

नीना गुप्ता ने 2018 में आई फिल्म 'बधाई हो' में एक अधेड़ उम्र की महिला का किरदार निभाने के लिए हाल ही में क्रिटिकल अक्लेम अवॉर्ड जीता है.

'सांड की आंख' शार्पशूटर चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर से प्रेरित है, जिन्होंने उम्र के 60वें दशक में शूटिंग सीखना शुरू किया और क्रमशः दुनिया के सबसे बुजुर्ग और दूसरे सबसे बुजुर्ग शार्पशूटर बनकर इतिहास रच दिया. फिल्म के ट्रेलर में तपसी और भूमि की केमेस्ट्री अच्छी लग रही है. लेकिन दोनों मुश्किल से ही बुजुर्ग जैसी दिख रही हैं. प्रोस्थेटिक्स मेकअप ज्यादा कमाल नहीं कर पाया.

देखें वीडियो - ‘सांड की आंख’ की शूटर दादियों से बातचीत- ‘तापसी मेरे साथ सोती थी’

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